Soil erosion
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मिट्टी के क्षरण को लेकर आई जागरूकता

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धार। वर्तमान परिवेश में पर्यावरण को मिट्टी का क्षरण बहुत नुकसान पहुँचा रहा है। यदि इसके संरक्षण के लिये धरातल पर पहल हो तो वह भी पर्यावरण संरक्षण की एक नायाब कोशिश मानी जाएगी। वर्तमान में सुसारी क्षेत्र औ कुक्षी तहसील के चयनित ग्रामों में किसानों के खेतों में शासन स्तर पर चेकडैम और मेड़ बंधान का कार्य किया जा रहा है, जिसका आने वाले समय में पर्यावरण पर अनुकूल असर देखने को मिलेगा।

विगत कुछ माह से कुक्षी तहसील के ग्राम सुसारी, भरड़पुर, अमलाल, पीथनपुर, बड़दा, सिलकुआँ, पडि़याल, तालनपुर ग्रामों में भूमि संरक्षण नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा खेतों और पड़त ढलावदार जमीनों में निशुल्क चेकडैम और मेड़ बन्धान का कार्य किया जा रहा है। इससे आने वाली बारिश में इन खेतों में मिट्टी का क्षरण रोकने में मदद मिलेगी। वर्तमान में क्षेत्र में लगभग 1 हजार चेकडैम बना दिये गए हैं।

क्या है चेकडैम और मेड़ बन्धान

चेकडैम खेतों में ढलावदार जमीन में बनाया जाता है। इसमें 15 से 30 फीट जमीन में सीधे बड़े और छोटे पत्थरों का स्ट्रक्चर बनाया जाता है, जिससे बारिश के दिनों में यहाँ से पानी इन पत्थरों के बीच में से निकल जाता है और मिट्टी वहीं रुक जाती है। वहीं मेड़ बन्धान में ढलावदार खेतों के आसपास मिट्टी की दीवार बना दी जाती है। इससे बारिश में इन खेतों से पानी के साथ मिट्टी बहकर बाहर नहीं जा पाती है।

योजना केन्द्रीय, पैसा गुजरात शासन का

गौरतलब है कि कुक्षी क्षेत्र की अधिकांश नदियाँ और नाले नर्मदा नदी से जुड़े हुए हैं। केन्द्रीय शासन की रिपोर्ट जो कि सेटेलाइट के माध्यम से तैयार की जाती है, उसमें यहाँ के खेतों से मिट्टी का क्षरण बहुतायत मात्रा में हो रहा है, जो चिन्ता का विषय है। यह मिट्टी बारिश में नालों और नदियों के माध्यम से नर्मदा में बहुतायत मात्रा में पहुँच रही है। साथ ही नर्मदा नदी पर गुजरात में बने सरदार सरोवर बाँध में शिल्ट के रूप में जमा हो रही है. जिससे बाँध की जल संग्रहण क्षमता पर असर गिरने लगा है। इसी के मद्देनजर बाँध के कैचमेट क्षेत्रों पर मिट्टी क्षरण रोकने की कयावद की जा रही है। इसके लिये वित्तीय राशि केन्द्र को गुजरात सरकार मुहैया करा रही है।

दोनों का फायदा

यह योजना पूर्णतः निशुल्क है। योजना में चयनित ग्रामों के किसान जिनके खेत ढलावदार है और उनमें मिट्टी का क्षरण हो रहा है, वहाँ विभाग यह कार्य करवा रहा है। योजना से खेतों की मिट्टी खेतों में ही रह रही है, जिससे किसानों का फायदा है। दूसरी ओर शासन को सरदार सरोवर जैसे बाँध में बारिश के मौसम में बहकर आ रही मिट्टी जो शिल्ट का रूप ले रही है, उसे रोकने में मदद मिल रही है। योजना के तहत क्षेत्र के किसान भी बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं और विभाग को सहयोग दे रहे हैं।

मिट्टी क्षरण रोकने में मदद मिलेगी

मिट्टी का क्षरण जिन क्षेत्रों में हो रहा है, उनका चयन सेटेलाइट के आधार पर दिल्ली से होता है। फिर उन क्षेत्रों के खेतों में किसानों की सहमति के बाद चेकडैम और मेड़ बन्धान का निशुल्क कार्य किया जाता है। बारिश के पूर्व तक क्षेत्र में यह कार्य किया जाएगा... सुभाष ओझा, एसएडीओ, भूमि संरक्षण नर्मदा घाटी विकास विभाग, मनावर

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