अपशिष्ट जल (बेकार पानी) क्या होता है और यह कैसे उत्पन्न होता है?
एक आवासीय परिसर में कितना अपशिष्ट जल उत्पन्न होता है?
व्यावसायिक परिसरों में उत्पन्न अपशिष्ट जल:
बेकार जल (सीवेज) के घटक क्या होते हैं?
बेकार पानी का उपचार क्यों करें?
उपचार किया गए सीवेज को कैसे पुनः प्रयोग/रिसाइकिल किया जा सकता है?
बेकार पानी का कैसे उपचार किया जाता है?
अतिरिक्त जगह की जरूरत के बावजूद ग्रे वाटर उपचार को गंभीरता से क्यों नहीं लिया जाता है?
क्या सीवेज उपचार करने की कोई अन्य प्रक्रिया भी उपलब्ध है?
(मेंब्रेन बायो रिएक्टर प्रणाली)
डेवाट्स (विकेंद्रित जल उपचार प्रणाली)
ग- रेड बेड सीवेज उपचार प्रणाली:
सीवेज उपचार की प्रक्रिया में ‘‘एरोबिक’’ और एनारोबिक प्रक्रियाओं के बीच क्या अंतर है?
एक स्थापित एसटीपी में किस प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं?
क. एक एसटीपी चालू करने के प्रारम्भ में सीवेज उपचार में असफल रहता है
ख. एसटीपी का खराब डिजाइन/गलत डिजाइन
ग. एसटीपी का लगातार खराब संचालन
घ. एसटीपी से बहुत खराब गंध/बदबू निकलना
ङ. एसटीपी में शोर का ऊंचा स्तर होना
इन समस्याओं को कैसे ठीक किया जा सकता है या उनसे बचा जा सकता है?
विभिन्न क्षमताओं वाले एसटीपी की क्या लागत होती है?
5 केएलडी क्षमता का एसटीपी = रुपये 5.00 लाख10 से 15 केएलडी क्षमता का एसटीपी = रुपये 8.00 लाख25 केएलडी क्षमता का एसटीपी = रुपये 15.00 लाख35 केएलडी क्षमता का एसटीपी = रुपये 18.00 लाख50 केएलडी क्षमता का एसटीपी = रुपये 35.00 लाख75 केएलडी क्षमता का एसटीपी = रुपये 40.00 लाख100 केएलडी क्षमता का एसटीपी = रुपये 30.00 लाख (यदि इस आकार के सभी सिविल कार्य खरीददार द्वारा किया जाए)
एक एसटीपी की संचालन लागत क्या आती है?
एक 75 केएलडी क्षमता वाले या उससे बड़े एसटीपी का रखरखाव सहित संचालन लागत प्रति लीटर सीवेज उपचार के लिए 1.2 पैसे पड़ेगी। 50 केएलडी या उससे कम क्षमता वाले एक एसटीपी द्वारा सीवेज उपचार की लागत 1.5 पैसे प्रति लीटर पड़ेगी। इसमें संयंत्र को चलाने वाले कर्मचारी का खर्च शामिल नहीं है। यदि संचालन एवं रखरखाव किसी प्रतिष्ठित कंपनी द्वारा प्रदान किया जाता है तो वे एक शिफ्ट के लिए एक प्रशिक्षित संचालक और एक सुपरवाइजर नियुक्त करेंगे, इसके लिए वे रुपये 60,000 प्रति महीना चार्ज करेंगे। जबकि संचालन एवं रखरखाव करने वाली अन्य छोटी मोटी एजेंसियां उतने ही व्यक्तियों के लिए रुपये 20,000 से 30,000 चार्ज करेंगे, लेकिन वे ठीक तरह से प्रशिक्षित नहीं होंगे। क्या यह सही है कि अमूमन किसी अपार्टमेंट या भवन के मालिक/निवासी के लिए सीवेज उपचार की प्रक्रिया को समझना जटिल है?
हां, दुर्भाग्यवश यह सच है। यदि सीवेज उपचार इतना सरल और आसान हो कि सब समझ सकें तो इन सवालों का जवाब बहुत छोटा होगा और उसे आसानी से पालन किया जा सकेगा। तो ठीक है, यदि सीवेज उपचार के की समस्याओं के हल लिए किसी विशेषज्ञ की जरूरत पड़े तो रेजीडेंट एसोसिएशन क्या कर सकते हैं?इसके लिए इंडिया वाटर पोर्टल में लॉग करें और ‘‘सवाल पूछें’’ सेवा में जाएं तो आपको भारत के विभिन्न शहरों में रहने वाले आवश्यक विशेषज्ञता वाले कई लोग मिलेंगे। उनसे सम्पर्क करें और उनसे सहायता करने के बारे में पूछें और यह भी पूछें कि यदि उन्हें आपके स्थान पर आना पड़े तो वे किन शर्तों पर आ सकते हैं। आप उनमें से किसी एक से सम्पर्क करें और वे निश्चित रूप से आपसे मदद की पेशकश करेंगे। सीवेज उपचार संयंत्र के लिए करने या न करने वाली कई आवश्यक बातें?
