निमो क्लाउन फिश

21 Sep 2018
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समुद्री एनिमोन
समुद्री एनिमोन

फाईंडिग निमो नामक फिल्म ने लोगों को क्लाउन फीश के बारे में जानने के लिये उत्सुक बना दिया और इसी के साथ क्लाउन फिश से जुड़े तथ्य खुलकर सामने आए हैं। यह लेख क्लाउन फिश संबंधित जानकारी प्राप्त करने में आपकी सहायता करेगा। क्लाउन फिश समुद्र में पाई जाती है और इसकी लगभग 30 विभिन्न प्रजातियाँ ज्ञात हैं। यह मछली दिखने में पीले तथा लाल रंग से लेकर नारंगी रंग की होती है जिस पर सफेद धारियाँ होती हैं। यह विशेष तरह की चट्टानीय मछली है जो कि समुद्री एनिमोन के भीतर रहती है, इसलिए भी इसे क्लाउन फिश कहते हैं इनका विस्तृत वितरण प्रशांत महासागर के गर्म पानी में, हिंद महासागर में, सुदूर उत्तरी पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्वी एशिया और जापान में है। क्लाउन फिश तथा समुद्री एनीमोन दोनों ही उथले जल में रहते हैं जिसकी गहराई 12 मीटर से अधिक नहीं होती तथा तापमान 25-28 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहता है।

इस मछली का अजीब नाम इसके खुशनुमा रंग और इसके सक्रिय स्वभाव से आया है। कई लोग गलती से यह समझ लेते हैं कि क्लाउन फिश सचमुच में अपनी हरकतों से मूर्ख बनाती है। परंतु वास्तव में यह एक आक्रामक मछली है तथा विशिष्ट क्षेत्र में ही रहती है। अपने क्षेत्र की रक्षा करने के लिये यह काफी दूर तक चली जाती है। सामान्यतः इसका घर समुद्री एनिमोन के स्पर्शकों के मध्य होता है। यह प्रकृति का विचित्र नमूना है कि क्लाउन फिश समुद्री एनिमोन के भीतर रहते हुए भी उसके स्पर्शकों के दंश से बची रहती है। वास्तव में समुद्री एनिमोन का इस्तेमाल यह अपने शिकारियों से बचने के लिये करती है। यह मछली समुद्री एनिमोन के लहराते हुए स्पर्शकों का लगातार चक्कर लगाती रहती है और हर समय इसके आस-पास ही घूमती रहती है।

ऐसा माना जाता है कि यह मछली अपने शरीर की बाहरी सतह पर एक चिकना आवरण विकसित करती है जो समुद्री एनिमोन के दंश से इसकी रक्षा करता है। क्लाउन फिश अपने भोजन के लिये समुद्री एनिमोन पर आश्रित रहती है। समुद्री एनिमोन अपने शिकार को पहले दंश से शक्तिहीन कर देता है फिर उसे खाता है और जो अवशेष रह जाता है वही क्लाउन फिश का आहार होता है इसके बदले में क्लाउन फिश समुद्री एनिमोन के टूटे हुए स्पर्शकों को खाकर उससे निजात पाने में उसकी सहायता करती है। क्लाउन फिश अपने चमकीले रंग से आसपास की मछलियों को आकर्षित करती है जिससे कि समुद्री एनिमोन को भोजन के लिये शिकार करने में भी मदद मिलती है। क्लाउन फिश समुद्री एनिमोन की सहजीवी है यह तथ्य इसे और भी खास बना देता है।

क्लाउन फिशक्लाउन फिश क्लाउन फिश के बारे में एक और आकर्षक परंतु अल्पज्ञात तथ्य यह है कि ये अपना लिंग परिवर्तित कर सकती है, यह बात क्लाउन फिश को काफी अनोखा बनाती है। पदानुक्रम के सिर पर प्रजनन करने वाली मादा आती है जिसका अनुसरण व्यस्क नर करते हैं। इसके नीचे अपरिपक्व नर का समूह होता है परंतु, यदि मादा मर जाती है तो संपूर्ण पदानुक्रम नष्ट हो जाता है। तब सबसे प्रबल नर अपने आप को मादा में रूपांतरित कर लेता है और विभिन्न परिपक्व नर में से अपना एक साथी चुन लेता है। अंडे देने की प्रक्रिया चंद्रमा की चाल से जुड़ी हुई होती है। चंद्रमा की उपस्थिति से रात्रि में क्लाउन फिश में एक उच्च कोटि की सतर्कता बनी रहती है जिससे नर एवं मादा के बीच संपर्क बढ़ जाता है। अंडे देने से पूर्व नर मादा को अपने विभिन्न क्रियाकलापों से आकर्षित करता है। इन क्रियाकलापो में पंख फैलाना, मादा को काटना और उसका पीछा करना आदि शामिल है। मादा को आकर्षित करने के लिये नर तेजी से उर्ध्वगर्त दिशा में तैरता है।

