ये हैं कचरे से मुक्त शहर

7 Dec 2019
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ये हैं कचरे से मुक्त शहर
ये हैं कचरे से मुक्त शहर

क्या भारत में ऐसे शहर की कल्पना की जा सकती है जहाँ शून्य कचरा हो ? शायद नहीं। भारत ही नही दुनिया  तमाम देश कूड़े की समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जिनके शहर कूड़ा मुक्त हो चुके हैं। इनमें सबसे पहला नाम है फिलिपींस के जिसके चार शहर कचरे से पूर तरह छुटकारा पा चुके हैं। यह कमाल हुआ है ‘शून्य अपशिष्ट मॉडल’ अपनाकर। यह मॉडल पहले कचरे को कम करता है, फिर अंततः पूरी तरह से खत्म कर देता है। यह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का ऐसा अनूठा मॉडल है, जिसमें कम खर्च में कचरे से धन अर्जित किया जा सकता है। भारत भी फिलीपींस से सबक लेकर इस मॉडल को अपना सकता है। क्या है यह मॉडल और फिलिपींस के चार शहर कचरे से कैसे मुक्त हुए, बता रही हैं सोनिया देवी हनाम और स्वाती सिंह सामब्याल -

टैगुइग शहर

कुछ साल पहले फिलीपींस के टैगुइग को दूसरे शहरों के कचरा डपिंग साइट के तौर पर जाना जाता था। 2009 में शहर के अधिकारी कचरे के प्रबंधन को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहे थे। उन्हें अंदाजा नहीं था कि सीमित संसाधनों में कचरा प्रबंधन का काम कैसे शुरू किया जाए। आज इस शहर के 95 फीसदी घरों में ही कचरे को अलग-अलग कर दिया जाता है। उसके बाद कर्मचारी उसे उठाकर ले जाते हैं। अब यह साफ-सुथरा और कचरा मुक्त जगह है। इसे 2015 में मनीला में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए (एसडब्ल्यूएम) सबसे स्वच्छ बरांगाय (समुदाय या गाँव) और सर्वश्रेष्ठ समुदाय के तौर पर मान्यता दी गई। तो आखिर यह बदलाव आया कैसे?

ठोस अपशिष्ट की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए शहर के अधिकारियों ने एक गैर-लाभकारी संस्था मदर अर्थ फाउंडेशन (एमईएफ) से सहायता मांगी है। एमईएफ की अध्यक्ष सोनिया मेंडोजा कहती हैं, ‘हमने शून्य अपशिष्ट कार्यक्रम को सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं समृद्धि का मुद्दा बना लिया है।’ सबसे पहले 2011 में अधिकारियों ने क्यूसी स्थित बागुम्बुहाय, रिजल स्थित टेरेसा और पलायन की प्यूटों प्रिंसेसा जैसी उन बरांगाय पर अध्ययन यात्राएं की, जहाँ रिपब्लिक एक्ट 9003 (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए फिलिपींस में बने कानून) पर सबसे अच्छे तरीके से अमल किया जा रहा है, ताकि वहाँ कचरे से निपटने के लिए अपनाए गए तौर-तरीकों को सीखकर फोर्ट बोनिफेसिओ बरांगाय में भी लागू किया जा सके। इसके बाद उन सभी आठ क्षेत्रों का दौरा किया गया, जहाँ कचरा जमा होता है। फिर स्वमूल्यांकन व बेसलाइन सर्वेक्षम के साथ काम शुरू किया। एमईएफ ने बरांगाय के अधिकारियों और प्रोजेक्ट से जुड़े स्टाफ को ‘वेस्ट एनालिसिस एंड कैरेक्टराइजेशन स्टडी’ (डब्ल्यूएसीएस) और ‘ईकोलॉजिकल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट’ (ईएसडब्ल्यूएम) के बारे में प्रशिक्षित किया। इसके बाद गहन सूचना शिक्षा संचार अभियान की शुरुआत की गई। आखिर में ‘मैटेरियल्स रिकवरी फैसिलिटी’ (एमआरएफ) की स्थापना की गई।

