गंगाजल में बैक्टीरिया


गंगाजल में बैक्टीरिया के आंकड़ों का असर समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि एमपीएन कॉलीफॉर्म आखिर क्या है। दरअसल मोस्ट प्रोबेबल नंबर मेथर्ड वो तरीका है जिससे पानी में मौजूद बैक्टीरिया का पता लगाया जाता है। कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया इस बात का संकेत होते हैं कि पानी में बैक्टीरिया की बस्तियां पनप रही है। आईएस 10500-1991 के पैमाने के मुताबिक प्रति 100 एमएल में इसकी अधिकतम सीमा सिर्फ दस होनी चाहिए। जबकि खुद उत्तराखंड सरकार के प्रदूषण बोर्ड के मुताबिक नहाने के लिए ये सीमा 500 और खेती के लिए 5500 है।
 

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