सुनीता नारायण, सीएसई
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पर्यावरण प्रेमी पद्मश्री सुनिता नारायण


सुनीता नारायण (जन्म १९६१-- ) भारत की प्रसिद्ध पर्यावरणविद है। वे हरित राजनीति और अक्षय विकास की महान समर्थक हैं। कु॰ सुनीता नारायणन सन १९८२ से भारत स्थित विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र से जुडी रहीं हैं। इस समय वे इस केन्द्र की निदेशक हैं।

वे पर्यावरण संचार समाज (Society for Environmental Communication) की निदेशक भी हैं। वे डाउन टू अर्थ नामक एक अंग्रेजी पाक्षिक पत्रिका भी प्रकाशित करती हैं जो पर्यावरण पर केन्द्रित पत्रिका है।

सुनीता नारायण हरित राजनीति और अक्षय विकास की समर्थक हैं। उनका मानना है कि वातावरण में फैलती अशुद्धता का सबसे बुरा असर तो महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। 1990 के शुरूआती दौर में उन्होंने कई वैश्विक पर्यावरण मुद्दों पर गहन शोध और वकालत शुरू की। अपने लेखन के माध्यम से उन्होंने लोगों को भी जागरूक बनाया। बाघ व पेड़ सरंक्षण के लिए उन्होंने प्रयास किए। वह विज्ञान व पर्यावरण केंद्र की निदेशक हैं। 1972 से ही वे इस केंद्र से जुड़ी रही हैं साथ ही वह पर्यावरण संचार समाज की निदेशक हैं।

वह कई पत्र-पत्रिकाओं में लिखती रही हैं और लेखन के माध्यम से पर्यावरण बचाने के अपने संदेश देती रही हैं। देश में जंगली जानवारों के अवैध शिकार और तस्करी को रोकने के लिए उन्हें टाइगर टास्क फोर्स की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। उन्हें लगता है कि विकास के मौजूदा मॉडल को बदलने की जरूरत है। अनियंत्रित तरीके से परंपरागत रोजगार और संसाधनों को नष्ट करके विकास करना चिंता का विषय है। हमें उपभोक्तवादी संस्कृति से ऊपर उठने की जरूरत है।

सन २००5 में भारत सरकार ने उन्हे पद्मश्री से अलंकृत किया।

 

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