वैकल्पिक ऊर्जा का बेहतर स्रोत पवन चक्की (विंडमिल)
पवन चक्की (विंडमिल)
हालांकि इंडियन विंड एनर्जी एसोसिएशन का मानना है कि पवन चक्की का टावर ज्यादा से ज्यादा 300 फुट ऊंचा होता है, जबकि वर्षा लाने वाले बादल 6000 फुट की ऊंचाई पर सक्रिय होते हैं। ऐसे में पवन चक्की का वर्षा से कोई लेना देना नहीं है। महाराष्ट्र सरकार ने तय किया था कि पवन चक्की वाली कंपनियां बिजली उत्पादन करने के बदले ग्राम पंचायत को प्रति मेगावॉट की दर से कुछ खास राशि टैक्स के रूप में भुगतान करेंगी।
ग्राम पंचायतों का कहना है कि जिस दर से राशि तय की गई थी उसका भुगतान भी नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ पवन चक्की की वजह से स्थानीय लोगों को ध्वनि प्रदूषण भी झेलना पड़ रहा है। महाराष्ट्र के सतारा जिले के काठव तालुका के लोगों का कहना है कि वर्षा नहीं होने की वजह से वे ज्वार की खेती करते, लेकिन अब वह भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह पवन चक्की में स्वयं निवेश कर आम लोगों को लाभ पहुंचाए या किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करे। ऐसा करने पर ही सूखे इलाकों में पवन चक्की हरियाली का माध्यम बन सकेगी।