तिल-तिल कर मरती सागर झील


सागर झील को लाखा बंजारा झील भी कहा जाता है। सागर नगर इस झील के उत्तरी, पश्विमी और पूर्वी किनारों पर बसा है। दक्षिण में पथरिया पहाड़ी है, जहां विश्वविद्यालय परिसर है। इसके उत्तर-पश्चिम में सागर का किला है। नगर की स्थिति और रचना पर इस झील का बहुत प्रभाव है। सागर झील के ही वजह से सागर जिले का नाम पड़ा। लाखों लोगों को अपना पानी पिलाने वाला सागर झील तिल-तिल कर मर रहा है। सागर झील आज से करीब 500 साल पहले 1200 एकड़ से भी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ था। लेकिन लोगों की लालच को पूरा करने में सागर झील सिमट रही है। लंबे समय तक झील नगर के पेयजल का स्रोत्र रहा लेकिन अब प्रदूषण के कारण इसका पानी इस्तेमाल नहीं किया जाता।

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