खुद करें पम्पिंग सेट का रखरखाव

6 Feb 2014
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फार्म एन फूड, 1 दिसम्बर 2013। हमारे यहां सिंचाई के साधनों में पंपिग सेट का अहम रोल है। ये 2 तरह के होते है,एक बिजली से चलने वाले और दूसरे डीजल से चलने वाले डीजल से चलने वाले पंपिग सेट में एक डीजल इंजन सेंटीफ्यूगल पंप होता है, जो कपलिंग या पट्टे से चलता है। कपलिंग सिस्टम में डीजल इंजन के साथ ही पंप भी जुडा़ होता है और पंप को पट्टे से जोड़ कर चलाया जाता है। पम्पिंग सेट में इंजन पंप को चला कर जमीन के नीचे से पानी को उठा कर खेत के लिए बाहर उलीचता है। पम्पिंग सेट लगाने से पहले जगह का चुनाव करना चाहिए,जिससे पम्पिंग सेट,अपनी पूरी कूबत से पानी मुहैया कराए और ज्यादा समय तक काम करता रहे,पंपिग सेट लगाने से पहले इस बात की जानकारी करें कि जमीन के नीचे पानी कितनी गहराई पर है, पंपिग सेट से कितनी जमीन की सिंचाई की जानी है। और बोरिंग का व्यास कितना हैं, इन बातों के आधार पर लगाए गए पंपिग सेट पर ज्यादा धन खर्च करना पड़ता है।

जमीनी पानी के आधार पर ही पम्पिंग सेट की खरीदारी से किसानी अपने पैसे और फसल की बचत कर सकता है। मान लीजिए किसी इलाके में भूजल स्तर 40 फुट की गहराई पर है,तो किसान को 8 हॉर्स से कम का कपलिंग वाला पंप ही खरीदना चाहिए,अगर जमीन में पानी ज्यादा मात्रा में है, तो लिस्टर इंजन खरीदना चाहिए ताकि कुंआ खोद कर इंजन को गहराई में रखा जा सके, ज्यादा सिचाई के कपलिंग वाले ज्यादा हॉर्सपावर वाले इंजन का इस्तेमाल यही रहता है, अगर किसी किसान के पास 6 हेक्टेयर जमीन है, तो उसे 6 से 9 हॉर्सपावर का इंजन खरीदना चाहिए।

पम्पिंग सेट लगाना


पम्पसेटपम्पसेटजिस जगह पर पम्पिंग सेट का रखा जाना है, उस जगह का फर्श पक्का और मजबूत होना चाहिए,मजबूत फर्श कर रख इंजन बिना हिले सही काम करता है और आवाज भी कम करता हैं और खराब भी कम होता है।

अगर पट्टा और पुली का इस्तेमाल करना हो, तो इंजन और पंप को एक ही सीध में रखना चाहिए,पट्टा और पुली एक ही सीध में होंगे तो पट्टा बारबार नहीं उतरेगा और बिना रूके सिंचाई का काम कम समय पर पूरा होगा।

पट्टा पुली वाले इंजन में पंप और पुली की दूरी 15 फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए,अगर यह दूरी ज्यादा हुई तो बारबार पट्टा उतरने की समस्या हो सकती है। बारबार पट्टा उतरने से पंप को पानी उठाने के लिए जितने चक्कर की जरूरत होगी उतने चक्कर नहीं होने से पंप पानी कम उठाएगा,इससे डीजल की खपत ज्यादा होगी,ज्यादा पानी हासिल करने के लिए इंजन को पंप के पास ही रखना चाहिए।

पंप के सेक्शन पाइप और डिलीवरी पाइप का व्यास एक जैसा होना चाहिए यादि सेक्शन पाइप का व्यास एक जैसा होना चाहिए,यदि सेक्शन पाइप का ब्यास ज्यादा और डिलीवरी पाइप का कम होगा तो इंजन को ज्यादा ताकत लगानी पडे़गी और डीजल ज्यादा खर्च होगा। कई बार पानी को ज्यादा दूर फेंकने के लिए किसान डिलीवरी पाइप का व्यास कम रखते है। इस विधि से पानी तो दूर गिरता है,लेकिन इससे इंजन पर ज्यादा भार पड़ता है और वह धुंआ भी ज्यादा छोड़ता है।

पंप को चलाते समय उस में बाहर से हवा नहीं आनी चाहिए।पंप में हवा आने से वह बारबार पानी उठाना छोड़ देता है। पंप को एयरटाइट करने के लिए ग्लैड्स में ग्रीस लगाकर उसे इतना ही कसना चाहिए कि जिस से ग्लैंड्स से बूंद-बूंद कर के पानी टपकता रहे। अगर पंप में हवा आ जाए तो हवा निकालने के लिए टी वाल्व का इस्तेमाल करना चाहिए करना चाहिए, हवा निकाल कर टी वाल्व को बंद करना न भूलें।

देखभाल


इंजन की टंकी में डीजल व पंप में तेल जरूर जांच ले। इंजन चलाने से पहले पंप में मोबिलआयल जांच लें,डीजल टैंक में डीजल भर दें जिस तरह से आदमी को सांस लेने के लिए साफ हवा की जरूरत होती है,ठीक उसी तरह से डीजल इंजन पम्पिंग सेट को भी होती है। अगर इंजन लगातार काम कर रहा है,तब भी हफ्ते में 1 बार एयरक्लीनर को साफ कर दें, ताकि इंजन को साफ हवा मिलती रहे

डीजल फिल्टर की सफाई


तेल की टंकी के नीचे लगे हुए डीजल फिल्टर को समय समय पर साफ करते रहें, जिससे इंजन के फ्यूल इंजेक्स पंप,इंजेक्टर व आटोमाइजर्स में तेल साफ हो कर पहुंचेगा तो इंजन के खराब होने का डर कम रहेगा,किसी भी पंपिग सेट के डीजल फिल्टर को 80 से सौ घंटे काम करने के बाद जरूर साफ करना चाहिए।

साइलेंसर की सफाई


डीजल इंजन पंपिग सेट में साइलेंसर से पहले एक पाइप लगा होता है।इसे महीने में 1 बार जरूर साफ करना चाहिए ताकि इंजन द्वारा छोड़े कार्बन को हटाया जा सके।

इंजन की सफाई


डीजल पंपिग सेट को 80 से सौ घंटे चलाने के बाद इंजन बनाने वाली कंपनी के दिशा निर्देशों के अनुसार इंजन का मोबिलआयल बदल दें। 80 से सौ घंटे चलने से इंजन के मोबिलआयल में चिकनाई कम हो जाती है और तेल भी गंदा हो जाता है। अगर डीजल फिल्टर और मोबिलआयल फिल्टर सही तरीके से काम न कर रहे हों,तो इन्हें भी मोबिलआयल के साथ बदल देने से इंजन की कूबत बनी रहती है।

संकलन / टायपिंग
नीलम श्रीवास्तवा

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