स्वच्छता की कसौटी

20 Jun 2018
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सेनिटेशन
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भारत को अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा राजनीतिक वादा था। इस वादे के बाद स्वच्छ भारत मिशन सरकार का सबसे बड़ा कार्यक्रम बनकर उभरा है। सवाल है कि क्या इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है?

ग्रामीण भारत के हर घर में जल्द एक शौचालय होगा, भले ही शौचालय की स्थिति बहस का मुद्दा हो। 02 अक्टूबर, 2019 की समय सीमा से पहले 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। अप्रैल 2018 तक महज 27.8 मिलियन घर शौचालय से वंचित हैं। मार्च 2019 तक इन घरों में शौचालय बन जाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत के बाद शौचालय बनाने की गति में बेहद तेजी आई है। महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के अवसर पर लक्ष्य को हासिल करना है।

2014-15 के मुकाबले 2015-16 में शौचालय निर्माण की गति में 2.2 गुणा बढ़ोत्तरी हुई है। अगले वित्त वर्ष में यह रफ्तार 1.7 गुणा बढ़ गई और 2016-17 यह 1.4 गुणा हो गई। अगर 2018-19 में कम-से-कम 1.4 गुणा की रफ्तार चालू रहती है तो ग्रामीण भारत के सभी घरों में दिसम्बर 2018 तक शौचालय का निर्माण हो जाएगा। 2015-16 में शौचालय कवरेज करीब 50 प्रतिशत था जो 2016-17 में 14 प्रतिशत और 2017-18 में 19 प्रतिशत बढ़ गया।

जून 2017 में शौचालय कवरेज 62 प्रतिशत था जो अप्रैल 2018 में बढ़कर 83 प्रतिशत पहुँच चुका है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनाने में बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश सबसे पीछे हैं जबकि आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम आदि राज्यों में 100 प्रतिशत शौचालय कवरेज हासिल कर लिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण की गति धीमी है। अब तक किसी भी राज्य में लक्ष्य हासिल नहीं किया गया है। यहाँ भी बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा काफी पीछे हैं। दूसरी तरफ, अरुणाचल प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, सिक्किम और पंजाब लक्ष्य से बहुत दूर नहीं हैं।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)

ग्रामीण घरों में अक्टूबर 2019 तक शौचालय बनाने के मामले में ज्यादातर कैबिनेट मंत्री सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, बस तीन कैबिनेट मंत्रियों के क्षेत्र पिछड़ रहे हैं। हाजीपुर क्षेत्र के सांसद एवं उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान के क्षेत्र में शौचालय बनाने की यही रफ्तार चालू रही तो 2024 तक शौचालय बन पाएँगे। सुंदरगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री जुआल ओरम के क्षेत्र में यह लक्ष्य 2023 तक जबकि लखनऊ का प्रतिनिधित्व करने वाले केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के क्षेत्र में इस गति से काम चलने पर 2021 तक शौचालय बनाने का लक्ष्य पूरा हो पाएगा।

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