युवा वैज्ञानिकों के लिये विज्ञान संचार से जुड़ने का अवसर

13 Aug 2018
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विज्ञान संचारक
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विज्ञान संचारक (फोटो साभार - अवसर) नई दिल्ली। विज्ञान को सरल भाषा में लोगों तक पहुँचाने के लिये अब युवा वैज्ञानिकों का सहारा लिया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इस सम्बन्ध में एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता की घोषणा की है।

‘शोध की अभिव्यक्ति के लिये लेखन कौशल को प्रोत्साहन’ (अवसर) नामक इस परियोजना के अन्तर्गत विज्ञान संचार को बढ़ावा देने के लिये विज्ञान के विभिन्न विषयों में पीएचडी या फिर उसके बाद शोध कर रहे शोधार्थियों से उनके अध्ययन से सम्बन्धित विषय पर आलेख आमंत्रित किये गए हैं। इनमें से चयनित किये गए सर्वश्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत किया जाएगा।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के किसी विषय में पीएचडी कर रहे या फिर पीएचडी के बाद शोध से जुड़े हुए युवा वैज्ञानिक अपने शोध से सम्बन्धित लोकप्रिय विज्ञान आलेख इस प्रतियोगिता के लिये भेज सकते हैं। वैज्ञानिक तथ्यों की सरल, सहज एवं बोधगम्य अभिव्यक्ति के मापदंडों पर प्रभावी पाए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस प्रतियोगिता के अन्तर्गत फिलहाल हिन्दी और अंग्रेजी में आलेख भेजे जा सकते हैं, जिनकी शब्द सीमा 1000 से 1500 शब्दों के बीच होनी चाहिए।

पीएचडी शोधार्थियों के लिये प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपए, दूसरा पुरस्कार, 50 हजार रुपए और तीसरा पुरस्कार 25 हजार रुपए है। इसके साथ ही चयनित किये गए 100 पीएचडी शोधार्थियों के लेखों में प्रत्येक को 10 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी तरह, पोस्ट डॉ. क्टोरल फेलो वर्ग के तहत एक उत्कृष्ट लेख के लिये एक लाख रुपए और 20 अन्य चयनित प्रविष्टियों के लिये प्रत्येक को 10 हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़ी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रश्मि शर्मा के अनुसार, “राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी संचार परिषद के अन्तर्गत ‘अवसर’ कार्यक्रम की शुरुआत इस वर्ष 24 जनवरी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने की थी। इसका उद्देश्य अखबारों, पत्रिकाओं, ब्लॉग्स, सोशल मीडिया इत्यादि के जरिए युवा वैज्ञानिकों की क्षमता का उपयोग विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिये करना है।”

इस पहल से वैज्ञानिक शोधों की जानकारी का प्रसार रोचक ढंग से ऐसी सरल भाषा में किया जा सकेगा, जिसे आम पाठक आसानी से समझ सकें। इससे भारत में हो रहे वैज्ञानिक शोधों और उनके महत्व के बारे में जागरुकता के प्रसार के साथ-साथ नए विज्ञान संचारक तैयार करने में भी मदद मिल सकेगी।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गठित प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और विज्ञान संचारकों के पैनल द्वारा इन प्रविष्टियों का मूल्यांकन किया जाएगा। आवेदन की तिथि 15 अगस्त से 30 सितम्बर, 2018 है। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी www.awsar-dst.in पर मिल सकती है। प्रविष्टि भेजने के लिये प्रतिभागियों को इस वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना होगा। ये पुरस्कार प्रतिवर्ष 28 फरवरी को प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर प्रदान किये जाएँगे।

Twitter handle : @usm_1984

 

 

 

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Awsar in Hindi, DST in Hindi, science communication in Hindi, science writing in Hindi, doctoral research in Hindi

 

 

 

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