पेड़ों को बचाने के लिए कोर्ट भी कई निर्देश जारी कर चुका है
पेड़ों को बचाने के लिए कोर्ट भी कई निर्देश जारी कर चुका है

किसी पेड़ पर हमला होते देखेंगे तो कर सकेंगे कॉल

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पेड़ काटे जाने की शिकायतें दर्ज कराने के लिए लोगों को अब इधर-उधर नहीं भटकना होगा। दिल्ली सरकार ने इसका तोड़ निकाल लिया है। सरकार एक अलग से अब कॉल सेंटर बनाने जा रही है जहां 24 घंटे शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी।

मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मंगलवार को राजधानी में अगले पौधरोपण अभियान की तैयारियों की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि दिल्लीवासियों को पेड़ काटे जाने, पेड़ गिरने और ऐसी घटनाओं की आशंका की शिकायतें दर्ज कराने में कठिनाइयाँ हो रही हैं और इस वजह से पर्यावरण विभाग को समय पूर्व एहतियाती उपाय करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस परेशानी को देखते हुए ही एक अलग से कॉल सेंटर बनाने का फैसला किया गया है।

श्रीमती दीक्षित ने निर्देश दिया कि दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1994 के प्रावधानों को सख़्ती से लागू किया जाए। श्रीमती दीक्षित ने विभाग को यह भी निर्देश दिया कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर नजर रखी जाए क्योंकि इसके तीसरे चरण के लिए लगभग 15,000 पेड़ काटे जाने का प्रस्ताव है। विभाग ने इन काटे जाने वाले पेड़ों के बदले पेड़ लगाने के लिए ज़मीन का चयन कर लिया है। विभाग ने ककरौला, ईसापुर, मंगेशपुर, सुल्तानपुर डबास, खड़खड़ी जटमल, कुतुबगढ़, रेवला खानपुर, मुखमेल पुर, आया नगर, हिंडन कट आदि में चार लाख से अधिक पेड़ लगाए। तीसरे पक्ष की पुष्टि के अनुसार इन लगाए गए पेड़ों में 80 प्रतिशत से ज्यादा बड़े हुए और सुरक्षित हैं।

श्रीमती दीक्षित ने यह भी कहा कि विभाग द्वारा विकसित किए गए 42 नगर वन क्षेत्रों को भी संरक्षित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने विभाग को निर्देश दिया कि पेड़ों पर से सभी संकेतक, नाम, विज्ञापन, साइन बोर्ड, बिजली की तार, कील और हाइटेंशन केबल हटाई जाएं।

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