मनरेगा योजना में नदी को मिला नया जीवन

23 Aug 2012
0 mins read
23 अगस्त 2012, कोलकाता। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना को ढंग से लागू करने पर उसका एक सकारात्मक असर भी सामने आया है। सौ दिन काम देने की केंद्र सरकार की रोजगार गारंटी योजना के तहत न सिर्फ एक छोटी नदी को जीवन दान मिला है। बल्कि, बांध निर्माण होने से एक बड़े इलाके में हर साल आने वाली बाढ़ का संकट इस बार टल गया है। हावड़ा के उदयनारायनपुर इलाके में दामोदर वैली कारपोरेशन का अतिरिक्त जल अब कैचमेंट इलाके से बाहर निकल कर लोगों को तबाह नहीं कर रहा।

उदयनारायनपुर और आमता ब्लॉकों के अधिकांश हिस्से दामोदर नदी के पश्चिमी छोर से निकलने वाली शाखा नदी के किनारे पड़ते हैं। सिंचाई विभाग की भाषा में यह इलाका स्पिल कहा जाता है। जमींदारी के दिनों का एक जर्जर बांध बाढ़ की तेजी को नहीं झेल पा रहा था। हर साल ये इलाके जलमग्न हो जाते थे और लोगों के सामने विस्थापन का संकट होता था 2007 में जमींदारी बांध के पास से चार सौ मीटर का इलाका घंसक कर नदी में समा गया। तब से हालात और भी खराब हो चले थे। तब से पिछले साल तक सिंचाई विभाग, स्थानीय पंचायत, नगर विकास विभाग और ग्रामीण विकास विभागों के बीच यहां मरम्मत का खर्च वहन करने को लेकर खींचतान चल रही थी।

सिंचाई विभाग में हावड़ा के एक्जक्यूटिव इंजीनियर सुमंत्र चट्टोपाध्याय के अनुसार,नदी की सफाई और नदी में समा गई चार सौ मीटर जमीन के पुनरुद्धार के लिए 20 लाख रुपए मंजूर कर दो सौ जॉब कार्डधारियों को काम में लगाया गया। चार महीने में रामपुरहाट, डिहिभूरसूट और आसंडा ग्राम पंचायतों के इलाकों में काम कराए गए और अब आलम यह है कि बुधवार को जब दामोदर वैली कॉरपोरेशन ने डिहिभूरसूट से 87 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा, तब इलाका नहीं डूबा।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading