न.ब.आ. का नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण कार्यालय पर धरना

18 Apr 2010
0 mins read

इंदौर। सरदार सरोवर बाँध की ऊँचाई गैरकानूनी रूप से बढ़ाने के फैसले के खिलाफ नर्मदा घाटी में आक्रोश है। फैसले का विरोध करने हेतु नर्मदा घाटी के प्रभावितों ने आज महात्मा गाँधी की समाधि से संकल्प लेकर ‘‘नर्मदा जीवन यात्रा’’ के रूप एक पदयात्रा प्रारंभ की।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के पर्यावरणीय उप समूह द्वारा राजनैतिक दबाव में सरदार सरोवर बाँध की ऊँचाई बढ़ाकर 138.68 मीटर करने पर सहमति दी गई है। राजनैतिक दबाव में लिए गए इस गैरकानूनी निर्णय से नर्मदा घाटी के बाशिंदों के संवैधानिक और मानवीय अधिकार धराशायी हो जाएंगे और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का खुलेआम उल्लंघन होगा।

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा भारतीय वन सर्वेक्षण के पूर्व महानिर्देशक डा. देवेन्द्र पांडेय की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने पर्यावरणीय शर्तों के पालन न होने के कारण बाँध ऊँचाई बढ़ाने का विरोध किया था। इस रिपोर्ट ने खुलासा किया था कि पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के 23 साल बाद भी इसकी शर्तों का पालन नहीं किया गया है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की अवहेलना करते हुए बाँध की ऊँचाई बढ़ाने का राजनैतिक फैसला निंदनीय है।

नर्मदा किनारे राजघाट स्थित महात्मा गाँधी की समाधि से संकल्प लेकर प्रारंभ हुई। पदयात्रा, बड़वानी, बोरलाय, अंजड, छोटा बड़दा, सेमल्दा, करोली, मनावर, बाकानेर, धरमपुरी, धामनोद होते हुए इंदौर पहुंची।

यात्रा के इंदौर पहुंचने पर इंदौर समर्थक समुह एवं शहर की अनेक सामाजिक व राजनीतिक संस्थाओं एवं गणमान्य नागरिकों ने स्थानीय जी.पी.ओ. मैदान में रैली का स्वागत किया। रैली के पूर्व एक सभा का आयोजन किया गया जिसे पूर्व सांसद कल्याण जैन, पूर्व कुलपति डॉ. भरत छापरवाल, इंटक महासचिव श्याम सुंदर यादव एवं डॉ. आर.डी.प्रसाद सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने संबोधित किया। इसके बाद पूरे शहर को पार करके रैली नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के कार्यालय पर पहुंची। पूर्व सूचना के बावजूद एन.सी.ए. का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित नहीं था। इस पर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व गुजरात से आए 3000 से अधिक बांध प्रभावितों ने नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के कार्यालय में जबरन प्रवेश कर धरना प्रारंभ कर दिया। 14 अप्रैल को अवकाश होने के कारण कोई अधिकारी घटना स्थल पर नहीं पहुंचा। 15 अप्रैल को प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी न.ब.आ. कार्यकर्ताओं से बातचीत करने पहुंचे। बांध प्रभावितों ने एन.सी.ए. द्वारा बरती जा रही लापरवाही के लिए इन अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई और कहा कि इस बार तो वे जमीन लेकर ही जाएगें। अनिश्चितकालीन धरना अभी भी जारी है और इसके पुनर्वास के संबंध में लिखित व स्पष्ट आदेश न आने तक चलने की संभावना है।

(सप्रेस/इंडिया वाटर पोर्टल)
 
Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading