पर्णांग: एक उपेक्षित पादप समूह (Fern : A neglected plant group)
सारांश:
Abstract
प्रस्तावना
धार्मिक-तांत्रिक कार्यों में पर्णांगों का महत्व
हुपर्जिया फलेग्मेरिया:
इस पर्णांग का प्रयोेग मेघालय में विभिन्न जनजातियों के लोग एक धार्मिक पौधे के रूप में करते है। तथा उनका मानना है कि इस पर्णांग को पूजाघर में रखने से उनका शरीर रोगमुक्त हो जाएगा।
सिलेजिनेला ब्रायोप्टेरिसः
मध्य प्रदेश के विन्ध्यान क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी तथा ग्रामीण लोग सिलेजिनेला ब्रायोप्टेरिस का प्रयोग पूजा तथा अन्य धार्मिक कार्यों के लिये करते हैं।
ऐडियेन्टम कैपिलस-वेनेरीसः
भरारा, कुमाऊँ क्षेत्र की थारू जनजाति के स्थानीय वैद्य, ऐडियेन्टम कैपिलस-वेनेरीस को जादू टोने संबंधित कर्मकाण्ड के लिये प्रयोग में लाते हैं।
किलैन्थस फेरिनोसा:
पर्णांग के चूर्ण को गाय के घी के साथ मिश्रित कर उसकी धूपबत्ती बनाई जाती है जिसका प्रयोग बच्चों के अंदर व्याप्त किसी भी प्रकार के डर को दूर भगाने के लिये किया जाता है।
किलैन्थस टेन्यूईफोलिया:
बिहार की सांथल जनजाति के लोग इस पर्णांग का प्रयोग धार्मिक-तांत्रिक कार्यों के लिये करते हैं। इसकी जड़ों के अर्क का प्रयोग जादू टोने या बुरे प्रभाव को खत्म करने के लिये करते हैं।
हाइपोडीमैशियम क्रीनेट्म:
यह ‘जड़ी-बूटी’ या ‘भूत-केसरी’ के नाम से जानी जाती है तथा इस पर्णांग की जड़ों का प्रयोग मध्य भारत में रहने वाली जनजातियों के लोग जादू-टोेने तथा बुरे प्रभाव को खत्म करने के लिये करते हैं।
साइक्लोसोरस पैरासीटिकस:
भारत के पश्चिम घाट की आदिवासी जातियों में साइक्लोसोरस पैरासीटिकस के प्रकन्द का लेप बनाकर उसको माथे पर लगाया जाता है। ऐसा करने से बुरी आत्माओं का प्रभाव नष्ट हो जाता है।
थैलिप्टैरिस प्रोसेरा:
असम में थैलिप्टैरिस प्रजातियों (मुख्यतः थैलिप्टैरिस प्रोसेरा) का प्रयोग तांत्रिक लोग झाड़ू के रूप में बुरी आत्माओं को भगाने के लिये करते हैं।
साैंदर्य प्रसाधन के रूप में
ब्लैक्नम ओरियन्टेल:
मध्य प्रदेश के जंगलों में रहने वाली जनजातियों की स्त्रियां सौदर्य प्रसाधन के रूप में इसका प्रयोग करती हैं चेहरे से दाग-धब्बे हटाने के लिये इसकी पत्तियों का प्रयोग वे चेहरे पर ‘फेस मास्क’ के रूप में करती है।
ऐडियेन्टम फिलिपिन्सः
को पीसकर उसके पाउडर को सुखाकर उसका प्रयोग केशमार्जक (शैम्पू) के रूप में किया जाता है। यह हेयर टॉनिक के रूप में भी कार्य करता है तथा बालों को झड़ने, सफेद होने एवं रूसी से बचाता है। चेहरे पर कील मुहांसे होने पर ऐडियेन्टम फिलिपिन्स को प्रयोग में लाना लाभदायक माना जाता है। इसके अतिरिक्त कई वैज्ञानिक शोधों से यह सिद्ध हुआ है कि इस पर्णांग का अर्क त्वचा में मौजूद डी.एन.ए. की क्षति होने से रोकता है जिससे सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव जैसे झाइयां, काले धब्बे इत्यादि से बचा जा सकता है।
ड्रायोप्टेरिस क्रिस्टेटा
पर्णांग त्वचा के लिये बहुत लाभकारी है। इसका प्रयोग एक सुगंधित साबुन बनाने में किया जाता है तथा ऐसा माना जाता है कि यह त्वचा को जलन तथा रूखी सूखी होने से बचाता है।
कीलैन्थस टेन्यूईफोलिया
