शैल सागर का पानी प्रदूषित

30 Jan 2009
0 mins read

राज एक्सप्रेस/ टीकमगढ। शैल सागर से अब से तेज दुर्गंध के झोंके उठ रहे हैं। यहां इस तरह सडांध का वातावरण है कि नाक पर कपडा रखे बिना नही रहा जा सकता लोग घरों के बाहर शाम को नहीं बैठ सकते घरों के अंदर भी सुंगधित अगरबत्तियां जला कर तथा सुंगधित द्रव्यों का छिडकाव करने के बाद ही चैन की सांस ले पा रहे हैं। इस बारे में लोगों ने जब नगरपालिका में शिकायत की तो बताया गया कि शैल सागर का पानी सडने से यह स्थिति निर्मित हुई है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी डीडी तिवारी का कहना है कि यह तालाब निजी संपत्ति है उसके मालिक को नोटिस दिया गया है। तालाब के मालिक ने अनाधिकृत तौर पर तालाब क्षेत्र में प्लाट बेचें हैं जिसकी वजह से यहां रहने वाले अपने मकानों का गंदा पानी तथा सैप्टिक ओवर फ्लो इसी तालाब में बहाते है जिसके कारण पानी अत्यंत प्रदूषित हो गया है। यदि तालाब मालिक अपने स्तर पर तालाब के पानी को स्वच्छ रखने का उपाय नहीं करता है तो नगर पालिका विधि सम्मत कार्रवाई करेगी। कुछ लोगों का यह भी आरोप है कि इस तालाब में मैला डाला जा रहा है जिसके बारे में सीएमओ का कहना है कि मैला ढोने की प्रथा पर कानूनी रोक है तथा इसका पूरी तरह उन्मूलन किया जा चुका है अतः यह संभव नहीं है।

 

 

शैल सागर से नाम हुआ मल तालाब


इस तालाब की दुर्दशा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शैल सागर के नाम से अपनी पहचान रखने वाले इस तालाब का नामकरण लोगों ने अब इसके प्रदूषण की वजह से मल तालाब कर दिया है। जो न तो सुनने में अच्छा लगता है और न इस तालाब को देखने में।

 

 

 

 

फैल सकती है महामारी


यदि शीघ्र ही लोगों को इस प्रदूषण से मुक्ति नहीं दिलाई गई तो इस क्षेत्र में संक्रामक बीमारियां या महामारी फैल सकती हैं। ऐसी स्थिति में यह एक बडा मुद्दा बन जाएगा। जिला प्रशासन के सामने एक बडी समस्या होगी।

 

 

 

 

जलकुंभी से महेन्द्र सागर तालाब को खतराः


एक दशक बाद लबालब भरे महेन्द्र सागर को लीलने के लिए जलकुंभी अपना विस्तार कर रही है शीघ्र ही इसे हटाया नही गया तो तालाब का पानी प्रदूषित हो जाएगा। इस तालाब का अस्तित्व खतरे में होगा। सूखे का लंबा दौर झेलने के बाद इस वर्ष यह तालाब विशाल जल राशि से लबालब भर चुका है लेकिन इसे हानिकारक जलीय वनस्पतियों की नजर लगती जा रही है। सबसे ज्यादा खतरा जलकुंभी से है जो फिलहाल शिवमंदिर की ओर से तालाब में अपने पांव पसारती जा रही है। जबकि इस जगह पर पानी सबसे ज्यादा स्वच्छ माना जाता है। इसके अलावा तालकोठी के उस पार से भी जलकुंभी अपना हमला कर रही है। जलकुंभी के इस तेजी से होते विस्तार को उतनी ही तेजी से रोकने की जरूरत ह अन्यथा एक माह में ही यह इस तालाब के लिए एक बडी समस्या के रूप में सामने होगी। जिससे निपटने के लिए अधिक धन और अधिक श्रम दोनो खर्च होंगे। तथा तब तक फैल चुके जल प्रदूषण से पानी को स्वच्छ करने का कोई उपाय नहीं होगा। गौरतलब है कि इस वर्ष नगरपालिका ने तालाब के सौंदर्यीकरण पर काफी बडी राशि खर्च की है। इसके अलावा इसे पर्यटन एवं दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगभग एक करोड की एक वृहद परियोजना तैयार की है। नगरपालिका के सीएमओ डीडी तिवारी का कहना है कि वे जलकुंभी को हटाने पर ध्यान देंगे।

 

 

 

 

खाली हो रहा है तालाबः


लगातार पांच साल तक सूखे की मार झेलने के बाद भजन, जल यात्राओं तथा कई तरह के अनुष्ठान से बारिश की कामना करने वाले लोग इस तालाब से बडी मात्रा में पानी रिसने के कारण परेशान ह।स्कूल के नजदीक पुलिया से लगातार भारी मात्रा में पानी बह रहा ह। बूंद बूंद पानी सहेजने का नारा देने वाले जलाभिषेक अभियानों की असली तस्वीर उजागर करती पानी की यह बर्बादी यदि शीघ्र ही नहीं रोकी गई तो तालाब खाली हो जाएगा।इस बारे में मुख्य नगर पालिका अधिकारी डीडी तिवारी का कहना है कि इसके लिए जल संसाधन विभाग जिम्मेदार है। कई बार पत्र लिखने के बाद भी कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। बहरहाल दो विभागों के बीच कागजी कार्रवाई में जल ही जीवन लगातार नष्ट हो रहा है।

 

 

 

 

किसी भी दिन ढह सकता है गुंबद


इस बीते गर्मी के मौसम में बूंद-बूंद पानी के लिए मशक्कत कर चुके इस नगर के लोगों और महेन्द्र सागर का यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इस तालाब को फूटने से बचाए रखने के लिए जल संसाधन विभाग और नगरपालिका तथा जिला प्रशासन बहुत ज्यादा गंभीर नजर नहीं आते। महेन्द्र पार्क की ओर बना पुराना गुंबद ध्वस्त होने की स्थिति में है इसका आधा हिस्सा टूट कर तालाब में समा गया है शेष किसी भी दिन गिर सकता है।

नगरपालिका का कहना है कि इसकी मरम्मत या पुनर्निर्माण जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी है। नगर पालिका ने इतना अवश्य किया है कि इस स्थान पर कुछ कंटीली झाडियां रख कर सूचना लिखा दी है कि यहां आना मना है। उधर जल संसाधन विभाग ने अभी तक इस बारे में कोई कदम नहीं उठाए। इस संबंध में विभाग के कार्यपालन यंत्री से संफ करने का प्रयास किया गया किन्तु वे उपलब्ध नहीं थे।

साभार – राज एक्सप्रेस

Tags - Raj Express in Hindi, Tikmgd in Hindi, sea shell in Hindi, pond in Hindi, lake in the plot in Hindi, dirty water in Hindi, polluted in Hindi, water tanks clean in Hindi, pollution in Hindi, epidemic may spread in Hindi, Jlkunbi threat to the lake from the ocean Mahendra in Hindi, polluted lake water in Hindi, the existence of risk pool in Hindi, the longest period of drought in Hindi

 

 

 

 

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading