प्रोफेसर अग्रवाल ने अनशन खत्म किया


कहा- दिए गए आश्वासन भी पूरे हों

हरिद्वार, 24 अगस्त, उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर बन रही लोहारी नागपाला जलविद्युत परयोजना को बंद करने की मांग को लेकर 36 दिन से आमरण अनशन पर बैठे आईआईटी कानपुर के पूर्व प्रोफेसर जीडी अग्रवाल को जूस पिलाकर व फल खिलाकर केंद्रीय पर्यावरण व वन राज्यमंत्री जयराम रमेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने संयुक्त रूप से अनशन तुड़वाया। प्रो. अग्रवाल ने एलान किया कि वे अन्न तभी लेंगे, जब राष्ट्रीय नदी गंगा बेसिन प्राधिकरण की बैठक में उनकी मांग पूरी होने पर मुहर लग जाएगी और अन्य मुद्दे भी संतोषजनक तरीके से सुलझा लिए जाएंगे। केंद्र सरकार ने भरोसा दिया है कि राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण की बैठक तीन हफ्ते के अंदर बुलाई जाएगी।

केंद्रीय पर्यावरण व वन राज्यमंत्री जयराम रमेश ने कहा कि प्रो. अग्रवाल की लोहारी नागपाला जलविद्युत परियोजना बंद कराने की संस्तुति वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने कर दी है। प्रधानमंत्री ने भी इस पर सहमति दे दी है। पत्र के अनुसार लोहारी नागपाला परियोजना पूरी तौर पर रोक दी जाएगी। ताला मनेरी भैरव घाटी परियोजना पर भी अब काम नहीं होगा। गंगोत्री से उत्तरकाशी तक का 135 किलोमीटर भूभाग पारिस्थितिकी के लिहाज से ईको संवेदनशील घोषित किया जाएगा। देश के सात आईआईटी के सहयोग से समग्र गंगा बेसिन कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नदी गंगा बेसिन प्राधिकरण की बैठक जल्द बुलाई जाएगी, जिसमें अन्य मुद्दों पर बातचीत होगी। वे 28 अगस्त को कानपुर आईआईटी जाकर गंगा बेसिन प्राधिकरण की कार्ययोजना को बनाने के बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में प्रो. अग्रवाल अपने साथियों को भी ला सकते हैं।

जयराम रमेश ने प्रो. अग्रवाल को प्रणब मुखर्जी का पत्र भी सौंपा। पत्र में लिखा गया है कि गंगा के प्रति करोड़ों लोगों की आस्था के कारण लोहारी नागपाला जलविद्युत परियोजना को रद्द किया गया है। साथ ही गोमुख से उत्तरकाशी के 135 किलोमीटर क्षेत्र को ईको संवेदनशील जोन घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तीन बिजली परियोजना बंद करने के बाद उपजे हालात पर प्रधानमंत्री और वे गंभीरता से विचार कर रहे हैं। राज्य में बिजली की कमी को दूर करने पर भी विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य को ग्रीन बोनस के रूप में 400 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण के प्रति चिंतित है। सरकार गंगा की धारा को अविरल व निर्मल बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है। इसके लिए राज्य सरकार ने स्पर्श गंगा अभियान शुरू किया है। हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर लोहारी नागपाला जलविद्युत परियोजना बंद करने का अनुरोध किया था। हमें प्रो. अग्रवाल के स्वास्थ्य की चिंता थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा को उत्तराखंड से आगे भी स्वच्छ व निर्मल बनाने पर सोचना होगा। इसकी जिम्मेदारी उन राज्यों की है, जहां से गंगा बहती है।

प्रो. अग्रवाल ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री जयराम रमेश की यह कह कर तारीफ की कि इन्होंने गंगा की पवित्रता के मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाई। उन्होंने कहा कि अफसरशाही के कारण ही गंगा और अन्य नदियां अपवित्र हो रही हैं। इस मौके पर गोविंदाचार्य, बाबा रामदेव, हंस देवाचार्य, शरद पुरी ने भी अपने विचार रखे।
 

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading