जंगल बचाने के लिए पेड़ पर डाला डेरा

जंगलिस्तान बचाने का अनूठा प्रयोग
जंगलिस्तान बचाने का अनूठा प्रयोग
ग्रीनपीस इंडिया के अभियानकर्ता ब्रिकेश सिंह इन दिनों महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में एक पेड़ पर डेरा डाले बैठे हैं। ब्रिकेश ने मध्य भारत के जंगलों में कोयला खनन के विरोध का यह अनूठा तरीका निकाला है। इस महीने की पहली तारीख (1st सितंबर) को इस पेड़ पर चढ़ने के बाद ब्रिकेश पूरा एक महीना यहीं पेड़ पर रहकर बिताएंगे।

जिस पेड़ पर ब्रिकेश अपना घर बनाकर रह रहे हैं वह तडोबा-अंधारी बाघ संरक्षण क्षेत्र के बफर जोन में स्थित है। यह पेड़ इस बात का प्रतीक है कि इन हरे-भरे जंगलों का विनाश अब दूर नहीं है।इस पेड़ के एक तरफ कोयला पावर प्लांट दिखता है तो दूसरी तरफ इस अभ्यारण के खूबसूरत जंगल। इस पेड़ के नीचे ढेर सारा कोयला छुपा हुआ है। फिलहाल यह खनन गतिविधियों से दूर है। अगर यहां खनन शुरू हुआ तो निश्चित तौर पर इससे यहां के हरे-भरे क्षेत्र, वन्य जीवों और इन जंगलों पर अपनी आजीविका के लिए निर्भर समुदाय को गंभीर नुकसान उठाना पड़ेगा।

कोयला खनन से संकट में जंगलकोयला खनन से संकट में जंगलमध्य भारत के जंगलों को खनन से बचाने के लिए ग्रीनपीस इंडिया बहुत बड़े स्तर पर ऑनलाईन हस्ताक्षर अभियान चला रहा है। ‘जंगलिस्तान बचाओ’ नाम के इस अभियान के लिए अभी तक 80,000 से ज्यादा लोग हस्ताक्षर कर अपना समर्थन दे चुके हैं। मगर हमारा लक्ष्य अक्टूबर तक 100,000 हस्ताक्षर इक्ठ्ठा करना है। अगर आप ब्रिकेश के साथ हैं और जंगलों को बचाने की इस मुहिम में शामिल होना चाहते हैं तो http://www.junglistan.in/act लिंक पर क्लिक करके याचिका पर हस्ताक्षर कीजिए।

हमारी सरकार इस साल अक्टूबर में (यूएन कन्वेनेशन ऑन बायोडायवर्सिटी, सीबीडी) यानी संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन का आयोजन कर रही है। यह स्वयं में बेहद हास्यास्पद है कि एक तरफ तो सरकार अपने देश में बचे-खुचे जंगलों की भी बलि देने को तैयार है और वहीं दूसरी तरफ जैव विविधता संरक्षण के लिए सम्मेलन का आयोजन कर रही है।

कोयला खनन के खिलाफ ब्रिकेश सिंहकोयला खनन के खिलाफ ब्रिकेश सिंहब्रिकेश सिंह इस सम्मेलन में कोयला खनन के खिलाफ और जंगलों को बचाने के लिए एक लाख लोगों द्वारा हस्ताक्षर किया गया ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपेगे और कोयला खनन से जंगलों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए कहेंगे।

ग्रीनपीस की मांग है कि कोयला घोटाले की जांच पूरी होने तक प्रधानमंत्री को सभी नए कोयला ब्लॉकों के आवंटन और खदानों की मंजूरी पर रोक लगा देनी चाहिए तथा जिस वन क्षेत्र में खनन नहीं किया जाएगा उसका सही-सही सीमांकन किया जाना चाहिए। अगर ग्रीनपीस द्वारा जंगल बचाने की इस मुहिम में आप उसके साथ हैं तो http://www.junglistan.org/actलिंक पर क्लिक करके याचिका पर हस्ताक्षर कीजिए।

ब्रिकेश सिंहब्रिकेश सिंह



Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading