सेनिटेशन की बात क्रिकेट और बालीवुड के साथ

29 Sep 2012
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वॉश युनाइटेड के कार्यकारी निदेशक थॉर्सन कीफर और क्विकसैंड प्रिंसिपल नीरत भटनागर के साथ बातचीत पर आधारित।

द ग्रेट वॉश यात्रा का विचार कैसे आया? इसके अलावा क्विकसैंड इसमें कैसे शामिल हुआ?
थॉर्सन
वॉश युनाइटेड और क्विकसैंड के बीच पहली मुलाकात कोलंबों में सफाई पर हुए एक सम्मेलन के दौरान 2011 में हुई थी। यहां हमने फुटबॉल आधारित उनके प्रारूप को क्रिकेट में बदलने का विचार साझा किया। हम सेकेंड भर के भीतर ही जान गए कि हम इस विषय पर साथ काम करना चाहते हैं। 2011 के आखिरी महीनों में, मुंबई में जल आपूर्ति और सफाई सहयोग परिषद (डब्ल्यूएसएससीसी) वैश्विक मंच के दौरान हमने क्रिकेट जैसे खेल और अभियान के बारे में अपना पहला विचार पेश किया।

नीरत
मुंबई में हमने अपना दिमाग खूब दौड़ाया और आखिरकार एक वैसी लंबी यात्रा का विचार आया जिसके माध्यम से पूरे देश का भ्रमण किया जाए। एक खास मकसद के लिए जागरुकता फैलाने वाली इस यात्रा को भारत के हिसाब से तैयार किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, द ग्रेट वॉश यात्रा के नाम से जाने जानेवाली यह यात्रा गांवों के मेलों की तरह होगी जिसमें खेलों के अलावा कई ऐसी पारंपरिक चीजें होंगी जो लोगों का ध्यान खींच सके। इसका मुख्य मकसद वॉश का संदेश देना होगा। हमारी महत्वाकांक्षा हमेशा से इस यात्रा को ज्यादा से ज्यादा दिलचस्प बनाने की रही है ताकि यह राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम बन सके और स्वच्छता के मुद्दे पर एक व्यापक अभियान छेड़ सके।

थॉर्सन
विकास कार्यों से जुड़े हमारे सहयोगी इस लाजवाब और रचनात्मक प्रारूप के बारे में जानकर बहुत उत्साहित हुए और उन्होंने इसे आर्थिक मदद देने की सहमति जताई। इसके बाद इस यात्रा को माननीय मंत्री जयराम रमेश की तरफ से भी पूरा समर्थन मिला। उन्होंने इसका नया नाम निर्मल भारत अभियान (एनबीए) रखा और यात्रा में शामिल होने की प्रतिबद्धता भी जताई।

अब हमारी यात्रा शुरू होने को तैयार है और इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण संगठन शामिल हैं जो भारत में सफाई की दिशा में काम करते हैं। हम आगे बढ़ने को तैयार हैं।

इस अभियान को यात्रा के रूप में क्यों चलाया जा रहा है?
नीरत
हम एक ऐसे प्रारुप का इस्तेमाल करना चाहते थे जिसमें भारत की झलक हो और जो खास तौर से ग्रामीण जनता को आकर्षित तो करे, लेकिन इसके साथ ही वह कई तरह की सूचनाएं देनेवाला, प्रगतिशील और मौजमस्ती से भरा हो। हम एक ऐसा प्रारुप चाहते थे जो ऐसे यथार्थ मंच का निर्माण कर सके जहां नई चीजों मसलन, बालीवुड शैली का वॉश प्रदर्शन, क्रिकेट आधारित वॉश खेलों आदि को शामिल किया जा सके और जो विभिन्न सहयोगियों के लिए स्पष्ट हो और आखिर में, हम ऐसा प्रारुप चाहते थे जो आम जनता के मन छू सके और लोगों के बीच जिसका प्रसार तेजी से हो सके।

गांव-गांव जाकर मेला आयोजित करने को अपना प्रारुप बनाने की बात पर हमें ज्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़ा और इस तरह यात्रा अस्तित्व में आई।

इस अभियान के अंत तक ऐसे कौन-कौन से अहम बदलाव हो सकते हैं जिनके बारे में आप अंदाजा लगा रहे हैं?
नीरतः
इस यात्रा के पांच लक्ष्य हैं जो हमें लगता है कि इस अभियान के अंत तक पूरे हो जाएंगे।

• मीडिया में विकास के एक महत्वपूर्ण मुद्दे के तौर पर सफाई को काफी अहमियत दी जाती हैः एनबीवाई के दौरान, भारत में और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नौ करोड़ से ज्यादा लोग इस बात को समझेंगे कि सफाई एक बड़ी समस्या है। इस दौरान उन्हें शौचालयों के इस्तेमाल, हाथ धोने और माहवारी संबंधी स्वच्छता जैसे मुद्दों पर संदेश दिए जाएंगे। इससे जो शुरुआती जागरुकता आएगी उसकी वजह से निश्चित तौर पर कुछ प्रतिशत लोग इसे अपनी आदत बना लेंगे।

• साफ-सफाई की जबर्दस्त तरीके से सिफारिशः हमें आशा है कि प्रशासन, राजनीतिक नेतृत्व, मीडिया, क्रिकेट और बालीवुड से सैकड़ों लोग साफ-सफाई के विजेता बनेंगे। हम आशा करते हैं कि आगे के समय में ये लोग इस विषय का और प्रचार-प्रसार करेंगे और वैसे नए कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे जो साफ-सफाई के प्रति लोगों का व्यवहार बदलने, इस क्षेत्र में बढ़िया नीतियों और बजट को बढ़ावा देने और भारत को सफाई का लीडर बनाने के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होंगे।

• भारत में साफ-सफाई के क्षेत्र में जागरुकता फैलाने और लोगों की आदतें बदलने के लिए बड़े पैमाने पर नवीन और प्रगतिशील तरीकों का उपयोगः वॉश युनाइटेड और क्विकसैंड ने यात्रा के लिए जिन खेलों और तरीकों का विकास किया हैः यात्रा के दौरान हम इनमें और सुधार लाएंगेः उन्हें टूलकिट में परिवर्तित किया जाएगा और वॉश संबंधी शिक्षा पर काम कर रहे संगठन इन्हें अपनाएंगे। इन संगठनों में गैर लाभकारी संगठन, सरकारी संस्थाएं, निजी क्षेत्र के फाउंडेशन, थिंक-टैंक आदि होंगे।

• प्रत्यक्ष जागरुकता व्यवहार में दीर्घकालिक परिवर्तनः एक लाख से ज्यादा लोग यात्रा का प्रत्यक्ष तरीके से अनुभव करेंगे। इस दौरान वे मौजमस्ती और कई तरह की जानकारियों से भरे अनुभव से साफ-सफाई के उचित व्यवहार के बारे में जानेंगे। वॉश युनाइटेड इन लोगों के साथ अगले एक साल तक काम करती रहेगी ताकि इनाम आदि अन्य प्रक्रियाओं की मदद से उन्हें वॉश से जुड़े अच्छे व्यवहार के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

• स्कूली बच्चे वॉश युनाइटेड क्लब के साथ जुड़ेंगेः यात्रा के बीच में पड़ने वाले 200 से ज्यादा स्कूलों के 30 हजार से ज्यादा छात्रों और 200 से ज्यादा शिक्षकों को खेलों के माध्यम से साफ-सफाई से जुड़े बढ़िया व्यवहार के बारे में बताया जाएगा।

भारत में साफ-सफाई को लेकर एक अभियान की शुरुआत करने में ये सभी चीजें हमारे बड़े लक्ष्य में शामिल हैं।

भारत अभी भी सफाई जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहा है तो क्या इस अभियान से मनचाहे बदलाव आएंगे?
नीरतः
सफाई एक बड़ा और उलझा हुआ विषय है। देश की स्वच्छता से दुड़े संकट को सुलझाने में अलग-अलग क्षेत्रों के विभिन्न साझीदारों की कई सालों की सुनियोजित और समर्पित प्रयास की जरुरत होगी। हमारी यात्रा इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह वॉश अभियान और व्यवहार परिवर्तन संबंधी संचार के क्षेत्र में नए प्रयोगों को बढ़ावा देगी। यह इस क्षेत्र को वैसे बढ़िया साधन देगी जिससे सफाई स्वच्छता की मांग बढ़ेगी और लोगों का व्यवहार बदलेगा।

आपको कैसे लगता है कि यह यात्रा निर्मल भारत अभियान के कार्यों को पूरा करने में सहायक है?
नीरत
यह यात्रा मिर्मल भारत अभियान के नेतृत्व वाले आईईसी, सूचना, शिक्षा और संचार और जागरुकता के काम में सहायक है। यह वैसे नए साधनों: खेल, प्रदर्शन, मीडिया सामग्रियों: का निर्माण करेगी जिसका उपयोग एनबीए अपने आईईसी की गतिविधियों में कर सकेगा। यात्रा की मदद से सफाई से जुड़े विषय पर मीडिया का प्रयोग कर बड़े पैमाने पर जागरुकता फैलाई जाएगी जिससे एनबीए को मदद मिलेगी।

ज्यादा जानकारी के लिए कृपया संपर्क करेः
थॉर्सन कीफर, कार्यकारी निदेशक, वॉश युनाइटेड
ईमेल : thorsten.kiefer@wash-united.org

नीरत भटनागर, प्रिंसिपल, क्विकसैंडः
ईमेल : nirat@quicksand.co.in

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