कूड़े के ढेर बिगाड़ रहे गुच्चूपानी की खूबसूरती

30 May 2019
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गुच्चूपानी।
गुच्चूपानी।

पर्यटन स्थल गुच्चूपानी (रोवर्स केव) में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर खूबसूरती को बिगाड़ रहे हैं। यहां रोजाना आने वाले सैकड़ों पर्यटक को पहले कूड़े के ढेरों का दीदार करना पड़ता है। आलम यह है कि कूड़े से उठने वाली दुर्गंध से स्थानीय निवासी और पर्यटक परेशान हैं। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि शिकायत करने के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं किया जा रहा है।

दून आने वाले अधिकतर पर्यटक गुच्चूपानी जाते हैं गर्मियों के दिनों में रोवर्स केव में पर्यटकों का तांता लगा रहता है। इसके बावजूद पर्यटन स्थल पर गंदगी को साफ करने में जिम्मेदार विभाग कार्य नहीं कर रहा है। हर जगह पानी की खाली बोतलें, पॉलीथीन, फास्ट फूड में इस्तेमाल होने वाले दोने पत्तल का ढेर लगा हुआ है। रोवर्स केव के मुख्य द्वार के पास खाने-पीने की वस्तुएं बेचने वालों के ठिकाने हैं। जहां खाने-पीने के बाद लोग आसपास ही कूड़ा फेंक कर चले जाते हैं। आलम यह है कि रोवर्स केव के पास स्थित नदी में भी गंदगी होने लगी है

जिला पर्यटक अधिकारी केएस रावत कहते हैं, गुच्चूपानी का क्षेत्र नगर निगम में शामिल हो गया है। फिलहाल विभाग की ओर से दो कर्मचारी रखे गए हैं। जो सुबह शाम क्षेत्र में सफाई करते हैं। वही नगर के मेयर सुनील उनियाल गामा बताते हैं, परिसीमन के बाद से गुपचुप पानी नगर निगम में शामिल है लेकिन यहां से प्राप्त होने वाले राजस्व पर्यटक विभाग को जाता है। जिसके चलते पर्यटन स्थल में सफाई कर्मचारी उपलब्ध कराना विभाग का काम है। जैसे ही नगर निगम को राजस्व नगर निगम को आना शुरू हो जाएगा, वैसे ही सफाई कर्मचारी क्षेत्र के लिए निगम की ओर से उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

गंदगी से परेशान कुलपति

शहर में गंदगी सिर्फ गुपचुप पानी में नहीं है, शहर के कई इलाकों में गंदगी का ढेर बना हुआ है। भुगतान न होने पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचारियों ने साफ-सफाई करनी छोड़ी तो विवि में कूड़े के ढेर लग गए। इससे परेशान विश्वविद्यालय के कुलपति को अपने आवास में कार्यालय खोलना पड़ा। प्रभारी कुलसचिव को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने अटके भुगतान की फाइल पर विश्वविद्यालय पहुंचाकर हस्ताक्षर किए। भुगतान के बाद कर्मचारी साफ-सफाई करेंगे।

सीवर का पानी सड़क पर

क्रॉस रोड मॉल के सामने सीवर लाइन चोक होने से गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। गंदा पानी घरों में घुसने से क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों ने कहा है कि इसकी शिकायत कई बार जल संस्थान से की जा चुकी है, लेकिन विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 

स्थानीय निवासी राजीव सूरी ने बताया कि पिछले एक महीने से सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है। गंदे पानी से उठने वाली दुर्गंध से लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं, दोपहिया वाहन चालक, बच्चे और बुजुर्ग सीवर के पानी में फिसल कर गिरने से चोटिल हो रहे हैं। सड़क पर सीवर का पानी फैला होने से बच्चों को कंधे पर कंधे पर बैठाकर स्कूल तक पहुंचाना पड़ रहा है। लोगों का सड़क पर पैदल चलना मुश्किलों भरा हो गया है। सीवर का पानी लगातार सड़क पर बहने से गड्ढे होने लगे हैं जो दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं। 

क्षेत्रवासियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो विवाद के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता मनीष सेमवाल कहते हैं, मामला संज्ञान में हैं दो दिन पहले शहर में व्यस्त यातायात के कारण खुदाई की अनुमति नहीं मिल पा रही थी, लेकिन अब गड्ढा खोदने की अनुमति मिल गई है। गुरुवार रात से काम शुरू कर दिया जाएगा।

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