अंडों के जीवित रहने की दृष्टि से अंडे देने का स्थान भी काफी महत्त्वपूर्ण है अंडों की संख्या 400 -1500 प्रति चक्र होती है और यह संख्या मादा के आकार पर निर्भर करती है। मछली समुद्री एनिमोन के नजदीक ही किसी सुरक्षित स्थान पर अंडे देती है जहाँ अंडे सुरक्षित रह सकें और खतरे का आभास होने पर माता-पिता अपनी सुरक्षा के लिये एनिमोन में अपनी वापसी कर सकें। आमतौर पर क्लाउन फिश अपनी पसंदीदा जगह का ध्यानपूर्वक निरीक्षण एवं सफाई करने के बाद ही शाम के वक्त अपना घर बनाती हैं। ज्यादातर अंडे देने की जगह समतल या हल्का वक्रनुमा चट्टान होती है या कोई अन्य उपयुक्त वस्तु जिसे मछली इस प्रयोजन से अपने घर के पास खींच लाई हो।

मछली घरों में, मिट्टी के बर्तन या प्याले आकर्षक विकल्प हैं, सतह पर पहले मादा मछली एक पंक्ति में कुछ अंडे जमा करती है जिसके बाद उसका अनुकरण करते हुए उन अंडों को निषेचित करता है। यह प्रक्रिया कई बार दोहराई जाती है। 6-8 दिनों में, सूर्यास्त के तुरंत बाद या ज्यादातर रात्रि में इसमें से बच्चे निकलते हैं। इस दौरान नर मछली अंडे सहित घर की रक्षा करता है और निरंतर अंडों को हवा देता रहता है जिससे कि अंडों में ऑक्सीजन का उचित परिसंचरण बना रहे। इसके साथ ही खराब अंडों की जाँच भी करता है और सड़ने या अधिक क्षती पहुँचने से पहले उसे खा जाता है। घर की देखभाल में मादा नर की सहायता करती भी है और नहीं भी करती हैं।

क्लाउन फिश का विकास अपेक्षाकृत तेजी से होता है। अंडे सेने पर लार्वा उसमें से बाहर निकलता है और ऊपर चाँद की रोशनी की तरफ तैरने लगता है। नए लार्वा बहुत ही छोटे एवं पारदर्शी होते हैं। सिर्फ आंख, भ्रूण तथा कुछ रंग ही केवल शरीर पर दिखाई देते हैं। इसके बाद लार्वा बेनिथ्क वातावरण में डूब जाते हैं लेकिन फिर से तैरकर ऊपरी जल स्तम्भ में आ जाते हैं। लार्वा एक सप्ताह तक सूक्ष्म पादपों एवं जंतुओं के बीच तैरते हुए व्यतीत करता है और समुद्री धाराओं के साथ स्थानांतरित होता है कुछ दिन बाद इनकी भ्रूण अवस्था समाप्त हो जाती है और ये समुद्र की निचली सतह पर स्थित हो जाते हैं। भ्रूणा अवस्था से किशोरावस्था तक पहुँचने में 1 दिन का समय लग जाता है। किशोरावस्था के दौरान इसके रंग का काफी तेजी से विकास होता है और इसी समय क्लाउन फिश को अपने लिये उपयुक्त आवास यानि की एनिमोन को खोजना होता है। ये अपने होस्ट एनिमोन को खोजने में विशिष्ट रासायनिक घटकों का प्रयोग करते हैं।

होस्ट एनिमोनहोस्ट एनिमोन ये रासायनिक सूचक प्रत्येक क्लाउन फिश के लिये विशिष्ट होता है। इसकी सहायता से अपने पसंदीदा समुद्री एनिमोन का चयन करते हैं। जब क्लाउन फिश समुद्री एनिमोन के संपर्क में आती है तब यह एक सुरक्षात्मक श्लेष्मिक आवरण का निर्माण करती है। यह श्लेष्मिक आवरण होस्ट एनिमोन से कई बार संपर्क के बाद विकसित होता है। अपनी पहली मुलाकात के दौरान क्लाउन फिश एनिमोन के चारों तरफ चक्कर लगाती है फिर अपने पंखों से एनिमोन के स्पर्शक को छूती है फिर पूरे शरीर को छूती है। इस प्रक्रिया में कुछ मिनट से कई घंटे तक का समय लग सकता है। यदि क्लाउन फिश एनिमोन के संपर्क में आना जारी नहीं रखती है तो यह आवरण गायब हो सकता है।

