लखनऊ शहर में एक गन्दी नाली कचरे से पटा हुआ
लखनऊ शहर में एक गन्दी नाली कचरे से पटा हुआ

मानसून आने को है, लेकिन 10 प्रतिशत नाले भी साफ नहीं

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इस बार बारिश में शहर वासियों को फिर जलभराव की भीषण समस्या से जूझना तय है। मौसम वैज्ञानिक अगले महीने मानसून की आने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं। और अभी भी नगर निगम के अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। शहर के महज दस प्रतिशत नाले ही साफ हो पाए हैं।

हर साल 31 मई तक नालों की सफाई पूरी करने का लक्ष्य रहता है। लेकिन इस बार न कोई लक्ष्य है और न ही कोई तैयारी। शहर में 499 नाले ऐसे हैं जिनकी निकासी की जिम्मेदारी अभियंत्रण विभाग की है। यह नाले एक फुट से 1.5 मीटर की चौड़ाई के हैं। कुछ दिन पहले सफाई का काम शुरू हुआ। यही हाल नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के नालों का है। इसके पास 986 नाले हैं लेकिन अभी भी एक-दो वार्डों में ही सफाई शुरू हो सकी है।

इस बार वार्डों को नालों की सफाई के लिए कर्मचारी भी आवंटित नहीं किए गए। जोनल अधिकारियों को अपने हिसाब से कर्मचारी बढ़ाकर नालियों की सफाई के लिए कहा गया है।

बारिश में घरों से निकलना मुश्किल होगा, जून में आ सकता है मानसून।

वार्डों को नालों की निकासी के लिए कर्मचारी भी आवंटित नहीं किए गए।

शहर में कई इलाकों में नाले सिल्ट से पटे पड़े हैं

शहर के ज्यादातर नाले-नालियां बजबजा रहे हैं। गन्दगी और सिल्ट से पटे पड़े हैं। चाहे इंदिरानगर हो या गोमती नगर का पार्श्व इलाका या फिर जानकीपुरम, अलीगंज, विकासनगर, महानगर, निशातगंज, आलमबाग, राजाजीपुरम, चौक, चौपटिया, नक्खास आदि। लगभग सभी क्षेत्रों में नाले बारिश में लोगों के सामने मुसीबत खड़ी करने वाले हैं।

बड़े नालों की मशीन से सफाई हो रही है

आरआर विभाग के पास 1.5 मीटर से ज्यादा चौड़े 83 नाले हैं। इनकी सफाई मशीन से की जा रही है। मुख्य अभियंता राम नगीना त्रिपाठी का दावा है कि मौलवीगंज, मशकगंज, वजीरगंज, पेपर मिल कॉलोनी, हुसैनाबाद, बालागंज, मल्लाही टोला प्रथम, गंगापीर खां वार्ड में सभी बड़े नाले साफ हो चुके हैं।

आचार संहिता का बहाना

नालों की सफाई देर से शुरू होने के पीछे आचार संहिता का लागू होना बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आचार संहिता लागू होने के कारण ठेका नहीं हो पाया है। लेकिन निगम अब खुद ही नालों की सफाई कर रहा है। वहीं पार्षदों के तर्क यह है कि आचार संहिता लागू होने से पहले ठेके की प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए थी।

डेरियाँ चोक कर नालियाँ बनी रहीं

शहर में मौजूद डेरियों के खिलाफ नगर निगम ढुलमुल नीति अपना रहा है, जबकि नालियां चोक करने में इनकी सबसे बड़ी भूमिका है। इंदिरानगर के शिवपुरी, रामविहार, दीप विहार, स्वरूप विहार, तुलसी विहार, पिकनिक स्पाट रोड, आलमबाग, पारा, आलमनगर, राजाजीपुरम, अलीगंज, विकासनगर आदि लगभग सभी क्षेत्रों में डेरियों का गोबर व गंदीगी नालों में व सीवर में पहुंच रहे हैं। इससे नाले और सीवर चोक हो रहे हैं जो बारिश में परेशानी का कारण बनते हैं। इसका खामियाजा शहर वालों को भुगतना पड़ता है।

नालों की सफाई के काम में बहुत विलम्ब हो गया है। युद्ध स्तर पर सफाई का काम नहीं किया गया तो बारिश में शहर की बहुत खराब स्थिति होगी। - गिरीश मिश्र, पार्षद

छोटे नालों की सफाई अभी शुरू नहीं हो सकी है। बारिश में बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। नगर निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। समस्या बढ़ रही है। - यावर हुसैन रेशू, पार्षद

आचार संहिता लगने के कारण नालों की सफाई का ठेका इस बार नहीं हो गया है। नगर निगम खुद नालों की सफाई कर रहा है। समय से पहले नालों की सफाई का काम पूरा करने की कोशिश की जा रही है। - एसपी सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम

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