हां, ऐसे कुछ हैं। दुर्भाग्यवश, रेजीडेंट एसोसिएशनों को कुछ कर पाने में काफी देर हो जाती है क्योंकि उन्हें सम्पत्ति पर तब कब्जा मिलता है जब सब कुछ हो चुका होता है। तो बिल्डरों को इस हिस्से को पढ़ना चाहिए और जो सुझाया गया है वह करना चाहिए क्योंकि इसमें उनके खरीददार का हित जुड़ा हुआ है। क)
किसी अपार्टमेंट/परिसर में रहने वाले निवासियों के लिए सीवेज उपचार एक बहुत महत्वपूर्ण विशेषता होती है। इसे ऐसे परिसर व स्थान पर स्थापित करना चाहिए जो कि जमीन के ऊपर हो और उसे ठीक से कार्य करने एवं आसान रखरखाव के लिए उसमें आवश्यक हवा आसानी से जा सके। एसटीपी को कभी भी बेसमेंट में स्थापित न करें। ख)
लगभग अधिकांश बहुमंजिले भवनों वाले अपार्टमेंट में एसटीपी जितना हो सके उतना जमीन के नीचे लगाया जाता है! जो एजेंसी इसे बनाती है, स्थापित करती है और शायद संचालित करती है उसकी दृष्टि से भूमिगत एसटीपी काफी अप्रिय होता है! यदि वह काम करना बंद कर दे तो उसे मरम्मत के लिए भरे हुए सीवेज को खाली करना बहुत ही थकाऊ काम होता है। उतना ही अहम उस कीचड़ को संभालना होता है जो कि एसटीपी के सामान्य संचालन के दौरान भारी मात्रा में निकलता है। चूंकि यह कीचड़ बेसमेंट से निकालना होता है इसलिए हाथों से ही निकालना पड़ता है। इस तरह संचालन एवं रखरखाव वाले दल के लिए नियमित रखरखाव काफी कठिन हो जाता है। यह एक प्रमुख कारण है जिस वजजह से एसटीपी को बेसमेंट में नहीं होना चाहिए। ग)
कुछ ऐसे अहम काम जो कभी नहीं किए जाते हैं और फिर काफी देर हो जाती है। रेजीडेंट एसोसिएशन की जिम्मेदारी है कि वे बिल्डर से सम्पत्ति में स्थापित सभी कामों के दस्तावेज मांगें। इनमें डिजाईन के लिए इस्तेमाल के तरीके सहित संपत्ति का नक्शा, बिजली संबंधी सुविधा स्थापना के लिए विस्तृत तकनीकी विशिष्टताएं, बिजली पैदा करने वाले उपकरण, पानी का पूरा ढांचा, स्वच्छ जल एवं अपशिष्ट जल को लाने व ले जाने वाले पाइपों का नक्शा जिसमें एसटीपी में अपशिष्ट जल ले जाने एवं शोधित पानी आने का नक्शा भी शामिल हो। सभी पंपो एवं मोटर पर आधारित घूमने वाले उपकरण का विवरण कि उन्हें स्थापना के लिए कैसे चयन किया गया, क्योंकि ये बिजली खपत की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। संपत्ति से जुड़े सभी अभियांत्रिकी संयंत्रों व उपकरणों का सही दस्तावेजीकरण जरूरी है। इन्हें नजरअंदाज करने से कोई सुख नहीं मिलेगा और निरंतर आपदा का सामना करना होगा! इसके बगैर, निर्धारित रखरखाव के लिए उपकरणों के बारे में जानकारी न रहने से रखरखाव/मरम्मत करने में बहुत परेशानी हो सकती है। इस बात पर कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी आवासीय परिसर में एक घर खरीदने वाला सबसे ज्यादा नुकसान में होता है, तो इसे सुधारने के लिए एवं घर खरीदने वालों की सुरक्षा के लिए क्या किया जा सकता है?
सरकार (चाहे राज्य सरकार या केन्द्र सरकार) के लिए विकल्प यह है कि वह घर खरीददारों की सुरक्षा के लिए कानून लाए। बिल्डरों के विभिन्न्न एसोसिएशनों के लिए दूसरा विकल्प यह है कि वे स्वयं ऐसा सिद्धांत बनाएं जो पूरी पारदर्शिता के साथ जल आपूर्ति की सुरक्षा प्रदान करे। इनमें से कुछ भी जल्द नहीं होने वाला है, इसलिए पूरे देश के रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एक साथ मिलकर ‘अधिनियम को दुरूस्त करने’ के लिए और जल सुरक्षा से जुड़े अहम मामलों पर ज्यादा पारदर्शी तरीके से काम करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएं।