पर्यावरण बचाने जमा हुए नौजवान

30 Aug 2011
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दिल्ली के नौजवानों को भी ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और नदियों से बेहद लगाव है। शायद यही वजह है कि जब 'सेव हिमालय, सेव गंगा, सेव लाइफ' विषय पर राजधानी में संगोष्ठी का आयोजन किया गया तो स्कूली छात्र सहित कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी भारी संख्या में कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे।

छात्रों ने न सिर्फ वक्ताओं की बातों को गौर से सुना, बल्कि कार्यक्रम के अंत में अपने विचार भी रखे। राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक 'नईदुनिया और नूतन प्रयत्न संस्था' की ओर से आयोजित संगोष्ठी में सरकारी स्कूलों के छात्र और इंद्रप्रस्थ, दौलत राम व हिन्दू कालेज के छात्र मौजूद थे। कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने हिमालय और गंगा के भविष्य पर चिंता जताई।

विदेश से लोग भारत के पर्यटन स्थलों को देखने आते हैं। हिमालय और पर्यावरण की रक्षा करना उतना ही जरूरी है जितना की सीमाओं की रक्षा करना। इंद्रप्रस्थ कॉलेज की छात्रा हिना ने कहा आज पर्यावरण खतरे में है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं और मौसम परिवर्तन के कारण पहाड़ों की चोटियाँ टूट रही हैं। यह गंभीर स्थिति है।

सोई हुई सरकार अगर अभी भी नहीं जागी और पर्यावरण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो पर्यावरण को बचाना मुश्किल हो जाएगा। वहीं दौलत राम कॉलेज की छात्रा सुहानी ने कहा कि गंगा प्रदूषित होती जा रही है। लोग गंगा में स्नान करते वक्त साबुन का इस्तेमाल करते हैं। जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। गंगा को पूजा जाता है।

गंगा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने और लोगों को इसके प्रति जागरुक करने की जरूरत है। कार्यक्रम में छात्रों ने सरस्वती वंदना और राष्ट्रगान भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में छात्रों को सम्मानित कर एक-एक पौधा भी दिया गया।

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