हिमालय के पानी के विरासत को बचाएं - कर्ण सिंह

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हिमालय सेवा संघ एवं उसकी सहयोगी संस्थाओं द्वारा हिमालय क्षेत्र में पानी के मुद्दों पर किए गये रचनात्मक एवं आंदोलनात्मक पहल को मजबूत करने की दृष्टि से एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक का आयोजन 17-19 मार्च को नई दिल्ली, बाल भवन में हो रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत हिमालय के विभिन्न हिस्सों से आए बहनों के गीत से हुआ। हिमालय सेवा संघ की अघ्यक्षा राधा बहन के स्वागत भाषण के बाद सांसद डॉ कर्ण सिंह के व्याख्यान से विधिवत कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। डॉ कर्ण सिंह ने अपने भाषण में कहा कि हिमालय के हिस्से पानी के सबसे समृद्ध इलाके हैं, इस विरासत को बचाना ही होगा।

कार्यक्रम के पहले सत्र में ही हिमालय में पानी के मुद्दों पर किए गए रचनात्मक कार्यों की एक रपट तथा लोक जल नीति का मसौदा माननीय डॉ कर्ण सिंह एवं प्रेस को वितरित किया गया। उद्घाटन के पहले दिन एमएल दीवान, अर्घ्यम की सुनीता नधमुनी की सम्मानित उपस्धिति रही। बैठक में कश्मीर, आरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल, उत्तराखंड के लोग प्रमुखता से भाग ले रहे हैं।

पहले दिन के दोनों सत्रों में हिमालय में पानी के विभिन्न क्षेत्रों से आए नौजवान एवं महिलाओं ने जल संरक्षण के रचना के प्रयोगों को सामने रखा। दूसरा दिन हिमालयीय क्षेत्रों में सुरंग बांधों को बनाए जाने के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं एवं उससे संघर्ष को रेखांकित करने के लिए रखा गया है। तीसरे दिन हिमालय में जल संरक्षण, वनीकरण, नदी घाटियों को बचाने की रणनीति बनाने पर चर्चा होगी।

इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक का संचालन मनोज पांडेय, नदी बचाओ के सुरेश भाई कर रहे हैं।

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