स्वच्छता
नदियां कचरा ढोने का साधन नहीं हैं : अनिल माधव दवे

'भारत की सभी नदियां गंगा परिवार की नदी हैं इन सारी नदियों के स्वास्थ्य का विचार करना जरूरी है। नदी को समग्रता से समझने की जरूरत है। नदी कोई दो किनारे के बीच बहने वाला जल नहीं है वह अपने संपूर्ण जल ग्रहण के साथ एक इकाई है, जो उसका कैचमेंट एरिया है उस कैचमेंट एरिया और जलग्रहण के साथ एक इकाई है। लोग आजकल नदी को वाटरबॉडी के नाम से पुकारते हैं।नदी वाटरबॉडी नहीं यह एक जीवित इकाई है। हमारी संस्कृति नदियों के किनारे ही पनपी है अगर हम नदी के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं तो हमें आशीर्वाद देती है और गलत व्यवहार करें तो हमें दंड देती है। हमने आज भारत की सारी नदियों को सूखा या प्रदूषित कर दिए हैं जिन नदियों को हम सूखा सकते थे उसे हमने सूखा दिया है और जिन नदियों को हम सूखा नहीं सकते थे उसे कचरा ढोने का साधन बना दिया है। आज गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र आदि नदियां कचरा ढोने के अलावा कुछ भी नहीं है।'यमुना मुक्ति पदयात्रा के समय भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनिल माधव दवे का राज्यसभा में दिया गया बयान।

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