कक्षीय विषय-पाठ से स्वच्छता का जुड़ाव

स्वच्छता अपनाये, स्वस्थ्य रहें
स्वच्छता अपनाये, स्वस्थ्य रहें

शिक्षक बच्चों को बतायेंगे कि जुते चप्पल पहनकर चलना चाहिए, बिना चप्पल जूतों के चलेंगे तो पैरों में गंदगी लग जायेगी जिससे बीमारी हो सकती है। अपने घर के आसपास गंदगी फैलने से कैसे रोका जाए। पानी का स्थल हर पल साफ हो, कीचड़ न फैले जिससे चप्पल फिसल न पाये जो पानी तुम पी रहे हो वो कीटाणु रहित हो। आदि स्वच्छता अपनाना जरूरी है।

बच्चों को कविता पाठ के समय-समय अलग-अलग पात्र बनाकर, बोलने को कहें:- मैं हिमालय पर्वत हूं (हिमालय बना छात्र) मेरे यहां से अनेक नदियां निकलती हैं, उनका पानी मेरे यहां से साफ सुथरा जाता है।

मैं गंगा नदी हूं (गंगा नदी बना छात्र) मैं पवित्र नदी हूं। मेरा पानी अमृत समान हैं, लोग मेरे पानी को भरकर दूर-दूर तक ले जाते हैं। मुझे साफ रखना। मुझे कोई गंदा करें तो उसे समझाने का प्रयास करना।

अध्यापक बच्चों से पूछ सकते हैं कि गंगा का पानी उतना स्वच्छ क्यों नहीं रहता है। बच्चों से मिलने वाले उत्तरों में यह जोड़ते हुए बताएं कि नदी के किनारे, कई बड़े-बड़े शहर बस गए हैं, साथ ही कल-कारखाने भी लग गए हैं, लोग अपने पशुओं को नहाते हैं बर्तन साफ करते हैं गंदे कपड़े धोते हैं, गंदा पानी व गंदगी नदी में मिलती रहती है और यही पानी की अशुद्धता का कारण है। इस प्रकार के गंदे पानी का सेवन से चर्मरोग और अन्य प्रकार के रोग हो सकते हैं।

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