Yamuna Pollution
Yamuna Pollution

यमुना प्रदूषण की मुख्य वजह शहर की गंदगी

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मसानी नाले का ओवर फ्लो रोकना जरूरी
मथुरा। यमुना प्रदूषण के लिए भले ही हम दिल्ली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं हों, लेकिन वास्तविकता इससे उलट है। शहर में यमुना ज्यादा गंदी है और विश्राम घाट से लेकर बैराज तक कोलीफार्म बैक्टीरिया की भरमार है। शहर की आबादी से निकल रहे बायो व केमिकल कचरे के कारण यमुना बुरी तरह प्रदूषित हो रही है। दिल्ली से आ रहे गंदे पानी पर तोहमत मढ़ पल्ला झाड़ने का प्रयास करने वाले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े ही उसके दावे की चुगली कर रहे हैं।

दरअसल स्नान व आचमन लायक नहीं रहे यमुना के पानी में बोर्ड की लैब मानक अनुसार कलर, टेंप्रेचर, कंडक्टीविटी, टर्बीडिटी, डीओ, क्लोराइड, बीओडी, अल्कालिनिटी, हार्डनेस आदि बताती रहती है, लेकिन इसके बावजूद उसके आंकड़े ही ज्यादा कोलीफार्म बैक्टीरिया होने की गवाही दे रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है कि सेम्पलिंग में प्रदूषण सामान्य स्तर का होने के बावजूद कोलीफार्म बैक्टीरिया असामान्य स्तर पर बने हुए हों। बोर्ड की अगस्त रिपोर्ट के अनुसार यमुना की अपस्ट्रीम में कुल कोलीफार्म बैक्टीरिया 58 हजार एमपीएन प्रति सौ मिली लीटर पाए गए हैं। तो डाउन स्टीम में इनकी संख्या बढ़कर एक लाख अस्सी हजार एमपीएन प्रति सौ मिली लीटर हो गयी।

वृंदावन की अप स्टीम में 68 हजार और डाउन स्टीम में 79 हजार कोलीफार्म बैक्टीरिया हैं। इसी आंकड़े के अनुसार वृंदावन के पहले तक यमुना में जहां कोलीफार्म बैक्टीरिया कम मात्रा में हैं, वहीं वृंदावन में भी प्रदूषण की वजह से इनकी संख्या बढ़ रही है। माना जाता है कि चलते पानी में प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाता है, जो इस रिपोर्ट में वृंदावन की अपस्ट्रीम तक कम होता नजर भी आता है, लेकिन मथुरा की यमुना में मसानी नाले से इनकी मात्रा बढ़नी शुरू हो रही है। मसानी और स्वामी घाट नाले के ओवर फ्लो के कारण विश्राम घाट पर कोलीफार्म बैक्टीरिया एक लाख 60 हजार एमपीएन प्रति सौ मिली तक पाए जा रहे हैं। इसके विपरीत शाहपुर में इनकी मात्रा केवल 57 हजार एमपीएन प्रति मिली तक है।

यमुना भक्तों का कहना है कि बोर्ड के यह आंकड़े तो बारिश के दौरान के हैं। अगस्त से पहले और सितंबर के बाद इनकी आंकड़े कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है। विश्राम घाट पर तो यमुना जल आचमन करने लायक नहीं रहा है। बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी डॉं अरविंद कुमार ने कहा कि मसानी नाले का ओवर फ्लो होना प्रदूषण का मुख्य कारण है। जब तक शहर के नाले यमुना में गिरने से नहीं रुकेंगे यही हालात रहेंगे।
 

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