ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल जल
ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल जल

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बना पहला स्वच्छ सुजल प्रदेश

जानिए कैसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का पहला स्वच्छ सुजल प्रदेश {Swachh Sujal Pradesh} बन गया है | Know how Andaman and Nicobar Islands have become India's first Swachh Sujal Pradesh
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अंडमान और निकोबार (एएंडएन) द्वीप समूह 17 सितंबर 2022 को पहला "स्वच्छ सुजल प्रदेश" बन गया, जिसका अर्थ है कि द्वीपों के सभी गांवों को 'हर घर जल' के रूप में प्रमाणित किया गया है और साथ ही खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस के रूप में सत्यापित किया गया है। जल शक्ति मंत्री (एमओजेएस) श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सचिव, डीडीडब्ल्यूएस, श्रीमती विनी महाजन के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का दौरा किया। इस महान उपलब्धि के लिए संघ राज्य क्षेत्र (यूटी) के लोगों और अधिकारियों को बधाई दी।

15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन (जेजेएम) के शुभारंभ के समय, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 46% ग्रामीण परिवारों के पास नल कनेक्शन थे। बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग में स्थित, यूटी में कुल 836 द्वीप हैं और यहां पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने का कार्य जेजेएम के लिए बहुत ही कठिन कार्य था। द्वीप आज मौजूद कुछ सबसे पिछड़ी जनजातियों का घर होने के कारण सुरक्षित जल और स्वच्छता के लिए सार्वभौमिक और समान पहुंच प्रदान करना और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

प्रशासन के साथ-साथ समुदायों की अदम्य भावना के साथ संयुक्त प्रयासों ने अब द्वीपों के सभी 62,037 ग्रामीण परिवारों तक नल जल कनेक्शन की पहुंच को वास्तविक रूप दिया है। जब कभी बिखरी हुई आबादी तक पहुंचने के लिए, विशेष रूप से तटीय क्षेत्र में लचीला बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ा तब संघ राज्य क्षेत्र के अधिकारियों ने विशेषज्ञ सलाह मांगी और विभिन्न नवीन तकनीकी हस्तक्षेप किए। सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों, आश्रमों और अन्य सरकारी कार्यालयों सहित सार्वजनिक संस्थाओं में अब पीने योग्य पानी उपलब्ध है। इसके अलावा, जैविक कचरे के उपचार के लिए 70 ग्राम पंचायतों को कवर करते हुए 25 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) कलस्टर्स बनाए गए हैं।

एमओजेएस ने सचिव डीडीडब्ल्यूएस के साथ, संघ राज्य क्षेत्र के ब्योदनाबाद गाँव में कालीकट गाँव और एसडब्ल्यूएम क्लस्टर का दौरा किया, जहाँ उन्होंने लाभार्थियों, पीआरआई सदस्यों, ग्रामीणों और यूटी अधिकारियों के साथ बातचीत की और मुद्दों को समझा तथा 'हर घर जल' और ओडीएफ प्लस के प्रभाव का आकलन किया।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी 266 गांवों के लोगों ने ग्राम सभा में एक प्रस्ताव पारित करके अपने गांवों को 'हर घर जल' के रूप में प्रमाणित किया है कि हर घर के साथ-साथ सार्वजनिक संस्था में अब निर्धारित गुणवत्ता के जल की नियमित आपूर्ति उपलब्ध है और कोई भी परिवार छूटा नहीं है। जेजेएम की मार्गदर्शिका में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया गया है जिसके अनुसार सबसे पहले फील्ड इंजीनियर ग्राम सभा की बैठक के दौरान पंचायत को जलापूर्ति योजना के संबंध में पूर्णता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है। ग्रामीण इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रत्येक घर को निर्धारित गुणवत्ता के जल की नियमित आपूर्ति हो रही है और गाँव में संवितरण पाइपलाइन से कोई रिसाव नहीं है।

प्रधानमंत्री के "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" के दृष्टिकोण के बाद, आज देश भर में लगभग 10.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल जल मिल रहा है। गोवा राज्य और तीन संघ राज्य क्षेत्र, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, डी एंड एन हवेली तथा दमण व दीव और पुडुचेरी ने स्वयं को हर घर जल प्रमाणित किया है।

स्रोत -  जलजीवन संवाद, अंक 24, सितम्बर 2022

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