विश्व जल शान्ति यात्रा

3 Aug 2015
0 mins read
Gandhi vichar parishad
Gandhi vichar parishad
स्थान : महात्मा गाँधी समाधि स्थल, राजघाट, नई दिल्ली
तारीख : 5 सितम्बर 2015, प्रातः 10 बजे


दुनिया भर में ऐसे अच्छे काम करने वाले सामाजिक समूह सब जगह मौजूद हैं, लेकिन उनकी पानी की कोई आवाज नहीं है। पानी की आवाज पानी के प्रवाह को रोकने से मर जाती है। लेकिन पानी के प्रवाह को धीमा करके धरती का पेट भरने से वह आवाज अपने आप उभर जाती है तब वह सबके भले व भविष्य को बेहतर बनाने का साधन बनती है। तीसरा विश्व जल युद्ध शुरू होने की आवाज़ चारों तरफ से आ रही है। भारत दुनिया को शान्ति का सन्देश देने वाला देश माना जाता है। यहाँ जल की लड़ाईयाँ जगह-जगह चालू हैं इन्हें शान्ति में बदलने का एकमात्र रास्ता है, जल सुरक्षा सुनिश्चित करना। जल के प्रदूषण, भूजल के शोषण एवं जल संरचनाओं के अतिक्रमण को रोकने वाली जल साक्षरता शुरू की जाये।

पिछले 31 वर्षों में राजस्थान के किसानों ने अपने फावड़े से बादल से निकली बूँद को जोहड़ में सहेजकर धरती का पेट पानी से भर लिया। उससे अपना काम भी चलाया और 7 नदियों को भी पानी का प्रवाह दे दिया।

दुनिया भर में ऐसे अच्छे काम करने वाले सामाजिक समूह सब जगह मौजूद हैं, लेकिन उनकी पानी की कोई आवाज नहीं है। पानी की आवाज पानी के प्रवाह को रोकने से मर जाती है। लेकिन पानी के प्रवाह को धीमा करके धरती का पेट भरने से वह आवाज अपने आप उभर जाती है तब वह सबके भले व भविष्य को बेहतर बनाने का साधन बनती है। इसीलिये अब ऐसे कामों को तेज करने हेतु दुनिया के सभी देशों में एक जलशान्ति यात्रा आयोजित करना तय हुआ है।

यह भारत में दिनांक 5 सितम्बर 2015 को महात्मा गाँधी समाधि स्थल, नई दिल्ली से शुरू होगी और फिर भारत में जगह-जगह पर चलेगी। इस यात्रा को आरम्भ करते समय भारत सरकार के केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी व विदेश राज्यमंत्री जनरल डाॅ. विजय कुमार सिंह (सेनानिवृत) मौजूद रहेंगे। यात्रा का शुभारम्भ सुप्रसिद्ध गाँधीवादी एसएन सुब्बाराव के प्रार्थना से होगा।

राजेन्द्र सिंह इस यात्रा के एक दल के साथ भारत के कुम्भ नासिक में पहला पड़ाव करेंगे। दूसरी यात्रा साबी नदी के उद्गम स्थल राजस्थान में दूसरा पड़ाव करेगी। इसी प्रकार देश भर के सभी राज्यों में अलग-अलग समय पर अलग-अलग यात्री दल अगले ढाई वर्षों तक जल साक्षरता की मुहिम चलाएँगे, जल संरक्षण व जल उपयोग दक्षता बढ़ाएँगे।

इसी तरह की यात्राएँ दूसरे देश में भी भू-सांस्कृतिक विविधता को सम्मान करके आयोजित होंगी। यह यात्राएँ ढाई वर्षों तक चलेंगी और वर्ष 2017 में सभी यात्री जेनेवा में एकत्रित होंगे और फिर इस दिशा में काम को बढ़ाने के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ से ऐसे काम के लिये नियम, नीति बनवाने का आग्रह करेंगे। जिससे दुनिया में जल युद्ध के बजाय जल शान्ति कायम हो सके।

सम्पर्क


संजय सिंह
(राष्ट्रीय समन्वयक)
जल-जन जोड़ो अभियान
मोबाइल- 09415114151

अशोक कुमार सिन्हा
(राष्ट्रीय सलाहकार)
जल-जन जोड़ो अभियान
मोबाइल— 098682000040

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading