घड़ियाल छोड़ रहे हैं अपने प्रवास स्थल

12 Oct 2012
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घड़ियाल पुर्नवास परियोजना के तहत गंगा,यमुना और चंबल जैसी अहम नदियों में छोड़े जाने वाले घड़ियाल अब छोटे-छोटे माइनरों में आना शुरू हो गये हैं। इटावा की भोगनीपुर माइनर में निकले एक घड़ियाल को भारी भीड़ मारने की फिराक में थी लेकिन उसे वन विभाग और पर्यावरणीय संस्था के लोगों ने सुरक्षित बचा लिया। करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इस घड़ियाल को पकड़ पाने में कामयाब हो सके। पकड़ा गया घड़ियाल करीब 5 फुट का और मादा है।

इटावा में भोगनीपुर प्रखंड की माइनर में करीब 15 दिन से एक घड़ियाल देखा गया उसके बाद उसे पकड़ने की कई दिनो से कोशिश की जा रही है लेकिन आज उसे पकड़ने में कामयाबी मिल सकी भारी भीड़ हालांकि इसे मारने की फिराक में थी लेकिन पुलिस और वन विभाग की टीम दखल के बाद लोग कामयाब नहीं हो सके अब इस घड़ियाल को गंगा नदी में छोड़े जाने के इरादे से डब्लू डब्लू एफ को अवगत करा करके उसे सुपुर्द कराया जा रहा है इस घड़ियाल को पिछले साल गंगा नदी में छोड़ा गया था लेकिन बाढ़ के दौरान डैम से छोड़े गये पानी के जरिये इस घड़ियाल के यहां पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।

समाजिक वानिकी के निदेशक मानिक चंद्र यादव का कहना है कि भोगनीपुर प्रखंड की नहर में घड़ियाल आने की खबर करीब 4 दिन से विभाग को लगातार दी जा रही है इसी खबर पर हमारे विभाग के कर्मी और सोसायटी फॉर कंजरवेशन के पदाधिकारी सर्तक थे आज जैसे ही दतावली गांव के पास इस घड़ियाल के देखा गया तो इसको पकड़ लिया गया। करीब 3 घंटे से अधिक चले आपरेशन के दौरान इस घड़ियाल को बड़ी मुश्किल से पकड़ा जा सका है। पर्यावरणीय संस्था सोसायटी फॉर कंजरेशन आफ नेचर के महासचिव डॉ.राजीव चौहान का कहना है कि सुबह जैसे ही खबर मिली वैसे ही इस घड़ियाल को पकड़ने के लिये अपनी टीम के साथ मौके पर आया उसके बाद इसके पकड़ने की कवायत की काफी मशक्कत के बाद घड़ियाल को पकड़ जरूर लिया लेकिन उसने हाथ में चोट पहुंचा दी है।

घड़ियाल निकल आने की खबर पर कई सैकड़ों लोगो का जमावड़ा मौके पर लग गया जिससे घड़ियाल को पकड़ने के लिये चलाये जा रहे आपरेशन में काफी कठिनाई आई एक बार तो लगा कि मानों लोग घड़ियाल को पत्थरों से मार डालेंगे इस आंशका के चलते मौके पर एसओ अशोक चंद्र दुबे से कह करके पुलिस बल भी बुलवाना पड़ा। जुगरामऊ निवासी अजय मिश्रा का कहना है कि लोग जिस अंदाज से घड़ियाल को देखने के बाद पानी में पत्थर बाजी कर रहे थे उसी वजह से उसकी आंख में चोट लग गई और उसको खून भी निकलने लगा है। घड़ियाल छोड़ रहे हैं अपने प्रवास स्थलदिनेश शाक्यघड़ियाल पुर्नवास परियोजना के तहत गंगा,यमुना और चंबल जैसी अहम नदियों में छोड़े जाने वाले घड़ियाल अब छोटे-छोटे माइनरों में आना शुरू हो गये हैं। इटावा की भोगनीपुर माइनर में निकले एक घड़ियाल को भारी भीड़ मारने की फिराक में थी लेकिन उसे वन विभाग और पर्यावरणीय संस्था के लोगों ने सुरक्षित बचा लिया। करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इस घड़ियाल को पकड़ पाने में कामयाब हो सके। पकड़ा गया घड़ियाल करीब 5 फुट का और मादा है।

