ताजपुर गांव के हर घर में शौचालय
अंधराठाढ़ी से झंझारपुर फोरलेन की ओर जानेवाली सड़क के किनारे ताजपुर गांव है। गांव में 240 घर अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों) के हैं। गांव के अंदर की सड़क पर साफ-सफाई दिखती है। गांव में गाड़ी घुसते ही लोगों की उत्सुकता बढ़ जाती है। आस-पास लोग इकट्ठा हो जाते हैं। गांव के कायापलट की कहानी सुनाने को ये लोग बेताब दिखते हैं। ननौर पंचायत में पड़ने वाले इस गांव की मुखिया मीरा देवी हैं। केंद्र से लेकर राज्य सरकार की ओर से पहले शौचालय, फिर देवालय की बात कही जा रही है। लेकिन यहां के हर घर में शौचालय बन चुका है। गांव का कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करने नहीं जाता है। गांव के लोगों में ये जागरूकता नहीं थी। गांव में आने वाली सड़क पर गंदा पानी बहता रहता था। चारों ओर कूड़े का ढेर रहता था, लेकिन तीन साल पहले सखी संस्था चलाने वाली सुमन सिंह की ओर से साफ-सफाई की पहल की गई। इसके बाद से स्थिति बदलने लगी। सुमन सिंह कहती हैं, गांव के लोगों को समझाना आसान नहीं था। मुखिया भी हिचकिचा रही थी, लेकिन जब काम शुरू हुआ, तो गांव के लोगों का मन बदलने लगा।