एमईएफ ने फोर्ट बोनिफेसिओ बरांगाय में 2012 में औपचारिक तौर पर ईएसडब्ल्यूएम का शुभारंभ किया। इसके बाद बरांगाय ने ईएसडब्ल्यूएम पर बने राष्ट्रीय कानून के अनुपालन में अध्यादेश पारित किया। इसके जरिए कचरे को ठीक से अलग करने, इकट्ठा करने, रिसाइकल करने और उसके निस्तारण को सुनिश्चित करने के साथ ही वहाँ के लिए एमआरएफ साइट की भी व्यवस्था की गई। डब्ल्यूएसीएस के निष्कर्षों के अनुसार, कुल कचरे का 40 फीसदी हिस्सा जैविक होता है, जिससे खाद बनाई जा सकती है और कचरा भराव क्षेत्र (लैंडफिल) से हटाकर उसे उर्वरक में तब्दील किया जा सकता है। इस तरह अगर कचरे को अलग-अलग कर दिया जाए तो उसका भी मूल्य दिखने लगता है। मेंडोजा ने बताया, ‘शुरुआत में बरांगाय के अधिकारियों ने कचरा बीनने वाले 15 व्यक्तियों को आधिकारिक तौर पर अपशिष्ट एकत्रित करने के लिए प्रशिक्षित किया। वे अब करीब 186 डॉलर तक की कमाई कर रहे हैं, जबकि पहले ये महज 70 डॉलर तक ही कमा पाते थे। इससे बरांगाय में रोज कचरा एकत्रित करने वाले ट्रकों की संख्या भी घट गई है। पहले ट्रक रोज औसतन 4 ट्रिप लगाते थे, अब यह संख्या घटकर एक रह गई है। इससे शहर को रोज करीब 195 डॉलर की बचत हो रही है।’ भारत क्षेत्र से कचरे का डायवर्जन (भराव क्षेत्र में जाने से रोका गया कचरा) परियोजना की सफलता और रिसाइकल उत्पादों की बिक्री से होने वाली आय संकेतक के तौर पर काम करता है। टैगुइग शहर के बजट के लिए इस प्रोजेक्ट के परिणाम काफी उपयोगी साबित हुए।

सैन फर्नांडो सिटी, पाम्पांगा

सैन फर्नांडो में 3,06,659 से अधिक लोगों का घर है और 2018 में यहाँ वेस्ट डायवर्जन की दर 80.69 प्रतिशत थी। अब शहर के सभी 35 बरांगाय इसके दायरे में हैं। यहाँ कचरे के निस्तारण को लेकर बनाए गए रिपब्लिक एक्ट 9003 का 93 फीसदी तक अनुपालन हो रहा है। शहर में 85 एम आरएफ का संचालन हो रहा है, जो यहाँ के बरांगाय, प्राइवेट सबडिविजन, स्कूलों, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं, सार्वजनिक बाजारों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में मौजूद हैं। क्रिएशन ऑफ द सिटी एनवायरमेंट एंड नेचुरल रिर्सोसेज ऑफिस (सीईएनआरओ) की तरफ से इन एनआरएफ सुविधाओं  की नियमित तौर पर निगरानी की जाती है। सीईएनआरओ एक अलग विभाग है, जिसकी प्राथमिक जिम्मेदारी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रमों को लागू करना है।

सैन फर्नाडो को शुरुआत में रिपब्लिक एक्ट 9003 को लागू करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि बरांगायओं और अन्य निकायों के बीच इस एक्ट का पालन बहुत कम हो पा रहा था। मेंडोजा कहती हैं, ‘एमईएफ ने सबसे पहले जो रणनीतियाँ अपनाई, उनमें से एक सैन फर्नाडो के निवासियों के लिए सार्वजनिक सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) का जोरदार अभियान शुरू करना रहा।’ शहर ने अनूठी पहल करते हुए घर पर ही कचरे का अलग-अलग छांटने और खाद बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक लाइव टीवी शो ‘विन-विन फॉर ऑल’ शुरू किया। इस टीवी शो में उन घरों को नकद पुरस्कार दिया जाता है, जो अपे कचरे को ठीक तरह से अलग करते हैं। शो के होस्ट हर एपिसोड में उस सप्ताह के लिए चुने गए बरांगाय में अचानक किसी घर में जाकर यह पता लगाते हैं कि वहाँ कूड़े को सही तरीके से अलग किया जा रहा है या नहीं। बचे कचरे की बढ़ती मात्रा से निपटने के लिए सैन फर्नाडो ने 2014 में एक प्लास्टिक-मुक्त अध्यादेश (अध्यादेश संख्या 2014-008) पारित किया। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को ध्यान में रखकर बनाए गए इस अध्यादेश का उद्देश्य धीरे-धीरे खाने-पीने के सामान की पैकिंग में प्लास्टिक बैग और स्टायरोफोम के इस्तेमाल को खत्म करना है।

