एक प्रण से तालाब में फूँका प्राण, अब प्यास से पार पाने की कतार

21 Apr 2016
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जहाँ चाह वहाँ राहः जटियापाली के ग्रामीणों ने लिखी खुद की इबारत, सूखे तालाब को कर दिया लबालब

पीने के पानी की समस्या भीषण गर्मी के बाद शुरू
15 सालों से पानी का समस्या इतनी बढ़ी कि गाँव के लड़कों का शादियाँ नहीं हो पाती

इरादों से निकली पानी का कहानी


सूखे का मार से प्रभावित प्रदेश में गर्मी के प्रचंड होते ही पानी की किल्लत जगह-जगह विकराल रूप लेती नजर आ रही है, वहीं यहाँ कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने इस समस्या का रोना रोने की बजाय खुद कुछ करने की ठानी और बूँद-बूँद सहेजकर उदाहरण पेश किया है। ऐसे ही उम्दा लोगों की पत्रिका ने पड़ताल की। पेश है, इस शृंखला का दूसरी मिसाल। रायगढ़। बूँद-बूँद पानी के लिये जूझने वाले सारंगढ़ विधानसभा और बरमकेला ब्लॉक के जटियापाली गाँव के लोगों ने एक प्रण से करीब आधा किलोमीटर दूर एक तालाब में प्राण फूँक कर एक मिसाल तो कायम कर दी है, जिसमें वे निस्तारी का काम निपटा लेते हैं। अब पीने के पानी के लिये भी दो किलोमीटर दूर दर्राभाँटा गाँव बच्चे से लेकर बुजुर्गों को रोज इस तरह न जाना पड़े, इसके लिये नई कवायद का संकल्प लिया है। गाँव वालों के जज्बे को देखते हुए इसके समाधान के लिये सरकारी टीम भी जल्द यहाँ पहुँचने वाली है।

कभी बिना पानी के रहे इस गाँव की कहानी भी बड़ी रोचक है। यहाँ के ग्रामीणों ने पिछले साल जोगनीपाली गाँव में आयोजित सरकारी शिविर में मौजूद अफसरों से अपने गाँव में पानी की व्यवस्था करने की गुहार लगाई। इन लोगों की बातों को सुनकर यहाँ मौजूद अफसर भड़क गए। उनका कहना था, बिना पानी के गाँव कैसे हो सकता है? यह कहते हुए उसने कहा, चलो तुम्हारे गाँव को देखते हैं। अगर पानी मिल गया फिर तुम्हें बातएँगे। गाँव वालों ने भी कहा, अगर नहीं मिला तो हम आपको वहाँ आने नहीं देंगे। साहब वहाँ गए और हैरान रह गए। आश्वासन दिया और लौट गए, लेकिन गाँव वालों को पानी नहीं मिला। इसके बाद ग्रामीणों ने इस समस्या से निपटने की ठानी। आधे किलोमीटर दूर एक तालाब को बोरिंग से भर डाला। इसमें ग्रामीण निस्तारी का काम निपटाते हैं। दूसरी तरफ पीने के लिये ग्रामीणों ने खुद राशि जुटाई और एक किलोमीटर दूर एक निजी बोर से पाइपलाइन जोड़कर इसे गाँव तक पहुँचाया। हालांकि भीषण गर्मी पड़ने से इस समय बोरिंग सूख गए हैं और ग्रामीणों को पीने के पानी के लिये जद्दोजहद करना पड़ रहा है।

कुदरत की मार


ओडिशा की सीमा से लगे इस गाँव के लोग बताते हैं कि 15 सालों से गर्मी के मौसम में उन्हें पानी नसीब नहीं हो रहा था। ग्रामीण दो किलोमीटर दूर दूसरे गाँव दर्राभाटा से पानी लाते रहे हैं। हालात ये हैं कि इस गाँव के लड़कों को कोई अपनी बेटी का ब्याह नहीं करना चाहता है। पूरे गाँव में करीब 10 बोर हैं और सभी सूख चुके हैं। यहाँ तक कि सरकार की नलकूप योजना भी यहाँ असफल हो चुकी है।

जटियापाली गाँव में पीने के पानी की भीषण समस्या है। अब हमारी टीम उस गाँव का निरीक्षण कर इस समस्या का समाधान की तलाश करेगी... नरेश पटेल, उपाध्यक्ष, जिला पंचायत, रायगढ़

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