विद्यालय स्वच्छता एवं स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम

विद्यालय स्वच्छता एवं स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम

Published on
1 min read

कहते हैं, कि नींव जितनी मजबूत होगी, मकान उतना ही सुदृढ़ होगा, जड़े जितनी सशक्त होंगी, वृक्ष उतना ही बढ़िया होगा। वैसे ही हमारे विद्यालयों के बच्चों को हम जितना व्यावहारिक ज्ञान देंगे, जितना ही कर के सीखने का मौका देंगे उतना ही उनकी जानकारी और अनुभव में ठोस और पक्की बातें शामिल होती जाएंगी, जिसे वे संस्कार के रूप में आगे अपनी अगली पीढ़ी को दे सकेंगे।

बच्चों के व्यवहारिक ज्ञान को सुदृढ़ करने का प्रयास, उनके फील्ड में प्रतिदिन कार्य करने, सर्वे करने के लिए घर-घर जाकर लोगों से बातचीत करने, सोख्ता गड्ढे कूड़ा-गड्ढे का निर्माण कराने के आधार पर किया गया है। बच्चों को न सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान दिया जा रहा है बल्कि स्वयं अपने हाथों से चीजों को कर के देखना और उसके परिणा से संतुष्ट होने का मौका दिया जा रहा है। उम्मीद की जाती है कि यह ज्ञान एक बच्चे से दूसरे बच्चे तक पहुँचता हुआ, परिवार में जाएगा और फिर पूरे समुदाय तक पहुँचेगा। इस मॉड्यूल बाल संसद क्या है, इसका निर्माण क्यों और कैसे होता है उसकी पूरी अवधारणा से भी बच्चों को अवगत कराया जाता है जिससे वे अपने विद्यालय में संसद के सदस्य की भूमिकाएं बखूबी निबा सकें।

एक बच्चे से घर खुशहाल होता है और अन्दाजा लगाइए कि जब बच्चे अपनी जानकारी का उजाला दूसरे घरों तक भी पहुँचाएंगे तो सब कुछ कैसा होगा?

पूरा ट्रेनिंग मॉडूल उपलब्ध है।
 

संबंधित कहानियां

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org