सूखे से तड़प रहा है पूरा बिहार

16 Aug 2010
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पटना. पूरा बिहार सूखे की मार झेल रहा है ये कहना है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का। यही नहीं नीतीश ने यह भी कहा है कि उनकी सरकार सूखे से निपटने व प्रभावित किसानों की मदद के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। साथ ही बिहार को सूखाग्रस्त राज्य घोषित कर दिया गया है। बिहार पिछले चार सालों से प्राकृतिक आपदा को झेल रहा है।

सरकार ने 3 अगस्त को 38 में से 28 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। बिहार में रविवार को स्वतंत्रता दिवस धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। राज्य में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह पटना के ऎतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया गया जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तिरंगा फहराया। झंडोत्तोलन के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के सर्वागीण विकास के लिए सभी को साथ मिलकर बढ़ना होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य आज प्रगति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीच-बीच में राज्य को प्राकृतिक आपदा से रूबरू होना प़डता है नहीं तो आज यह राज्य और तेजी से आगे बढ़ता। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। 2015 तक इसे विकसित राज्य बनाने के संकल्प को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में क्या नहीं है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य के किसानों को अब तीन लाख रूपये तक का ऋण चार प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा जबकि शेष पैसा सरकार चुकायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून का राज कायम है। स़डकों और नदियों पर पुल बनाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू की पढ़ाई होगी जिसके लिए सरकार 27,000 उर्दू के शिक्षकों की बहाली करने जा रही है।

इसी तरह संस्कृत के 20,000 शिक्षकों की नियुक्ति करने की योजना है। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने 38 जिलों को सूखाग्रसत घोषित किया। उन्होंने कहा कि राज्य लगातार चार वर्षो से प्राकृति आपदा झेल रहा है। जैसे पूर्व में सभी लोगों ने साथ मिलकर प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला किया, उसी तरह आज भी जरूरत है कि सभी लोग मिलकर इस सूखे से निपटें।

उन्होंने कहा कि पूर्व में तीन अगस्त को राज्य के 28 जिलों को सूखाग्रसत घोषित किया गया था परंतु अगस्त में स्थिति और बिगड़ गई। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बने आपदा प्रबंधन समूह ने लगातार शेष बचे 10 जिलों की समीक्षा की। इसके बाद इन जिलों को भी सूखाग्रसत घोषित किया गया।

उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में उन्होंने केन्द्र सरकार से 5000 करोड़ से ज्यादा की राशि मदद के लिए मांगी है तथा अपने संसाधनों का भी उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि किसी भी परिस्थिति में लोगों को भूख से नहीं मरने दिया जाएगा। झंडोत्तोलन के पूर्व मुख्यमंत्री ने परेड का निरीक्षण किया। इस मौके पर उनकी मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने पटना के कारगिल चौक पहुंचकर शहीदों को श्रद्घांजलि भी दी।
 
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