इस अध्यादेश में आर्थिक दंड की व्यवस्था भी है। कानून का उल्लघंन करने पर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भुगतान करना पड़ता है। 13 जून, 2015 तक सैन फर्नाडो ने प्लास्टिक की थैलियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था, जिसका आज 85 प्रतिशत तक पालन हो रहा है। अपशिष्ट कर्मचारियों ने भी खुद को संगठित करते हुए शहर के स्तर पर एक सैन फर्नाडो वेस्ट बर्कस एसोसिएशन का गठन कर लिया है, जिसके अध्यक्ष सीएसडब्ल्यूएमबी में बैठते हैं। मेंडोजा बताती हैं, ‘बरांगाय की ओर से करीब 160 अपशिष्ट कर्मचारी कचरे इकट्ठा करने, अलग करने, सड़कों की सफाई और एमआरएफ प्रबंधक के तौर पर काम कर रहे हैं और औसतन 94 अमरिकी डॉलर का वेतन हर महीने पा रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें घरों से इकट्ठा किए गए रिसाइकल करने के लायक कचरे की बिक्री से भी करीब 92 अमरिकी डॉलर की औसतन आय भी होरही है।’

टैक्लोबल सिटी

साल 2015 में फिलीपींस के टैक्नोबल शहर की आबादी 2,42,089 थी और यहाँ रोज 175 टन कचरा निकलता था। आज शहर के 64 बरांगाय और समुदायों से घरेलू कचरे को इकट्ठा करने के लिए एक विकेद्रीकृत संग्रह प्रणाली है यहाँ अपशिष्ट के डायवर्जन की दर 2017 के मुकाबले 2018 के अंत तक 10 फीसदी बढ़कर 55 तक पहुँच गई है। इसी तरह इस देश के अन्य शहरों में भी एमईएफ ने सरकार को यह कार्यक्रम शुरू करने में मदद की है। अक्टूबर 2016 की शुरुआत में शहर के अधिकारियों और एमईएफ ने ईकोलॉजिकल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम का पहला चरण शुरू किया।

इसके बाद 2017 में एकीकृत पारिस्थितिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर अध्यादेश लाया गया। यह अध्यादेश लाया गया। यह अध्यादेश निवासियों को स्रोत पर ही सूखे और गीले कचरे के अलग-अलग करने का निर्देश देता है और कचरे के संग्रहण व एमआरएफ के लिए बरांगाय- विशिष्ट प्रणाली स्थापित करता है। यह बरांगायों को संग्रहण और एम आरएफ के संचालन में आने वाली लागत को वसूल करने के उपभोक्ता शुल्क लगाने के लिए भी अधिकृत करता है। इस प्रोजेक्ट के तहत शहर की सरकार ने बरांगाय को 52 पेडी कैब (साइड कार वाली साइकल) और प्लास्टिक ड्रमों के साथ ही 288 अमरिकी डॉलर भी प्रदान किए हैं, ताकि उन्हें एमआरएफ की स्थापना करने में मदद मिल सके। समितियाँ निगरानी करती रहती हैं कि घरों में कचरे को ठीक से छांटा जा रहा है या फिर नहीं। इसी बीच, नई प्रशिक्षित पर्यावरण पुलिस ने ईएसडब्ल्यूएम अध्यादेश भी लागू कर दिया। बरांगाय तनोड़ (ग्रामीण अधिकारी) ने अपने क्षेत्राधिकारी में सतर्कता के साथ गश्त की। उनके पास ऐसे लोगों का चालान काटने का अधिकार भी है, जो अपने कचरे को छांटने से इनकार कर देते हैं। ऐसे लोगों पर पहले अपराध के लिए छह अमेरिकी डॉलर के चालान या एक दिन की सामुदायिक सेवा से लेकर तीसरी बार अपराध के लिए 58 अमरिकी डॉलर तक के चालाना और तीन दिन तक की सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया।

विकेन्द्रीकृत प्रणाली ने शहर के वार्षिक बजट में 4,13,000 अमरिकी डॉलर की बचत में मदद की और साथ ही भराव क्षेत्र में 31 प्रतिशत तक कचरा भी कम हुआ। 2018 तक घरेलू कचरे के लिए विकेन्द्रीकृत संग्रहण व्यवस्था को लागू करके या प्रतिदिन 1.1 टन सामग्री बरामद कर सालाना 384 टन जैविक और 23 टन रिसाइकल योग्य कचरा जमा किया गया है।

