सौंग बाँध के डीपीआर को स्वीकृति का इन्तजार

4 May 2019
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Dream Project of Uttarakhand CM on Saung river
Dream Project of Uttarakhand CM on Saung river

मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली सौंग बांध परियोजना की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। डीपीआर में संशोधन होने के बाद परियोजना की लागत 978 करोड़ रुपए से बढ़कर 12 सौ करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। परियोजना की इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सिंचाई विभाग ने प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है। परियोजना की अधिकांश स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकी हैं और कुछ और स्वीकृतियां प्राप्त होते ही विभाग टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर देगा।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में परियोजना पर काम शुरू कराना चाहती हैं सरकार

सरकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में परियोजना पर काम शुरू कराना चाहती है, लेकिन इसकी राह में सबसे बड़ी चुनौती धनराशि जुटाने का है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नीति आयोग से परियोजना के लिए वित्तीय मदद का आग्रह कर चुके हैं। सरकार का इरादा वाह्य सहायतित योजना के तहत परियोजना का निर्माण कराने का है।

सरकार एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक(एआईआईबी) से फंडिंग कराने पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो परियोजना से संबंधित अलग-अलग प्रकार की अनापत्तियां प्राप्त की जा रही हैं। वन एवं पर्यावरणीय स्वीकृति की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है| विभाग को अन्य स्वीकृतियों का इंतजार है। इस बीच सरकार ने वित्त विभाग को ईपीसी और फंडिंग की स्वीकृति को लेकर प्रस्ताव भेजा है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद इस परियोजना में और तेजी आने के आसार हैं।

76 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली होगी झील

परियोजना के तहत बनाए जाने वाली झील 76 हेक्टेयर क्षेत्र क्षेत्रफल में होगी। बांध की ऊंचाई 148 मीटर तय की गई है। चार किमी लंबी झील से ग्रेविटी के माध्यम से जलापूर्ति होगी। इस परियोजना से सरकार देहरादून  के लिए 2051 तक पीने का पानी का बंदोबस्त कराना चाहती है।

जमरानी बांध परियोजना पर अभी और मंथन

हल्द्वानी में जमरानी बांध परियोजना के निर्माण को लेकर प्रदेश सरकार अभी और मंथन की मुद्रा में हैं। पिछले दिनों मुख्य सचिव ने परियोजना की समीक्षा की। जिसमें परियोजना की लागत को और कम किए जाने की संभावना पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया गया। परियोजना पर करीब 2584 करोड रुपए की लागत आने का अनुमान है, जिसमें दो हजार करोड़ का खर्च उत्तराखंड सरकार को करना होगा। माना जा रहा है कि लागत के हिसाब से बांध परियोजना का ज्यादा फायदा उत्तरप्रदेश को होगा।

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