महोबा में नम भूमि दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

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संगोष्ठी में जल संचयन के लिए तालाबों का निर्माण करने और पेड़ो की खेती करने वाले किसानों को इन कार्यो को करने के लिए प्रेरित करने वाले संगठनों/संस्थाओं/विभागों के प्रमुख प्रतिनिधियों,जनपद के प्रमुख विभागों के अधिकारियेां को आंमत्रित किया गया है।

02 फरवरी 2014/सूखे बुन्देलखण्ड में नम भूमि दिवस वेटलैण्ड पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाना कोई नई बात नहीं है। पर इस संगोष्ठी के पीछे एक आशा की किरण नजर आ रही है। हालांकि इस इलाके से भूमि वह भी नम बनी रहे उम्मीद से बाहर की वस्तु है। इस विशेष क्षेत्र के आजादी के पहले तक वन सम्पदा विशेष क्षेत्र कहा जाना आश्चर्य की बात नहीं थी। पर इधर के कुछ दशकों में वनों के क्षरण और उजाड़ की बयार ही चल पड़ी । इसके पीछे कई कारण बताये जाते हैं। एक बडी वजह भूमि में नमी बनाये रखने वाली विधियों का बेइन्तिहा विनाश भी शामिल है। जो 70 के दशक से बड़ी तेजी से हुआ है। इस विनाश के लिए इन इलाको में चकबन्दी का होना और नहरे ट्यूबवेल से सिंचाई की परम्परा का विकास का सर्वाधिक योगदान हैं।

बुन्देलखण्ड उत्तर प्रदेश इधर एक दशक से अन्तर्मुखी अकाल की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। उसकी मूल वजह भूमि में नमी को वापस लाने के लिए इस इलाके में पानी पुनुरूत्थान की साझी पहल के प्रयास किये गये है। जिनके परिणाम को देखकर प्रतीत हो रहा है कि नम भूमि दिवस की प्रासंगिकता है। भूमि में नमी की वापसी इस विशेष क्षेत्र की खुशहाली का माध्यम होगी। भूमि मे नमी बढ़ाने के लिए किये गये अनुकरणीय प्रयासों का प्रस्तुतीकरण करना तथा ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करना भी संगोष्ठी का हिस्सा है। जिनकी प्रेरण से भूमि को नम बनाये जाने के लिए सतत प्रयास किये गये हैं। नम भूमि दिवस पर आयोजित संगोष्ठी का आयोजन महोबा वन प्रभाग महोबा द्वारा 2 फरवरी 2014 को पक्षी विहार के सभागार,छतरपुर रोड महोबा में किया जा रहा है।

संगोष्ठी में जल संचयन के लिए तालाबों का निर्माण करने और पेड़ो की खेती करने वाले किसानों को इन कार्यो को करने के लिए प्रेरित करने वाले संगठनों/संस्थाओं/विभागों के प्रमुख प्रतिनिधियों,जनपद के प्रमुख विभागों के अधिकारियेां को आंमत्रित किया गया है। संगोष्ठी मे मुख्य अतिथि महोबा जिले के मुख्य विकास अधिकारी शिवनारायण होंगे। इस विशेष संगोष्ठी में अपना तालाब अभियान समिति महोबा के संयोजक पुष्पेन्द्र भाई,सामाजिक संगठन से डा.अरविन्द खरे,पंकज बागवान,पानी एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिक नियाज मुहम्मद,अल्ताफ भाई, नीलम बागवान,मंजू बागवान,डा.पंकज दीक्षित,एन.एस.प्रभारी सरगम खरे,डा. उमाशंकर त्रिपाठी प्रो. एवं विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग,वीरभूमि राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय महोबा सहित शिक्षा विदो के प्रतिभाग की सहमति मिली है।

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