इटावा में भोगनीपुर प्रखंड की माइनर में करीब 15 दिन से एक घड़ियाल देखा गया उसके बाद उसे पकड़ने की कई दिनो से कोशिश की जा रही है लेकिन आज उसे पकड़ने में कामयाबी मिल सकी भारी भीड़ हालांकि इसे मारने की फिराक में थी लेकिन पुलिस और वन विभाग की टीम दखल के बाद लोग कामयाब नहीं हो सके अब इस घड़ियाल को गंगा नदी में छोड़े जाने के इरादे से डब्लू डब्लू एफ को अवगत करा करके उसे सुपुर्द कराया जा रहा है इस घड़ियाल को पिछले साल गंगा नदी में छोड़ा गया था लेकिन बाढ़ के दौरान डैम से छोड़े गये पानी के जरिये इस घड़ियाल के यहां पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।

समाजिक वानिकी के निदेशक मानिक चंद्र यादव का कहना है कि भोगनीपुर प्रखंड की नहर में घड़ियाल आने की खबर करीब 4 दिन से विभाग को लगातार दी जा रही है इसी खबर पर हमारे विभाग के कर्मी और सोसायटी फॉर कंजरवेशन के पदाधिकारी सर्तक थे आज जैसे ही दतावली गांव के पास इस घड़ियाल के देखा गया तो इसको पकड़ लिया गया। करीब 3 घंटे से अधिक चले आपरेशन के दौरान इस घड़ियाल को बड़ी मुश्किल से पकड़ा जा सका है। पर्यावरणीय संस्था सोसायटी फॉर कंजरेशन आफ नेचर के महासचिव डॉ.राजीव चौहान का कहना है कि सुबह जैसे ही खबर मिली वैसे ही इस घड़ियाल को पकड़ने के लिये अपनी टीम के साथ मौके पर आया उसके बाद इसके पकड़ने की कवायत की काफी मशक्कत के बाद घड़ियाल को पकड़ जरूर लिया लेकिन उसने हाथ में चोट पहुंचा दी है।

घड़ियाल निकल आने की खबर पर कई सैकड़ों लोगो का जमावड़ा मौके पर लग गया जिससे घड़ियाल को पकड़ने के लिये चलाये जा रहे आपरेशन में काफी कठिनाई आई एक बार तो लगा कि मानों लोग घड़ियाल को पत्थरों से मार डालेंगे इस आंशका के चलते मौके पर एसओ अशोक चंद्र दुबे से कह करके पुलिस बल भी बुलवाना पड़ा। जुगरामऊ निवासी अजय मिश्रा का कहना है कि लोग जिस अंदाज से घड़ियाल को देखने के बाद पानी में पत्थर बाजी कर रहे थे उसी वजह से उसकी आंख में चोट लग गई और उसको खून भी निकलने लगा है। पकड़े गये इस घड़ियाल को लेकर वन विभाग की टीम और सोसायटी फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर के पदाधिकारी वन विभाग में ले कर गये जहां पर बहुतेरे लोगों का तमाशा लग गया चूंकि यह घड़ियाल गंगा नदी का है इस लिये इस घड़ियाल को गंगा नदी में छुड़वाने के लिये डब्लू डब्लू एफ के कार्यकर्त्ताओ को अवगत करा दिया गया जो इस घड़ियाल को लेकर गंगा नदी में एक बार फिर से छोड़ देंगे।

पकड़े गये इस घड़ियाल को लेकर वन विभाग की टीम और सोसायटी फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर के पदाधिकारी वन विभाग में ले कर गये जहां पर बहुतेरे लोगों का तमाशा लग गया चूंकि यह घड़ियाल गंगा नदी का है इस लिये इस घड़ियाल को गंगा नदी में छुड़वाने के लिये डब्लू डब्लू एफ के कार्यकर्त्ताओ को अवगत करा दिया गया जो इस घड़ियाल को लेकर गंगा नदी में एक बार फिर से छोड़ देंगे।

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