मालाबोना सिटी

मालाबोन मनीला महानगर का एक उच्च शहरी क्षेत्र है। 19.76 वर्ग किमी भूमि पर बसे फिलिपींस के इस शहर में चार लाख लोग रहते हैं और यहाँ प्रति व्य्कति प्रतिदिन 0.56 किलो कचरा निकालता है। बरसात के दौरान शहर क भंयकर बाढ़ का सामना भी करना पड़ता है। यहाँ तक कि अगर बेमौसम अचानक भारी बारिश हो जाए, तब भी ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं।  ये उस शहर को उसके रोजमर्रा के कचरे की समस्या का निस्तारण करने के  बड़े कार्य को पूरा कनरे की चुनौती देते हैं। पोट्रेरो यहाँ का सबसे बड़ा और सबसे अधिक जनसंख्या वाला बरांगाय है, जहाँ करीब 13,500 परिवारों के 54,000 लोग रहते हैं। इन्होंने चुनौती को स्वीकार किया और सफलता के साथ उसे पूरा भी किया। शहर के निवासियों को कचरे की चार श्रेणियों-रसाई, उद्यान, रिसाइकल योग्य और बाकी बचे अपशिष्ट की पहचान कराई गई। कचरा उठाने वालों को निर्देश दिया गया कि अगर कूड़ा ठीक से अलग नहीं किया गया है, तो उसे उठाने से परहेज करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि नागरिकों को उनकी जिम्मेदारियाँ लगातार याद दिलाई जा रही हैं, कचरा उठाने वालों के साथ निगरानी अधिकारियों ने उनके घरों का दौरा किया और उनकी प्रगति के बारे में पड़ताल की। आज 90 फीसदी पोट्रेरो निवासी स्रोत स्थल पर ही कचरे को अलग करने लगे हैं।

एमईएफ के अध्ययन के अनुसार, पोट्रेरो से इकट्ठा किया गया 60 फीसदी कचरा बायोडिग्रेडेबल है, सिर्फ 15 फीसदी कचरे में रिसाइकल करने के लिए योग्य है और 15 फीसदी अपशिष्ट है। करीब 20 फीसदी लोग रसोई से निकले कचरे से खाद बना लेते हैं या फिर पशुओं को देते हैं। कचरे का 0.46 फीसदी हिस्सा खतरनाक होता है, जबकि वजन के मुताबिक कुल उत्पन्न कचरे का 10 फीसदी से अधिक हिस्सा विशेष कचरा (जैसे डायपर और नैपकीन) होता है। अगर शहर में जीरो वेस्ट मॉडल को ठीक से अपनाया जाए तो लगभग 75 फीसदी कचरे को  डायवर्ट किया जा सकता है। कानून को और बेहतर तरीके से लागू करने व भराव क्षेत्रों व डंपिंग साइटों को बढ़ने से रोकने के लिए पोट्रेरो बरांगाय ने खुद की एमआरएफ शुरू की, जहाँ बायोडिग्रेडेबल कचरे से खाद बनाई जाती है, अपशिष्ट व रिसाइकल करने लायक कचरे को तब तक रखा जाता है, जब तक कि उन्हें कबाड़ की दुकानों को न बेच दिया जाए या फिर ठीक से निस्तारण के लिए शहर उसे उठा न ले जाए। अब कचरे को अलग-अलग करके रखना घरेलू कामों का हिस्सा बन चुका है।

2016 में एमईएफ के साथ शून्य अपशिष्ट कार्यक्रम शुरू करने के ठीक एक साल बाद पोट्रेरो बरांगाय को मनीला महानगर डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से सर्वश्रेष्ठ ठोस कचरा प्रबंधन कार्यक्रम के लिए प्रशस्ति पत्र मिला। स्थानीय अध्यादेशों और नीतियों के माध्यम से कार्यक्रम को संस्थागत रूप देकर, पोट्रेरो बरांगाय की शून्य अपशिष्ट समुदाय बनने की यात्रा न सिर्फ मालाबोन, बल्कि देश के दूसरे बरांगाय और समुदायों के लिए भी एक मानदंड बन गई है। पोट्रेरो बरांगाय की सफलता से उत्साहित होकर मालाबोन सिटी ने पूरी शहर में शून्य अपशिष्ट कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया। 2017 की शुरुआत से शहर के दूसरे बरांगाय ने भी शून्य अपशिष्ट पर अमल शुरू कर दिया, जिनमें से अब कई जगह इस कार्यक्रम को और उन्नत तरीके से लागू किया जा रहा है। डैमपिलट, बैरिटन, हूलॉन्ग औरर कॉन्सेप्सियन आदि बरांगाय इनमें शामिल हैं।

 

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