मोबाइल पत्रकारिता कार्यशाला,आज ही करे आवेदन
आजकल सोशल मीडिया के जरिए हम देश दुनिया कि जानकारी हासिल कर सकते है | चाहे सामाजिक हो या राजनीतिक, ज्ञान, विज्ञान और जीवन से जुड़ी हर जानकारी सोशल मीडिया पर लोग साँझा कर रहे है| परंतु क्या हर वो जानकारी सही है?
आज के हालात देखकर आपके दिमाग़ में ज़रूर ये सवाल आता होगा कि पत्रकारिता किसके लिए? हमारे चारों तरफ़ नफ़रत ही नफ़रत दिखाई देती है। इस नफ़रत ने हमारे प्यारे संविधान, लोकतंत्र, बंधुत्व और न्याय की सोच को छलनी कर दिया है। लेकिन इस नफ़रत को आपके ड्राइंग रूम और फिर दिमाग़ में भरने के लिए ज़िम्मेदार कौन है? तो इसका जवाब है आपका मोबाइल फ़ोन। फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और यूट्यूब चैनल्स के ज़रिए नफ़रत, झूठ और हिंसा को ही देशभक्ति के तौर पर स्थापित करने की कोशिश हो रही है।
आज देश मे बंटवारे कि विचारधारा ने पिछले कुछ सालों में हमारे विचारों पर अपने पैठ बना ली है| इसका हमला हमारे संविधान, तथा लोकतंत्र की मुख्य संस्थाओं पर हुआ है| यह नफरत कि राजनीति का प्रचार सबसे अधिक सोशल मीडिया के जरिए ऐसा कंटेन्ट बनाया जाता है जो हमारे लोगों को न चाहते हुए भी झुट खबर सच मानने पर मजबूर कर देता है ।
क्या आप इस अत्याचार, अन्याय और असमानता के ख़िलाफ़ जनता का मीडिया खड़ा करना चाहते हैं? चाहते हैं कि आप दुनिया तक पहुंचाएं अर्ध सत्य की असलियत? तो आइए साथ मिलकर रास्ता खोजे| हम सिखाएंगे तकनीक। हम बनाएंगे आपके मोबाइल को न्यू मीडिया का पावर हाउस।
अगर आपकी आँखों में एक बेहतर मुल्क का सपना दौड़ता है.. अगर आपका मन करता है ग़ैर बराबरी, हिंसा, अत्याचार और झूठ के खिलाफ आवाज़ उठाने का.. अगर आप हर तरह के अन्याय और झूट को करना चाहते हैं बेपर्दा.. तो आपके भीतर भी बसता है एक पत्रकार। अगर आप लाना चाहते हैं समाज में बदलाव तो आपके अंदर धड़कते हैं नई दुिनया के ख़्वाब। आइए हम मिलकर खोजेंगे आगे का रास्ता। बस आपके पास होना चािहए एक मोबाइल फ़ोन, ज़ुबान में आवाज़। हम बताएंगे कैसे देना है उस आवाज़ को अल्फ़ाज़। कैसे देंगे उस अल्फ़ाज़ को परवाज़।
देश के पेशेवर आपको सिखाएँगे ग्राउंड जीरों से ख़बरें करना, कैमरे से शूट करना, रिपोर्टिंग कैसे करें, कंटेन्ट कैसे बनाया जाए , खबर या जानकारी कहाँ से प्राप्त कि जाए, इंटरव्यू कैसे करें, कैसे बनाएं नफ़रत के ख़िलाफ़ अपना मीडिया, किन नियमों का पालन करना ज़रूरी है और अपना स्टूडियो कैसे बनाए। मतलब वो सबकुछ जो एक सोशल मीडिया पत्रकार बनने के लिए ज़रूरी है। अपनी सच्ची खबर/ जानकारी को लोगों तक पोहचने के लिए मोबाईल एक कमाल का जरिया बन सकता है |
हम क्या सीखने वाले हैं
- मोबाइल में कमाल
- मोबाइल, DSLR और विडियो कैमरा
- क्या ख़बर है, क्या ख़बर नहीं है
- ग्राउंड ज़ीरो से ख़बरें कैसे करें
- स्क्रिप्ट कैसे लिखनी है
- कैसे पूछें सवाल
- सोशल मीिडया से रोजी-रोटी
- किसके लिए है ये जुटान?
अगर आप पत्रकार होना चाहते हैं आपके लिए, अगर आप पत्रकािरता की पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके लिए, अगर आप पत्रकािरता की एक कारगर ट्रेिनंग चाहते हैं तो आपके लिए और इन सबसे ऊपर जो भी मानते हैं कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए आपको पत्रकािरता में उतरना चाहिए, चाहे आपका मूल पेशा कुछ भी हो तो हमें आपको इसकी बारीिकयों से वाकिफ करते हुए ख़ुशी होगी। उन मिहलाओं को इस कार्यशाला का हिस्सा बनाते हुएहमें बेहद ख़ुशी होगी जिन्हें लगता है कि आधी आबादी की आवाज़ को जोड़े बिना देश की मुकम्मल तस्वीर नहीं बन सकती। पत्रकारिता के अलावा, सीखने का उपयोग आपके कार्यक्षेत्र में सामाजिक मुद्दों का विश्लेषण करने, वकालत अभियान बनाने, इन-हाउस समूह या पारस्परिक संचार, या अन्य जन संचार सामग्री में किया जा सकता है।
सिखाने वाले कौन होंगे?
नवीन कुमार: संस्थापक, आर्टिकल 19 इंडिया आजतक, एबीपी न्यूज़, न्यूज़ 24, इंडिया टीवी, सहारा समय, न्यूज़ एक्सप्रेस समेत कई संस्थानों में अहम पदों पर रहे प्रोफ़ेसर करुणाशंकर कुसुमा: मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर में कन्वर्जेंट जर्नलिज़्म के हेड और मोबाइल पत्रकारिता के एक्सपर्ट
संदीप चौधरी
अतुल चौरसिया
आकाश बनर्जी:
विश्वदीपक
शंभू कुमार सिंह
पूनम कौशल
स्वाति पाठक
दिनांक और स्थान
कार्यक्रम की लागत में योगदान: हमें उम्मीद है कि प्रतिभागी रुपये की राशि का योगदान देंगे। 4000/- वर्कशॉप के खर्चों के लिए, जिसमें सभी ऑन-साइट वर्कशॉप की लागतें शामिल हैं: रहने-खाने, और वर्कशॉप में उपयोग की जाने वाली सभी सामग्री। आवश्यकता-आधारित आंशिक छूट उपलब्ध हैं; हमारे पास बहुत सीमित संख्या में आंशिक छूट हैं, इसलिए कृपया छूट के लिए तभी आवेदन करें जब आपको वास्तव में इसकी आवश्यकता हो। कृपया याद रखें कि अन्य लोग भी हो सकते हैं जिन्हें आपसे अधिक इसकी आवश्यकता है।
भाषा: हिंदी और कुछ अंग्रेजी । किसी भी भाषा पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों का इसमें शामिल होने के लिए स्वागत है क्योंकि हम स्थानीय भाषाओं में लेखन को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हालांकि, संसाधन व्यक्ति अंग्रेजी, हिंदी और पंजाबी पढ़ और समझ सकते हैं।
किसी अन्य जानकारी के लिए: व्हाट्सएप या कॉल करें: 889 422 7954 (सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच), और ई-मेल: Programs@sambhaavnaa.org