स्वच्छ भारत अभियान - चुनौतियां और समाधान (Essay on Swachh Bharat Abhiyan promises and challenges in Hindi)

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स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर, 2014 को गांधी जयंती के अवसर पर हो रही है। इस अभियान का लक्ष्य 2019 में गांधीजी की 150वीं जयंती तक पूरे देश को शौचालय सुविधा से युक्त और खुले में शौच की प्रवृत्ति से मुक्त करना है। इस क्रम में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन’ कार्यक्रम को 24 सितम्बर को स्वीकृति भी दे दी। मिशन के तहत कुल 4041 सांविधिक नगरों में 5 वर्षों तक चलने वाले इस कार्यक्रम की अनुमानित लागत 62,009 करोड़ रुपये होगी। जिसमें केंद्रीय सहायता 14,623 करोड़ रुपये की होगी।गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू हो रहे स्वच्छ भारत अभियान का लक्ष्य 2019 तक भारत को खुले में शौच की प्रवृत्ति से मुक्त बनाना है। यह उद्देश्य व्यक्तिगत, सामूहिक और सामुदायिक शौचालय के निर्माण के माध्यम से हासिल किया जाना है। ग्राम पंचायत के जरिये ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ गांवों को साफ रखे जाने की योजना है। मांग के आधार पर सभी घरों को नलों के साथ जोड़कर सभी गांवों में पानी पाइपलाइन 2019 तक बिछाये जाने हैं। इस लक्ष्य को सभी मंत्रालयों तथा केंद्रीय एवं राज्य की योजनाओं के बीच सहयोग और तालमेल, सीएसआर एवं द्विपक्षीय/बहुपक्षीय सहायता के साथ सभी तरह के नवीन एवं अभिनव उपायों के वित्तपोषण के माध्यम से हासिल किया जाना है।

भारत में 1.21 अरब लोग रहते हैं और दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा यहां निवास करता है। देश में 1980 के दशक की शुरुआत में स्वच्छता आवृत्ति क्षेत्र एक प्रतिशत जितना कम था। 2011 की जनगणना के हिसाब से, 16.78 करोड़ घरों की लगभग 72.2 प्रतिशत भारतीय जनसंख्या 6,38,000 गांव में रहती है। इनमें से सिर्फ 5.48 करोड़ ग्रमीण घरों में शौचालय है जिसका मतलब है कि देश के 67.3 प्रतिशत घरों की पहुंच अब भी स्वच्छता सुविधा तक नहीं हो पाई है। राज्यों के माध्यम से पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय से कराए गए आधारभूत सर्वेक्षण 2012-13 के अनुसार पाया गया है कि 40.35 प्रतिशत ग्रामीण घरों में शौचालय हैं।

चुनौतियां

बढ़ते कदम

घटक

संख्या

भारत में कुल घरों की संख्या
17.13 करोड़
आईएचएचएल
11.11 करोड़*
विद्यालय में शौचालय
56,928
आंगनवाड़ी शौचालय
1,07,695
सामुदायिक स्वच्छता परिसर
1,14,315
*(इनमें से केवल 8,84,39,786 ही पात्र# श्रेणी के अंतर्गत है)

योजना के लिए शेष परिवार

:

कुल परिवार जिनके लिए आधारभूत सर्वेक्षण में शौचालय की आवश्यकता दिखाई गई है
11.11 करोड़
(-) अपात्र एपीएल
0.88 करोड़
(-) निष्क्रिय
1.39 करोड़
#शुद्ध बीपीएल पात्र एवं एपीएल पात्र
8.84 करोड़

क्रियान्वयन प्रणाली

तालमेल

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान के लिए आवश्यक धन

क्रमांक
घटक
कुल राशि*
अभ्युक्ति
1.
व्यक्तिगत शौचालय
4,165
दो वर्षों में पूर्ण
2.
सामुदायिक शौचालय
655
-तथैव-
3.
सार्वजनिक शौचालय
0
पीपीपी के जरिए
4.
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
7,366
दूसरे व तीसरे वर्ष में 90 प्रतिशत कवरेज
5.
जनजागृति
1,828
6.
क्षमता निर्माण आदि मद
14,625

*(रु. करोड़ में) स्रोत : www.pib.nic.in

(स्रोतः जल संसाधन एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के लिए जारी परामर्श का मसविदा)

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