टैंकर का पानी, कैसे चले जिन्दगानी

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राज्य में बारिश कम होने का परिणाम यह हुआ है कि मार्च महीने में ही मीरा-भाइंदर, कल्याण डोंबिवली, उल्हासनगर, भिवंडी, ठाणे महापालिका क्षेत्र में पानी को लेकर हाहाकार मच गया है। पानी को लेकर मचे हाहाकार का फायदा उठाते हुए टैंकर वालों ने पानी आपूर्ति की दर में 40 से 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर दी है। ऐसे में इस क्षेत्र का आम आदमी यही पूछता नजर आ रहा है कि टैंकर का पानी, कैसे चले जिन्दगानी?

मीरा-भाइंदर मनपा क्षेत्र के मिनी टैंकर वाले 400 से 500 लीटर पानी का 1000 रुपए वसूलने लगे हैं। यानी एक लीटर पानी के लिये लोगों को 2.50 रुपए देने पड़ रहे हैं। वहाँ मनपा के कार्यकारी अभियन्ता सुरेश वाकाडे भी मानते हैं कि 1200 लीटर पानी के टैंकर जो 450 रुपए के थे, उनकी कीमत अब 700 रुपए हो गई है। मीरा-भाइंदर क्षेत्र में वर्तमान में 200 बड़े टैंकर चलाए जा रहे हैं जबकि 400 बड़े टैंकरों की जरूरत है। मिनी टैंकरों की कोई जानकारी उनके पास उपलब्ध नहीं थी। इसी प्रकार ठाणे मनपा में 45 टैंकर, नई मुम्बई मनपा क्षेत्र में 8, भिवंडी मनपा क्षेत्र में 21, उल्हासनगर मनपा में 18 कल्याण मनपा क्षेत्र में 21 टैंकरों से पानी की आपूर्ति हो रही है। हर मनपा क्षेत्र में टैंकर से होने वाली पानी आपूर्ति के रेट में पहले की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पूरे ठाणे जिला में 14,979 टैंकरों का रजिस्ट्रेशन आरटीओ कार्यालय में है। व्यावसायिक टैंकरों को छोड़ दिया जाये तो 10 हजार टैंकरों से पूरे ठाणे जिले में पानी की आपूर्ति की जा रही है।

भाइंदर मनपा में पहले प्रति टैंकर 450 रुपए पानी टैंकर मिलते थे वे अब बढ़कर 700 रुपए, भिवंडी मनपा में 800 रुपए प्रति टैंकर, उल्हासनगर मनपा में 250 रुपए से बढ़कर 450 रुपए प्रति टैंकर कर दिया गया है। मनपा आयुक्त मनोहर हिरे के मुताबिक टैंकर से पानी आपूर्ति पर मनपा डेढ़ करोड़ रुपए सालाना खर्च करती है। हर मनपा क्षेत्र में सप्ताह में तीन दिन की पानी कटौती होने लगी है। आने वाले दिनों में तीन दिन की जगह चार दिन पानी कटौती होने की पूरी सम्भावना है, जिसका इशारा पिछले दिनों जलापूर्ति मंत्री गिरीश महाजन से ठाणे में हुई अधिकारियों की बैठक में किया था। ठाणे में करीब 45 प्रतिशत, कडों मनपा में 21 प्रतिशत, नई मुम्बई में 47 प्रतिशत, मीरा-भाइंदर में 20 प्रतिशत और उल्हासनगर में 35 प्रतिशत की पानी कटौती शुरू हो गई है। जैसे-जैसे पानी की समस्याएँ बढ़ने लगी हैं वैसे-वैसे राजनीति भी शुरू हो गई है। पिछले दिनों एमआईएम ने मीरा-भाइंदर में धरना देकर यह आरोप लगाया था कि मुस्लिम क्षेत्रों में पानी नहीं दिया जा रहा है। इस मामले को एमआईएम विधायक ने विधानसभा में उठाने की बात भी कही है।

गैरेजों में टैंकरों की कतार

आगामी तीन-चार महीने में पानी की समस्या को लेकर टैंकरों की माँग बढ़ने वाली है। इन बातों को ध्यान में रखकर सालों से खराब पड़े टैंकरों को टैंकर मालिक बनवाने में जुटे हैं। गैरेज में इन दिनों खराब टैंकर्स को बनवाने के लिये लम्बी लाइन लगी हुई है। कडों मनपा, उल्हासनगर आदि मनपा में टैंकर से पानी आपूर्ति करने वाले बाबा तिवारी ने स्वीकार किया कि पानी की किल्लत के कारण टैंकरों की माँग बढ़ी है।

तालाब, कुओं को स्वच्छ करो

राज्य में आये पानी के संकट से निपटने के लिये ठाणे जिला के सभी मनपा क्षेत्र में स्थित तालाबों, कुओं आदि को स्वच्छ करने का आदेश पालक मंत्री एकनाथ शिंदे ने सम्बन्धित अधिकारियों को दिया है। पालक मंत्री ने ठाणे जिला में पानी संकट को लेकर पिछले दिनों जन प्रतिनिधियों की बैठक ली थी। इस बैठक में पानी समस्या को मात देने के लिये होने वाली गलतियों पर उपाय योजना व उस पर विचार करने की बात शिंदे ने कही। पानी समस्या से जूझ रहे सभी मनपा क्षेत्रों में तालाब व कुओं को स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से स्वच्छ कराने का आदेश शिंदे ने दिया। स्वयंसेवी संस्थाएँ इसके लिये मदद करने को तैयार हैं। ठाणे जिले में बढ़ती जनसंख्या व शहरीकरण को ध्यान में रखकर भविष्य में जिले में भारी पैमाने पर बाँध बनाने की आवश्यकता है। इसके लिये अभी से प्रयत्न करना होगा। इसके लिये सभी जनप्रतिनिधियों को एक साथ मिलकर काम करना होगा, ऐसा भी शिंदे ने कहा।

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