गर्मी का कर्फ्यू देखिए


बड़ी चौपड़ की सड़क और लो फ्लोर बस की सीटें खाली, जन्तर-मन्तर से रौनक छू-मन्तर

रविवार यानी सप्ताह भर के बचे काम निपटाने, घूमने-फिरने और मिलने-मिलाने का दिन। लेकिन, इस रविवार मानों कोई घर से बाहर ही नहीं निकला। शहर में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। न सड़क पर गाड़ियाँ, न बसों में सवारियाँ और न दुकानों पर ग्राहक। कोई घर से निकला भी तो कूलर-एसी-फ्रिज खरीदने। घर से सड़क और शहर से गाँव-खेत तक हर कोई बेहाल। कहाँ क्या असर, इस पर रिपोर्ट।

गर्मी ने कहाँ क्या डाला असर


पिछले चार-पाँच दिन से शहर के बाजारों में दोपहर के समय ग्राहकी सुस्त है। न्यू सांगानेर रोड पर श्यामनगर मेट्रो स्टेशन के पास शोरूम मालिक पंकज शर्मा ने बताया कि पहले दोपहर में 10-15 ग्राहक आते थे लेकिन अभी इक्का-दुक्का आ रहे हैं। हालांकि कूलर, एसी, फ्रिज आदि का बाजार तेजी पर है।

श्रम - 3 घंटे का हुआ लंच ब्रेक


रंगाई-पुताई कराने वाले ठेकेदार हंसराज ने बताया कि दोपहर में आधा घंटा की बजाय लंच ब्रेक 12 बजे से 3 बजे तक कर दिया है। रात को 8 बजे तक काम करते हैं।

सफर - सवारियों का टोटा


शहर में मिनी और लो फ्लोर बसों में दिन में भी बैठने को जगह नहीं मिलती थी लेकिन अभी यात्री भार 35 प्रतिशत तक घट गया है। कठपुतली नगर निवासी ऑटो चालक जयसिंह ने बताया कि सवारियाँ नहीं मिल रहीं। अप्रैल तक सुबह से रात तक की कमाई 1600 रुपए थी, मई में 800 से 1000 रुपए ही रह गई है।

कृषि - फसल झुलसी, पशुओं का दूध घटा


दिल्ली रोड स्थित भानपुर कलां निवासी चांदमल कांकरेलिया ने बताया कि पानी देने के बावजूद फसल झुलस रही है। विदेशी नस्ल की गाय दूध कम दे रही है।

क्या हो रही परेशानियाँ


स्वास्थ्य - रोजाना 5 हजार मरीज


गर्मी ने सेहत के लिये मुसीबत खड़ी कर दी है। खासकर हृदय-गुर्दा रोगियों, नवजातों, बुजुर्गों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं। उल्टी-दस्त, लू लगने आदि की शिकायतें लेकर अकेले एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 300 से 400 मरीज पहुँच रहे हैं। शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों का कुल आँकड़ा 5 हजार तक पहुँच रहा है। एसएमएस अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह के अनुसार मरीजों में बच्चे और बुजुर्ग अधिक हैं।

निजी क्षेत्र - फील्ड का काम सुबह-शाम


कई निजी कम्पनियों ने अपने यहाँ काम करने वाले कर्मचारियों को फील्ड का काम दिन में करने से रोक दिया है। उन्हें कहा गया है कि वे फील्ड में सुबह-शाम जाएँ।

सरकारी दफ्तर - कार्मिक परेशान


सरकारी दफ्तरों में कई जगह कूलर, ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कार्मिक परेशान हैं। जेडीए में दर्जन से अधिक वाटर कूलर हैं और आरओ लगे हैं लेकिन ज्यादातर वाटर कूलर खराब हैं या फिल्टर काम ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कैम्पर मँगवाने पड़ रहे हैं। पानी सप्लाई के लिये लगी टंकियों में महीनों से सफाई नहीं हुई है। कार्मिकों का कहना है कि टंकियों के ढक्कन टूटे हुए हैं, उनमें गन्दगी भरी है लेकिन सफाई नहीं कराई जा रही।

जेडीए - रात को करा रहे पुलिया का काम


रिद्धि-सिद्धि नाले की पुलिया के निर्माण में जुटे मजदूरों को अब दिन में नहीं, रात में बुलाया जा रहा है। जेडीए ने इसके लिये एक कनिष्ठ अभियन्ता की रात्रि ड्यूटी लगाई है।

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