पानी के पांच मंत्र हमें अपनाने हैं- डी चक्रवर्ती

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विश्व जल दिवस के अवसर पर विशेष रेडियो श्रृंखला “जल है तो कल है” इंडिया वाटर पोर्टल प्रस्तुत कर रहा है। यह कार्यक्रम वन वर्ल्ड साउथ इंडिया के सहयोग से प्रस्तुत किया जा रहा है। 23 मार्च के हमारे मेहमान रहे सीजीडब्ल्यूबी में कार्यरत वैज्ञानिक डी चक्रवर्ती। उनसे इंडिया वाटर पोर्टल हिन्दी की मीनाक्षी अरोड़ा ने बातचीत की। पेश है उनसे पूरी बातचीत।

यह कार्यक्रम एआईआर एफएम रेनबो इंडिया (102.6 मेगाहर्टज) पर रोजाना 18-23 मार्च, 2010 तक समय 3:45- 4:00 शाम को आप सुन सकते हैं।

कार्यक्रम आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैं

परिचय - डी चक्रवर्ती

(वैज्ञानिक- सीजीडब्ल्यूबी)

डी चक्रवर्ती एक उर्जावान जल वैज्ञानिक हैं। रूड़की विश्वविद्यालय से हाइड्रोलॉजी में मास्टर ऑव इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त हैं। भूजल के संवर्धन और संरक्षण के क्षेत्र में पिछले दो दशकों से सक्रिय श्री चक्रवर्ती देश के ऐरिड और सेमीऐरिड इलाकों के भूजल संवर्धन के अध्येता हैं।

केन्द्रीय भूजल आयोग के साथ काम करते हुए भूजल महारती श्री चक्रवर्ती दिल्ली और एनसीआर में सीजीडब्ल्यूबी द्वारा क्रियान्वित कृत्रिम भूजल संवर्धन प्रोजेक्ट से भी जुड़े हुए हैं।

विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं जैसे रोटरी इंटरनेशनल, शैक्षिक संस्थानों, यूनेस्को और कारपोरेट आदि को वर्षा जल संरक्षण पर जागरूकता लाने के लिए न सिर्फ तकनीकी गाइडेंस दी बल्कि रिचार्ज प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वन में भागीदारी भी की। फिक्की और सीआईआई के जल संरक्षण और वर्षाजल संग्रहण के कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हैं।

हाल में डी चक्रवर्ती सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी के साथ काम कर रहे हैं जहां उनका मुख्य कार्य वर्षाजल संग्रहण और भूजल के कृत्रिम रिचार्ज के लिए तकनीकी डिजाइन बनाना है।

पानी के पांच मंत्र हैं उनके पास। वे कहते हैं, वे मंत्र ही हमें बचाएंगे। क्या हैं उनके पांच मंत्र? जानने के लिए सुनिए। सुनें उनसे बातचीत

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