का प्रयोग केशमार्जक के रूप में किया जाता है तथा ये बालों के विकास के लिये बहुत लाभदायक है।
औनिकियम जैपोनिकम
औ. सिलिकुलोसम तथा ओफिओगलोसम पेडुला पर्णांग बालों को झड़ने से रोकते हैं।
ओफिओगलोसम पिटियोलेट्म:
राजस्थान में पाई जाने वाली आदिवासी जनजातियों के लोग (स्थानीय नाम-शांबली) के प्रकंद का प्रयोग बालों को झड़ने से रोकने के लिये करते हैं।
ओलियेन्ड्रा वालीची:
प्रकन्द त्वचा को लंबे समय तक जवां रखने में लाभदायक होता है।
उत्तर पश्चिम भारत के कुछ भागों में औरतें सिलेजिनैला प्रजाति के बीजाणुओं के चूर्ण का प्रयोग सिंदूर पाउडर के रूप में करती हैं।
कीलैन्थस फेरिनोसा
पर्णांग के चिकने डंठल का प्रयोग कुमाऊँ क्षेत्र में पाई जाने वाली स्त्रियां कान तथा नाक में श्रृंगार के रूप में करती हैं। मंनोरजन के लिये बच्चे इनके प्ररोह को हाथ में रखकर दबाते हैं जिनसे उनके हाथों मे प्ररोह की बहुत सुदंर छाप उभर आती है।
शोभाकारी एवं सजावटी पर्णांग
पर्णांग का भोजन एवं चारे के रूप में उपयोग
पेय पदार्थ के रूप में
रंजक एवं रेशे के रूप में पर्णांग का प्रयोग
पर्णांग का चिकित्सीय एवं औषधीय महत्व
खांसी, बुखार,, घाव, चोट तथा सर्पदंश में लाभदायक पर्णांग
मनोविकार में उपयोगी पर्णांग
पेट तथा हड्डियों संबंधी दर्द में उपयोगी पर्णांग
स्त्री रोगों तथा विकारों में लाभकारी पर्णांग
पर्णांग के अन्य उपयोग
निष्कर्ष
सारणी 1 - वर्णित पर्णांग प्रजातियाँ | |
वानस्पतिक नाम | वानस्पतिक नाम |
एक्टिनिओप्टेरिस रेडियाटा | कैलान्थस टेन्यूफोलिया |
(Actiniopteris radiata L.) | Cheilanthes tenuifolia (Burn f.) Sw.) |
एडियन्टम कैपिलस- वेनेरीस | साइक्लोसोरस पेरासीटिकस |
(Adiantum capillus-veneris L.) | (Cyclosorus parasiticus (L.) Farw ) |
एडियन्टम कोडेट्म | साइथिया नीलगिरेनसिस |
(Adiantum caudatum L.) | (Cyathea nilgiriensis Holttum) |
एडियन्टम इन्सीसम | डिकरेनोप्टेरिस लिनिएरिस |
(Adantum incisum Forssk.) | (Dicranopteris linearis Burm f.) |
एडियन्टम पिडेटम | डाइप्लेजियम एसकुलेंटम |
(Adiantum pedatum L.) | (Diplazium esculentum Retz. Sw.) |
एडियन्टम फिलिपिन्स | डाइप्लेजियम मैक्सिमम |
(Adantum philippense L.) | (Diplazium maximum (D.Don) C.Chr). |
एडियन्टम पोईरेटी | ड्रायोप्टेरिस क्रिस्टेटा |
(Adiantum poiretii Wikstr.) | (Dryopteris cristeda L.) |
एडियन्टम वेन्स्तम | ड्रायोप्टेरिस कोकलिएटा |
(Adiantum venustum D.Don) | (Dryopteris cochleata (D.Don) C.Chr |
अलसोफिला ग्लेबरा | इक्यूसिटम ओर्वेस |
(Alsophila glabra Sensu Bedd.) | (Equisetum arvense. L.) |
एम्पिलोप्टेरिस प्रोलीफेरा | इक्यूसिटम डेबाईल |
(Ampelopteris prolifera (Retz.) Copel. | (Equisetum debile Roxb.ex Vaucher) |
एस्प्लेनियम इनसीफोरमी | हेल्मिन्थोस्टेकिस जाईलेंका |
(Asplenium ensiforme Walll. ex Hook and Grev) | (Helminthostachys zeylanica (L.) Hook.) |
एस्प्लेनियम प्रजाति | हुपेरजि़या फलेग्मेरिया |
(Asplenium sp.) | (Huperzia phlegmaria (L.) Rothm.) |
एथीरियम सिम्पेराई | हाईपोडीमेटीयम क्रीनेट्म |
(Athyrium schimperii Moug. ex Fee) | (Hypodematium crenatum Forssk.) |
