यमुना यात्रा


यमुना रक्षा दल की अगुवाई में चल रही इस पदयात्रा में शामिल हर आंदोलकारी का साफ कहना है कि वो तब तक जंतर मंतर पर रोजाना धरना प्रदर्शन करेंगे जब तक यमुना उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती। इससे पहले 2011 में भी यमुना बचाओ आन्दोलन चला था, तब यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें यमुना की सफाई का भरोसा दिया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस बार आंदोलनकारी रामलीला मैदान में धरना देंगे, धरने के बाद गिरफ्तारी देंगे। और जरूरत पड़ने पर संसद का घेराव करने के अलावा दिल्ली में जाम भी लगा सकते हैं।


गंदे नाले में तब्दील हो चुकी यमुना नदी को नई जिंदगी दिलाने के संकल्प के साथ हजारों आंदोलनकारियों का काफिला सोमवार को दिल्ली में दाखिल हो गया। हालांकि ट्रैक्टर से आए आंदोलनकारियों को फरीदाबाद बॉर्डर पर ही रोक दिया गया और ट्रैफिक का हवाला देकर पुलिस ने एनएच 2 को भी बंद कर दिया, लेकिन इसके बावजूद आंदोलनकारी के हौंसले बुलंद हैं। यमुना बचाओ पदयात्रा दिल्ली में दाखिल हो चुकी है। आंदोलनकारियों ने दक्षिण दिल्ली के सरिता विहार के पास डेरा डाल रखा है। यमुना बचाओ मुहिम के साथ दिल्ली आए इन आंदोलनकारियों का कहना है कि अपनी मांगें मनवाने के लिए वो जंतर-मंतर पर धरना देंगे। यमुना की सफाई की मांग करने वाले यमुना रक्षक दल का दावा है कि सरकार दिल्ली में यमुना किनारे 20 किलोमीटर लंबी नहर बनाने की मांग पर राजी हो गई। एक मांग पूरी होने के बाद आंदोलनकारियों ने फिलहाल जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की योजना दोपहर 3 बजे तक के लिए टाल दी है।

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