गंगा-यमुना उफान पर, 200 सड़कें भूस्खलन से बन्द


भारी बारिश के कारण बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे सिरोहबगड़ और लामबगड़ में बन्द है। यमुनोत्री हाइवे पिछले 15 दिन से बन्द पड़ा है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री हाइवे को खोलने के लिये सौ से ज्यादा जेसीबी मशीन लगाई गई है।

उत्तराखंड में बीते दो दिनों से लगातर हो रही बारिश के चलते सूबे की गंगा, यमुना समेत सभी नदियाँ उफान पर हैं। तकरीबन 200 से ज्यादा सड़कें भारी बारिश के चलते भूस्खलन होने की वजह से बन्द पड़ी हैं। उत्तराखंड के सभी पर्वतीय जिलों में भारी बारिश का प्रकोप जारी है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री हाइवे जगह-जगह से बन्द पड़ा है।

उत्तराखंड जिले में एक दर्जन मकान भारी बारिश के कारण धराशाई हो गए हैं, जिनमें तीन मकान, कुमाऊमंडल के बागेश्वर जिले में, दो मकान देहरादून जिले में और एक मकान हरिद्वार जिले के रुड़की में ध्वस्त हो गया है। इन मकानों में तीन बच्चे दब गए थे, जिन्हें बचाव दलों ने निकालकर राजकीय चिकित्सालयों में भर्ती कराया। सबसे ज्याद बारिश हरिद्वार जिले में 170 मिलीमीटर दर्ज की गई है। राज्य मौसम विज्ञान के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक अगले 24 घंटों में सूबे के सभी जिलों में भारी बारिश होने की सम्भावना है। सूबे में सोमवार तक स्कूल-कॉलेज बन्द रहेंगे। हरिद्वार के पथरी रोह नदी तथा श्यामपुर में रवासन नदी में बना एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। पौड़ी गढ़वाल के ऋषिकेश-चीला मार्ग तथा कोटद्वार-पौड़ी सड़क मार्ग में एक कार और दो मोटर साइकिलें बरसाती नदी के तेज बहाव में बह गईं। कार में सवार चार लोगों को बचाव दलों ने बामुश्किल बचाया। मौसम विभाग के मुताबिक यह मानसून की आखिरी बारिश है। तेज बारिश के चलते तीन मैदानी जिलों हरिद्वार, देहरादून और उधमसिंह नगर के खेतों में बरसात का पानी भरने से धान और गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

भारी बारिश के कारण बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे सिरोहबगड़ और लामबगड़ में बन्द है। यमुनोत्री हाइवे पिछले 15 दिन से बन्द पड़ा है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री हाइवे को खोलने के लिये सौ से ज्यादा जेसीबी मशीन लगाई गई है।

यमुनोत्री हाइवे मार्ग में डबरकोट से जानकी चट्टी के बीच चारधाम यात्रियों के 75 से ज्यादा वाहन फँसे हुए हैं। यमुनोत्री के एसडीएम ने बताया कि यमुनोत्री क पुराना मार्ग भारी भूस्खलन के चलते खोलने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इसलिये यमुनोत्री का वैकल्पिक मार्ग तैयार होने के बाद ही यह वाहन निकाले जा सकेंगे।

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