मप्र की नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक परियोजना को मंजूरी

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नर्मदा नियंत्रण मंडल ने 2143 करोड़ रुपए लागत की नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक परियोजना को प्रशासकीय मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में नर्मदा नियंत्रण मंडल की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार इस योजना के तहत इंदौर और उज्जैन जिले की सात तहसीलों के 158 गांवों में पेयजल के साथ 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

इंदौर के यशवंत सागर बांध को भी इस परियोजना से बार-बार भरा जा सकेगा। इस योजना में कोई विस्थापन और पुनर्स्थापन की जरूरत नहीं होगी। बैठक में 56 करोड़ 50 लाख रुपए लागत की डाबरी उद्वहन सिंचाई योजना और 97 करोड़ 21 लाख रुपए लागत की सिहाड़ा उदवहन सिंचाई योजना की प्रशासकीय मंजूरी भी दी गई।

चौहान ने बैठक में कहा कि मालवा में पानी पहुंचाने के लिए यहां की नदियों को नर्मदा से जोड़ना सबसे अच्छा विकल्प है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलकर नर्मदा-मालवा लिंक योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2024 के पहले मध्य प्रदेश को नर्मदा के अपने हिस्से के जल का उपयोग करने के लिए भी नर्मदा-मालवा लिंक योजनाएं महत्वपूर्ण हैं। इन योजनाओं के माध्यम से मालवा क्षेत्र में सिंचाई उद्योग और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा।

बैठक में बताया गया कि मालवा क्षेत्र में गिरते भूजल स्तर, सिंचाई और पेयजल की कमी को देखते हुए यह योजना प्रस्तावित की गई है। इसमें न तो बांध का निर्माण होगा और न ही कोई परिवार विस्थापित होगा। इससे इंदौर और उज्जैन जिले के 158 गांवों में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

लगभग 2143 करोड़ 46 लाख रुपए लागत की इस योजना में सिंचाई के लिए 12.5 क्यूसेक, पेयजल के लिए 1.5 क्यूसेक जल का उपयोग किया जाएगा।

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