यमुना : जल जो जहर बन गया
यमुनोत्री से निकलकर अपने जल से सिंचित करने वाली वाली यमुना उत्तर प्रदेश के प्रयाग में जा कर गंगा नदी में मिल जाती है। अपने 1375 किलोमीटर की यात्रा में यमुना सबसे ज्यादा प्रदूषित दिल्ली में ही होती है। दिल्ली जब दिल्ली में 48 किलोमीटर के सफर में ही 18 नाले मिल जाते हैं तो बाकी जगह का हाल क्या होगा। इसमें सबसे बड़ा योगदान औद्योगिक प्रदूषण का है जो साफ हो ही नही रहा। वज़ीराबाद बैराज के एक तरफ यमुना का पानी एकदम साफ़ और दूसरी ओर एक दम काला। इसी जगह से नदी का सारा पानी उठा लिया जाता है और जल शोधन संयत्र के लिए भेज दिया जाता है ताकि दिल्ली की जनता को पीने का पानी मिल सके। बस यहीं से इस नदी की बदहाली और इसे लुटने की अभियान शुरु हो जाती है।