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गंगा-अविरलता चिंतन यात्रा
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यात्रा :- 05-08 अप्रैल 2013
स्थान :- हरिद्वार से बद्रीनाथ (उत्तराखंड)
(यात्रा में शामिल होने के लिए आयोजकों से सहमति ले लें।)


सदैव ही माँ गंगा एक नदी से कहीं बढ़कर इस भारतवर्ष की पहचान, इसकी संस्कृति एवं सभ्यता का प्रवाह रही है। इसी राष्ट्रीय नदी गंगा की अविरलता, आज गंगा भक्तों व प्रेमियों में प्राथमिक रूप से चिंता व संघर्ष का विषय बनी हुई है। इस हेतु चिंता एवं विरोध के विभिन्न स्वरों से अवगत राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण एवं इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री इस विषय की गंभीरता को स्वीकारने के बाद भी अब तक व्यवहारिक धरातल पर संवेदनहीन व उपेक्षित रवैया अपनाकर अपने आश्वासनों का सरेआम उल्लंघन कर रहे हैं। परिणामस्वरूप आने वाली 13 मई 2013 को श्रीनगर क्षेत्र की स्थानीय संस्कृति एवं आस्था का प्रतीक माँ धारी देवी सिद्ध पीठ को अलकनंदा पर बनाए जा रहे श्रीनगर बाँध परियोजना की बलि चढाए जाने की तैयारी हो चुकी है। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में गंगा की अविरलता हेतु सरकारों, प्राधिकरण व संसद में रख चुके अपने वैचारिक एवं सैद्धांतिक स्वर को व्यावहारिक भूमि पर भी तेजी से उठाने हेतु आवश्यकता आन पड़ी है।

उपरोक्त गहन चिंतन-मंथन के लिए ही हम 5-6-7-8 अप्रैल 2013 में हरिद्वार से बद्रीनाथ धाम के बीच “गंगा-अविरलता चिंतन यात्रा” का आयोजन करने का निर्णय लिया है, जिसके उद्देश्य/कार्यक्रम निम्न होंगे।

1- गंगा जी की स्थिति, निर्माणाधीन व निर्मित बाँध परियोजनाओं को देखना एवं इनके दुष्प्रभावों की यथास्थिति से दो-चार होना।
2- स्थिति और परिणामों पर गहन चिंतन-मंथन
3- अपने दायित्व और संभव क्रिया-कलाप का आंकलन
4- व्यवहारिक योजना तैयार करना

आशा है कि सक्रिय हस्तक्षेप हेतु आत्मप्रेरित हो 15 मार्च तक आप हमें 5-8 अप्रैल तक इस यात्रा में अपनी भागीदारी की सूचना प्रेषित कर देंगे, जिससे हम विस्तृत कार्यक्रम आपको भेज सकें।

माँ गंगा के सेवार्थ:-


स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, (गंगा सेवा अभियानम)
स्वामी शिवानंद सरस्वती, (मातृसदन, हरिद्वार)
स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद, (पहले डॉ. जीडी अग्रवाल)
हेमंत ध्यानी, (गंगा आह्वान)

संपर्क


(गंगा सेवा अभियानम)
फोन :- 09711216415,
09889710103,
09808725573,
09670356789,
08126044807

ईमेल :- gangaseva@gmail.com
kashi.hemant@gmail.com,
matrisadan@yahoo.com

संपर्क पता :- मातृसदन आश्रम, जगजीतपुर, कनखल, हरिद्वार