जल संरक्षण के लिए एक करोड़ पाएं

2 Sep 2009
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जोधपुर. जल संरक्षण एवं प्रबंधन से संबंधित कार्यों तथा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में गैर सरकारी संगठन और स्वैच्छिक संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी ली जाएगी। संस्थाओं को एक करोड़ रुपए तक मिल सकेंगे।

जल क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों और परियोजनाओं में गैर सरकारी संगठनों एवं स्वैच्छिक संस्थाओं की भागीदारी के संबंध में राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार जिलों के कलेक्टर राजस्थान कम्युनिटी एंड बिजनेस एलाइंस बॉल वाटर के तहत जल संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए अपने जिलों में योजनाबद्ध ढंग से कार्य करेंगे। एनजीओ को एक करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं की स्वीकृति शिथिलता समिति की सिफारिश पर राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।

संगठन द्वारा जन जातीय एवं गैर जातीय क्षेत्रों के लिए परियोजना लागत की क्रमश: दस एवं बीस प्रतिशत राशि की व्यवस्था नकद अथवा श्रम या सामग्री के रूप में हो सकती है। उन्होंने गैर सरकारी संगठनों एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में बताया। पंजीयन के लिए प्राप्त आवेदनों का मूल्यांकन अंकों के आधार पर किया जाएगा।

इसमें संबंधित संस्था का शासन एवं प्रबंधन, छवि एवं समुदाय आदि से संबंध, संगठन की पद्धति, समुदाय तक पहुंच, पूर्णकालिक जनशक्ति स्टाफ, वित्तीय सामथ्र्य, पूर्व में किए गए कार्र्यो की गुणवत्ता, क्षेत्र की जानकारी, जल क्षेत्र का अनुभव प्रमुख आधार होंगे। गैर सरकारी संगठन को तीन सौ में से कम से कम डेढ़ सौ अंक प्राप्त करने होंगे। अंकों के आधार पर ही कार्य दिए जाएंगे।

संभागीय आयुक्त ने दिशा-निर्देशों में कार्यक्षेत्र, चयन का आधार, अनुभव, वित्तीय स्थिति, विश्वसनीयता, क्षमता, वर्गीकरण, पंजीकरण की प्रक्रिया, प्रारंभिक चयन, राज्य सरकार द्वारा गठित शिथिलता समिति, राशि आवंटन की प्रक्रिया, क्रियान्वयन आदि के बारे में जानकारी दी।

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