एजोला पिन्नेटा | लाइकोपोडियम क्लेवेट्म |
(Azolla pinnata R. Br.) | (Lycopodium clavatum L.) |
ब्लेकनम ओरियन्टेल | मार्सिलिया माइन्यूटा |
(Blechnum orientale L.) | (Marsilea minuta L.) |
बोट्रिकियम डोसोफोलियम | माइक्रोसोरियम पंकटेट्म |
(Botrychium daucifolium Wall. Ex Hook & Grev.) | (Microsorium punctatum L. Copel.) |
बोट्रिकियम लेनुजीनोसम | नेफ़रोलेपिस कोर्डिफोलिया |
(Botrychium lanuginosum Wall. Ex Hook & Grev.) | Nephrolepis cordifolia (L.) Presl.) |
वानस्पतिक नाम | वानस्पतिक नाम |
सिरेटोप्टेरिस थेलिक्ट्रोइडस | नेफ्रोलेपिस एक्सेलटा |
(Ceratopteris thalictroides (L) Brongn) | (Nephrolepis exaltata (L.) Schott.) |
कैलान्थस फेरिनोसा | ओड़ोन्टोसोरिया काईनेनसिस |
(Cheilanthes farinosa (Forssk) Kaulf) | (Odontosoria chinensis (L.) J.Smith) |
कैलान्थस हिरटा | ओलिएंड्रा म्यूसीफोलिया |
(Cheilanthes hirta Sw.) | (Oleandra musifolia (BI.) C.Presl.) |
ओलिएंड्रा वालीची | टेरिस क्रेटीका |
(Oleandra wallichii (Hook) C.Presl.) | (Pteris cretica L.) |
ओनिचियम जेपोनिकम | टेरिस वीटाटा |
(Onychium japonicum (Thunb.) Kunze) | (Pteris vittata L.) |
ओनिचियम सिलिकुलोसम | साल्वीनिया मोलेस्टा |
(Onychium siliculosum (Desv.) C.Chr) | (Salvinia molesta Mitch) |
ओफिओडेर्मा पेंडुला | सिलेजिनेला ब्रायोप्टेरिस |
(Ophioderma pendula (L.) C. Presl.) | (Selaginella bryopeteris (L.) Baker) |
ओफिओगलोसम पिटियोलेट्म | सिलेजिनेला डेलीकटुला |
(Ophioglossum petiolatum Hook.) | (Selaginella delicatula (Desv.exPoir.) Alston) |
ओफिओगलोस्म रेटीकुलेट्म | सिलेजिनैला इनवोलवेंस |
(Ophioglossum reticulatum L.) | (Selaginella involvens Sw. Spring |
ओसमुंडा क्लेटोनियाना | स्फिनोमेरिस काईनेनसिस |
(Osmunda claytoniana L.) | (Sphenomeris chinensis (L.) Maxon) |
ओसमुंडा रेगलिस | स्टेनोक्लाइना पेलुस्ट्रिस |
(Osmunda regalis L.) | (Stenochlaena palustris (Burm. f.) Bedd.) |
पाइलिया कैलोमेलानोस | टेक्टेरिया मेकरोडेन्टा |
(Pellaea calomelanos (Sw.) Link) | (Tectaria macrodenta (Fee) C.Chr.) |
फ़्लीबोडियम ऑरियम | थेलिप्टेरिस अरिडा |
(Phelbodium aureum (L.) J.Sm.) | (Thelypteris arida (D.Don)C.V.Morton) |
पोलिस्टिचम लेंट्म | थेलिप्टेरिस प्रोकेरा |
(Polystichum lentum (D.Don) T.Moore)) | (Thelypteris procera (D.Don) Fras-Jenk.) |
पोलिस्टिचम स्क्यूरोसम | ट्रिगनोस्पोरा कोड़ीपिन्ना |
(Polystichum squirrosum (D.Don) Fee) | (Trignospora caudipinna (ching) Sledge) |
टेरीडियम एक्विलिनियम | विटेरिया एलोंगाटा |
(Pteridium aquilimum (L.) Kuhn) | (Vittaria elongate Sw.) |
संदर्भ
सम्पर्क
प्रियंका शर्मा, अलका कुमारी एवं बृजलाल, Priyanka Sharma, Alka Kumari & Brijlal
उच्च तुंगता जीव विज्ञान एवं पादप संरक्षण विभाग, सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर 176061 (हि.प्र.), Department of High Altitude Biology and Plant ConservationCSIR-Institute of Himalayan Bioresource Technology, Palampur 176061 (H.P.)