पहली बरसात में ही फूटे ‘भ्रष्टाचार के तालाब’

इंदौर। इस बार की बारिश ने मालवा-निमाड़ अंचल में बन रहे तालाबों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थिति यह है कि मात्र डेढ़ से पांच इंच की बारिश में ही कई तालाब फूट गए। इनमें अधिकतर वे हैं, जिनका निर्माण हाल ही में मनरेगा से हुआ था। लिहाजा सवाल उठता है कि कहीं भ्रष्टाचार तो नहीं लील गया तालाबों की गुणवत्ता?

मामूली बारिश में बही उम्मीदें... आलीराजपुर जिले में 12 तालाब फूट गए, जिन पर करीब एक करोड़ रुपए खर्च किए गए। बोरकुआं में 22 लाख का तालाब डेढ़ इंच बारिश नहीं झेल पाया तो डेडकुंडा में 28 लाख का तालाब पांच इंच बारिश में बह गया। ये दोनों तालाब जल संसाधन विभाग ने बनवाए थे। डेडकुंडा में फूटे तालाब से बहे पानी में आगे ही बना पंचायत का पुराना तालाब भी फूट गया।

कालीबैल में जल संसाधन विभाग का निर्माणाधीन तालाब बह गया। इनके अलावार बड़ी उतावली, बिज्छोली, अठावा, थापली समेत आठ तालाब और फूट गए। झाबुआ जिले के पेटलावद विकासखंड के ग्राम दुलाखेड़ी के भैस गुआड़ा फलिया में आईटीडीपी योजना में 10 लाख की लागत का तालाब, मोईवागेली में थांदला वन विभाग द्वारा मनरेगा में 9.99 लाख में बनाया गया।

कहां, कितने के तालाब फूटे


जिला

तालाब

लागत

अलीराजपुर

12

एक करोड़

झाबुआ

04

39 लाख

धार

02

09 लाख

कुल

18

1.48 करोड़ रु.



इस साल पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक बारिश हुई है, जिससे क्षति अधिक हुई। वैसे तकनीकी खामियां जानने के लिए जांच समिति बना दी है, जिनसे रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। यदि इसमें भ्रष्टाचार हुआ तो कार्रवाई करेंगे।

पुष्पलतासिंह, कलेक्टर आलीराजपुर

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