क्लाउन फिश ऐसे मछलियों के समूह से है जो कि एनिमोन के निमेटोसिस्ट द्वारा दंशित नहीं होते हैं। यदि क्लाउन फिश के पास ये सुरक्षात्मक श्लेष्मिक आवरण नहीं होता तो वे एनिमोन के द्वारा दंशित हो सकते थे। अन्य प्रजाति की मछलियाँ जिनके पास ये आवरण नहीं होते हैं वे एनिमोन के द्वारा भक्ष ली जाती हैं। मादा क्लाउन फिश के प्रजनन के लिये संभावित अवधि 12 वर्ष है जो कि इस आकार की मछली के लिये अपेक्षाकृत लंबी अवधि है परंतु अन्य चट्टानीय मछलियों की विशेषता है।

सामान्यत: क्लाउन फिश दूसरी मछलियों का शिकार नहीं बनती क्योंकि ये एनिमोन के चुभने वाले स्पर्शको के बीच सुरक्षित रहती हैं। चूँकि वे मूंगे की चट्टानों के शांत कोनों के बीच रहती हैं इसलिए इसका शिकार करना आसान नहीं है। परंतु, हाल ही में मछलियाँ खारे पानी वाले मछली घरों की लोकप्रिय निवासी हो गई हैं। इस मछली के रंग, सुंदरता और मनोरंजक हरकतों ने मानव को आकर्षित किया है। यूरोप तथा संयुक्त राज्य में विशेष रूप ये खोजी जा रही हैं। इस मछली के मुख्य नमूनों को हासिल करने में बहुत से मूंगे की चट्टानों को नुकसान पहुँचा है और कुछ नष्ट भी हो गए हैं।

क्लाउन फिश पहली समुद्री सजावटी मछली है जिसका नियंत्रित वातावरण में सफलतापूर्वक उत्पादन किया गया है तथा इसका जीवन चक्र पूर्ण किया गया है। इस गैलन या उससे अधिक के चट्टानीय मछली घर के लिये क्लाउन फिश लोकप्रिय मछली रही है, साथ ही इसके पालन में शानदार सफलता भी मिली है। यह आवश्यक नहीं है कि क्लाउन फिश को एनिमोन के साथ ही रखा जाए। एनिमोन की देखरेख करना कठिन है। मछली घरों में क्लाउन फिश की विभिन्न प्रजातियों को मिश्रित रूप से नहीं रखना चाहिए। ये आमतौर पर शांति प्रिय होते हैं लेकिन अपने-अपने क्षेत्र को लेकर आपस में झगड़ा कर सकते हैं। जन्म के समय सभी क्लाउन फिश नर होते हैं। जैसे जैसे ये बड़े होते हैं उनमें से सबसे प्रबल नर, मादा में रूपांतरित हो जाती है और ये अपने क्षेत्र का प्राथमिक रक्षक होता है। समुद्र से क्लाउन फिश का शिकार कम करने के लिये इसका उत्पादन मत्स्य उत्पादन केंद्र में नियंत्रित वातावरण में भी किया जा रहा है।

क्लाउन फिश (सजावटी मछली)क्लाउन फिश (सजावटी मछली) प्राकृतिक स्रोत से पकड़ी गई उष्ण कटिबंधीय मछलियों के मरने की संभावना अधिक रहती है तथा एक सप्ताह के भीतर ही मर जाती हैं। पकड़ने का तरीका मुख्य रूप से जैसे बम लगाकर मछली पकड़ना, सोडियम साइनाइड का प्रयोग करना, इत्यादि प्राकृतिक जलाशय से पकड़ी गई क्लाउन फिश की तुलना में मत्स्य उत्पादन केंद्र में उत्पादित क्लाउन फिश में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है और जब इन्हें मछली घर में डाला जाता है तब यह कम तनावग्रस्त होती हैं। प्राकृतिक आवास में क्लाउन फिश सर्वभक्षी है। वे जीवित भोजन पसंद करती है। जैसे शैवाल, सूक्ष्मपादप, सूक्ष्म जंतु, मृदुकाय जंतु, क्रेस्टशियन्स आदि मछलीघर में य़ह मछली के टुकड़े तथा मछलियों के लिये बाजार में उपलब्ध पदार्थ खाकर जीवित रहती हैं।

जब मछली घर में समुद्री एनिमोन उपलब्ध नहीं होता तब वे विविध मुलायम मूंगा के पॉलिप में रहने लगते हैं। यदि मछली मूंगा में रहती है तो इससे उसकी त्वचा उत्तेजित भी हो सकती है। एक बार एनिमोन या मूंगा को अपनाने के बाद क्लाउन फिश उसकी रक्षा करती है। मछली घर में भोजन सहज ही उपलब्ध है इसलिए क्लाउन फिश को इसके लिये ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। इसलिए यह अपने संपूर्ण जीवन काल में अपने होस्ट से 2-4 इंच के दायरे में ही रहती है। क्या यह एक अद्भुत मछली नहीं है जिसे हर व्यक्ति अपने घरेलू मछली घर में रखना चाहेगा? तो आप कब अपने लिये निमो की खोज शुरू कर रहे हैं!

 

 

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