gujrat facing massive water crisis
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गुजरात में बड़े पैमाने पर जल संकट

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पारा के बढ़ते स्तर और भीषण गर्मी के साथ गुजरात बड़े पैमाने पर पानी की समस्या का सामना कर रहा है। पानी की कमी कुछ क्षेत्रों में हद से ज्यादा हो रही है जैसे सौराष्ट्र क्षेत्र, कच्छ, उत्तर गुजरात, मध्य और दक्षिण गुजरात में आदिवासियों को रोज इस समस्या से रूबरू होना पड़ता है। 20 से ज्यादा जिले गंभीर रूप से प्रभावित हैं। इन जिलों के कस्बों और गांवों में हफ्ते में मुश्किल से दो बार पानी आता है। 14 जिलों के 500 से अधिक गांवों में पानी की आपूर्ति टैंकरों के द्वारा की जा रही है, जिसकी संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी कहते हैं, इन क्षेत्रों के सभी बांधों में पानी बहुत कम है, जिससे आपूर्ति करना बहुत मुश्किल है। हालांकि, सरदार सरोवर बांध को धन्यवाद करना चाहिए, जिसमें नर्मदा नहर नेटवर्क है। इसमें इतना पानी है कि लोगों को जुलाई के अंत तक किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन उससे भी बड़ी चुनौती है पानी को पहुंचाना। पानी को बांध से करीब 500 किलोमीटर दूर दूर-दराज के क्षेत्रों तक आपूर्ति करना ज्यादा बड़ी चुनौती है।

हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मान लिया है कि उनके राज्य की एक बड़ी समस्या पानी है। लेकिन वो यकीन दिलाते हैं कि हर गांव में पीने के पानी की आपूर्ति की जाएगी। वो कहते हैं कि नर्मदा को छोड़कर, अन्य सभी जल निकायों और बांधों में पानी नाम मात्र का है। 

चुनौती

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी कहते हैं, इन क्षेत्रों के सभी बांधों में पानी बहुत कम है, जिससे आपूर्ति करना बहुत मुश्किल है। हालांकि, सरदार सरोवर बांध को धन्यवाद करना चाहिए, जिसमें नर्मदा नहर नेटवर्क है। इसमें इतना पानी है कि लोगों को जुलाई के अंत तक किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन उससे भी बड़ी चुनौती है पानी को पहुंचाना। पानी को बांध से करीब 500 किलोमीटर दूर दूर-दराज के क्षेत्रों तक आपूर्ति करना ज्यादा बड़ी चुनौती है।

राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को आदेश भेज दिया है कि जिन गांवों में पानी उपलब्ध नहीं था, उन गांवों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जाए। स्थानीय अधिकारियों से समीक्षा और रिपोर्ट मंगाने के बाद, हमने निर्णय लिया है कि टैंकरों से अलग-अलग जिलों के गांवों में पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार से पानी की कमी का सामना न करना पड़े। अधिकारियों का मानना है कि पानी के टैंकरों की जरूरत वाले गांवों की संख्या बढ़ते तापमान के साथ और बढ़ेगी। 

वैकल्पिक दिनों में आपूर्ति

राजकोट में एक दिन में केवल 20 मिनट पानी की आपूर्ति शहर और बाहरी इलाकों की जाती है, पानी की सप्लाई वैकल्पिक दिनों में टैंकरों के माध्यम से की जाती है। विधानसभा क्षेत्र जसदान जो जल आपूर्ति मंत्री, कुवरजी बावलिया का विधानसभा क्षेत्र है। यहां पीने के पानी की कमी ने गांव वालों को विरोध प्रदर्शन पर मजबूर कर दिया है। उनकी मांग है कि पानी वैकल्पिक दिनों को छोड़कर नियमित रूप से दिया जाए।

विधायक की मांग

स्थानीय विधायक अपने क्षेत्र का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं और उनकी मांग है कि उनके क्षेत्रों में पर्याप्त रूप से जल आपूर्ति की जाए। वो ऐसे समय में मांग कर रहे हैं जब नर्मदा का पानी ही अब पानी की आपूर्ति का एकमात्र स्रोत है। विरजी थुम्मर जो अमरेली जिले से कांग्रेस के विधायक हैं कहते हैं, मेरे क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक गांव पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। मैंने अपने क्षेत्र की समस्या के बारे में मंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें मांग की है कि सभी गांवों को टैंकरों के माध्यम से पानी मुहैया कराया जाए और टैंकर की पहुंच को दोगुना किया जाए।

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