कार्यक्षमता बढ़ाती है हरियाली

6 Feb 2020
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हरे-भरे पेड़ों और रंग-बिरंगे फूलों के बीच खेलने से बच्चे प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनते हैं। ताजा हवा बच्चे के विकास में जहाँ सहयोगी है, वहीं इससे उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

यूं तो नए साल की शुरुआत हुए एक माह से ज्यादा हो गया है ऐसे में कुछ खास संकल्प हमारे जीवन को ज्यादा अर्थवान और खुशहाल बना सकते हैं। आज से ही एक नया संकल्प हरियाली से दोस्ती बढ़ाने का लिया जा सकता है। इस संकल्प से हमारे मन में ताजगी तो आएगी ही हमारे स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा और हम अपने आस-पास के वातावरण को हरदम हरा-भरा रखने के लिए प्रेरित होंगे। अमरिका में हुई एक रिसर्च के मुताबिक हरियाली हमारी कार्यक्षमता को बढ़ाती है। इसलिए चाहे गमले में ही सही घर और कार्यस्थल पर कुछ पौधे जरूर लगाएं। इससे मन में भी शांति मिलेगी। साथ ही नेत्र ज्योति को भी लाभ मिलेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक बात का विशेष ध्यान रखें कि पौधे ऐसी जगह हों जहाँ आते-जाते आपकी नजर पड़ सके। जीवन के हर पड़ाव पर हरियाली का अपना अलग महत्व है।

बच्चों को कराएं हरियाली से दोस्ती

स्कूल, ट्यूशन, टी.वी. देखना या मोबाइल पर गेम खेलना आजकल बच्चों में आम बात है। इन्ही सब में खो गया है, खुली हवा में तितलियों के पीछे दौड़ लगाता नटखट बचपन। तो क्यों न इस साल बच्चों को बगीचों की सैर करवाई जाए। बगीचों तथा मैदानों में खेलना तो हर बच्चे को भाता है। हरे-भरे पेड़ों और रंग-बिरंगे फूलों के बीच खेलने से बच्चे प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनते हैं। ताजा हवा बच्चे के विकास में जहाँ सहयोगी है वहीं पेड़-पौधों और मिट्टी में खेलने से उनकी रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। आजकल बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है। शारीरिक गतिविधियां कम करने के चलते छोटी उम्र में बच्चों को बड़ों की बीमारियां लग रही हैं। ऐसे में बच्चों को आउटडोर खेलों से रूबरू करवाना जरूरी हो गया है। इससे उनके मानसिक विकास में भी इजाफा होगा। तथा समूह में खेलना उन्हें दोस्ती बढ़ाना सिखाता है। टीनएजर्स बिताएं कुछ समय हरियाली में बच्चा जैसे ही किशोरावस्था में पहुंचता है उसके पास समय की कमी होने लगती है। इसका सबसे बड़ा कारण है पढ़ाई का बोझ। लेकिन फिर भी उसे कुछ देर तक ही सही प्रकृति के सम्पर्क में रहने के लिए प्रेरित करें। पौधों में पानी डालने जैसा काम उसे ही सौंपा जा सकता है। प्रकृति का सम्पर्क युवा होते बच्चों में नई आशा, नए उत्साह, नए जोश, नई प्रसन्नता तथा नए साहस का संचार करता है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त नई आशा के आधार पर बच्चे जीवन के नए सपने बुन सकते हैं। प्रकृति से जुड़ना ही जीवन में पर्याप्त खुशी लाने के लिए काफी है। इसलिए इस जुड़ाव को और भी मजबूत कीजिए।

वयस्कों को हरियाली देती है प्रेरणा

इस साल अपने व्यस्त शेड्यूल में से थोड़ा-सा वक्त निकालकर आप यदि प्रकृति की सैर पर जाएं तो आप ज्यादा सेहतमंद महसूस करेंगे। ताजी हवा, हल्की धूप, चारों तरफ शांति और ढेर सारी हरियाली कई प्रकार से लाभ पहुंचाती है। शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन मिलता है। साहित्यकार हो चाहे कलाकार या वैज्ञानिक उसे कुछ नया और अलग करने की प्रेरणा प्रकृति से ही मिलती है। इसलिए प्रकृति के नियमित सम्पर्क में रहें। उसके सकारात्मक प्रभावों का आनंद लें और ईश्वर की इस नेमत को हाथों से न जाने दें। जापान में लोग पेड़-पौधों के प्रति आकर्षक पैदा करने के लिए जंगलों में ‘फॉरेस्ट बॉथिंग’ करते हैं। पेड़-पौधों के बीच मेडीटेशन की परम्परा को असल में लाकर जापान लोग अधिक खुश और लम्बी आयु जीने वाले हो गए हैं।

बुजुर्गों के जीवन में हरियाली जीवनदायिनी

रिटायरमेंट के बाद अक्सर बुजुर्ग काम-काज से निश्चित हो जाते हैं। सारी जिम्मेदारियां लगभग पूरी हो चुकी होती हैं। शारीरिक रूप से कमजोर हो चले बुजुर्ग यदि अपना कुछ समय हरियाली में बिताने का संकल्प लें, तो उन्हें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलेगा जो उन्हें बुटापे की नई परेशानियों से मुक्त रखेगा। एक उम्र के कई बुजुर्ग एक साथ समय बिताएंगे तो इसके परिणाम उत्साहवर्द्धक ही निकलेंगे। ब्रिटेन की एक्सटर यूनिवर्सिटी में हेल्थ से जुड़े शोध के सह लेखक डॉ. मैथ्यू व्हाइट कहते हैं कि हरियाली वाली जगहों पर समय बिताने वाले बुजुर्गों में अवसाद तथा चिंता के लक्षण कम देखे जाते हैं। फ्रांस के शोधकर्ता मिग क्यों का कहना है कि प्रकृति में दर्द कम करने की अद्भुत क्षमता होती है, जो बुजुर्गों के लिए जीवनदायिनी होती है।

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