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निमंत्रण: गंगा चौपाल का आयोजन
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सृजन से विसर्जन तक गंगा हमारे लिए पूजनीय है। चाहे हम उसके किनारे रहते हों या न हों, परंतु हमारे जीवन, हमारी संस्कृति, हमारे पर्यावरण, हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे विज्ञान सहित पूरे सामाजिक जीवन को प्रभावित करती है माँ गंगा। लेकिन आज इस आज समाज के कारण ही वह उथल-पुथल के भयानक दौर से गुजर रही है। वैज्ञानिक अस्त्रों से लैस होकर हम उसका प्रवाह रोक रहे हैं, भौतिकवादी सुखों के लालच में हम गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं। आज भी करोड़ों लोगों की आस्था की प्रतीक गंगा, कुछेक लोगों के लिए सिर्फ एक संसाधन होकर रह गई हैं। शोषण का एक प्रतीक। लेकिन सवाल उसके अस्तित्व का नहीं है, सवाल है, क्या गंगा के बिना हम पल भर भी जी पाएंगे। इन सभी विषयों पर बहुत चर्चा होती है।बहुत से शोध हुए हैं। कई कार्ययोजनाएं बनी हैं। लेकिन आज गंगा को समग्रता से देखने की आवश्यकता है। गोमुख से गंगासागर तक उसके हर पहलू पर एक साथ चर्चा की शुरुआत के लिए हम सब बैठें, उसे अविरल, निर्मल बनाने के लिए भविष्य की रणनीति पर चर्चा करें, इसीलिए आयोजन है गंगा चौपाल का। आप सादर आमंत्रित हैं।

सहभागिता

गंगा किनारे का समाज, गंगा से परोक्ष-अपरोक्ष रूप से जुड़ा समाज, इतिहासकार, साहित्यकार, लोककला विशेषज्ञ, नदी, वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, उद्योगजगत, ऊर्जा विशेषज्ञ, नगर-योजनाकार

कार्यक्रम- शनिवार, 26 नवंबर, 2011, प्रातः 9.30 से सायं 6.00 बजे तक
स्थान- इस्कॉन मंदिर, ग्रेटर कैलाश, नई दिल्ली के सभागार में

संपर्क-
प्रिया मल्होत्रा – 99909-07372, कार्तिक सप्रे – 94069-04555, मयंक सिंह- 98185-55329
गंगा समग्र, 7ई, स्वामी राम तीर्थ नगर, नई दिल्ली - 110055

निमंत्रण के हार्ड कापी के लिए पीडीएफ डाउनलोड करें

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